Edited By ,Updated: 23 Dec, 2025 05:12 AM

22 अप्रैल, 2025 के ‘पहलगाम’ आतंकी हमले, जिसमें पाकिस्तान के पाले हुए आतंकवादियों ने 26 भारतीय पर्यटकों को उनका धर्म पूछ कर मार डाला था, के जवाब में 6 मई, 2025 को भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘आप्रेशन सिंदूर’ चलाया।
इसके अंतर्गत भारतीय सुरक्षा बलों ने पाक...
22 अप्रैल, 2025 के ‘पहलगाम’ आतंकी हमले, जिसमें पाकिस्तान के पाले हुए आतंकवादियों ने 26 भारतीय पर्यटकों को उनका धर्म पूछ कर मार डाला था, के जवाब में 6 मई, 2025 को भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘आप्रेशन सिंदूर’ चलाया। इसके अंतर्गत भारतीय सुरक्षा बलों ने पाक अधिकृत कश्मीर (पी.ओ.के.) में ‘मुजफ्फराबाद, तथा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में ‘बहावलपुर’ और अन्य स्थानों पर मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को नष्टï करने और 100 से अधिक आतंकवादियों को ढेर करने के साथ ही 11 एयरबेस तबाह कर दिए थे।
नष्ट किए गए आतंकी ठिकानों में पाकिस्तान का बड़ा कमॢशयल हब ‘मुरीदके’ भी शामिल था, जहां लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय भी है। इसे ‘आतंक की नर्सरी’ कहा जाता है। 200 एकड़ में फैले इस मुख्यालय में आतंकियों के ट्रेङ्क्षनग कैम्प चलाए जाते हैं।बी.एस.एफ. के अधिकारियों ने पता लगाया है कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पार पाकिस्तान में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के 5 किलोमीटर के दायरे में कम से कम 9 लांच पैडों को पिछले कुछ समय के दौरान दोबारा सक्रिय कर दिया गया है, जहां पिछले कुछ समय के दौरान लोगों की गतिविधियां देखी गई हैं।
इसी को देखते हुए अधिकारियों ने सीमावर्ती गांवों के लोगों को दुश्मनों द्वारा की जाने वाली किसी भी प्रकार की घुसपैठ से सावधान रहने तथा इसे रोकने की चेतावनी जारी की है। पिछले 2 सप्ताहों के दौरान बी.एस.एफ. जम्मू फ्रंटियर के अधिकारियों ने कम से कम 2 दर्जन गांवों में औचक तलाशी अभियान चलाया और 14 तथा 15 दिसम्बर को सीमावर्ती गांवों में सुरक्षा व्यवस्था तथा घुसपैठ रोकने के लिए किए गए प्रबंधों की समीक्षा भी की। बी.एस.एफ. के अधिकारियों का कहना है कि जैश के अधिकांश आतंकवादी कैम्प विशेष रूप से सांबा और कठुआ क्षेत्रों के आसपास सीमा के पार स्थित हैं। इसी बीच सुरक्षा बलों को आतंकवादियों द्वारा भोजन के लिए लोगों के घरों में घुसने का पता भी चला है। एम. 4 कार्बाइन, अत्याधुनिक हथियारों तथा रात में देखने वाली दूरबीनों से लैस 2 आतंकवादियों ने 19 दिसम्बर, 2025 को देर रात ‘मोटू’ गांव में जबरन एक व्यक्ति के घर में घुस कर भोजन मांगा।
भोजन तैयार करवा कर खाने के बाद जाते-जाते वे दोनों आतंकवादी घर के मालिक को धमकी भी देते गए। यह भी पता चला है कि जितनी देर तक ये आतंकवादी उस व्यक्ति के घर के अंदर मौजूद रहे, एक अन्य आतंकवादी घर के बाहर खड़ा होकर पहरा देता रहा। इस घटना के बाद सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पैशल आप्रेशंस ग्रुप (एस.ओ.जी.) तथा सी.आर.पी.एफ. के जवानों ने संयुक्त रूप से आसपास के जंगल के इलाके की घेराबंदी करके तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। अधिकारियों के अनुसार हो सकता है कि घने जंगल में ‘जंगल के अंदर युद्ध करने में माहिर’ कुछ आतंकवादी भी छिपे हों जिस कारण सुरक्षा बलों द्वारा उनका पता लगाने में कठिनाई हो सकती है। इस बीच पाकिस्तान में प्रशिक्षित आतंकवादियों ने रहस्योद्घाटन किया है कि वे कठिन क्षेत्रों में आवागमन के लिए ‘अल्पाईन क्वैस्ट’ जैसे मोबाइल एप्लीकेशनों का इस्तेमाल करते हैं जिनकी खास बात यह है कि इनके इस्तेमाल के लिए सक्रिय सिमकार्ड या इंटरनैट कनैक्शन की भी जरूरत नहीं पड़ती। इसलिए आतंकियों की लोकेशन का पता लगाना कठिन होता है।
उल्लेखनीय है कि अपने देश में आतंकवाद के शिकार पाकिस्तान के शासक सुधरने का नाम नहीं ले रहे तथा 22 दिसम्बर को ही पाकिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी व अज्ञात बंदूकधारियों के हमले में 7 पुलिस कर्मी मारे गए हैं। अत: अब सीमा पार आतंकी लांच पैडों के दोबारा सक्रिय होने के बाद हमारे सुरक्षा बलों तथा गुप्तचर एजैंसियों को अधिक सतर्क हो जाना चाहिए तथा आतंकवादियों की घुसपैठ रोकने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए ताकि पाकिस्तान अपने नापाक इरादों में सफल न हो पाए।-विजय कुमार