देश में फल-फूल रहा ‘जाली डिग्रियों और मार्कशीटों का धंधा’

Edited By ,Updated: 28 Aug, 2023 05:08 AM

the  business of fake degrees and marksheets  flourishing in the country

इन दिनों लोगों में फर्जी डिग्रियों द्वारा अपनी शैक्षणिक योग्यता बढ़ा-चढ़ा कर दिखाने के रुझान में वृद्धि होने के कारण ऐसे अनेक गिरोह अस्तित्व में आ गए हैं, जो जाली डिग्रियां और मार्कशीट के धंधे से मोटी कमाई कर रहे हैं।

इन दिनों लोगों में फर्जी डिग्रियों द्वारा अपनी शैक्षणिक योग्यता बढ़ा-चढ़ा कर दिखाने के रुझान में वृद्धि होने के कारण ऐसे अनेक गिरोह अस्तित्व में आ गए हैं, जो जाली डिग्रियां और मार्कशीट के धंधे से मोटी कमाई कर रहे हैं। हाल ही में नई दिल्ली में विश्वविद्यालयों की फर्जी डिग्रियां और मार्कशीटें बनाने वाले एक गिरोह के 2 सदस्यों शिव शंकर और सुनील मिश्रा को पुलिस ने गिरफ्तार करके उनके पास से विभिन्न विश्वविद्यालयों की फर्जी डिग्रियां, मार्कशीट, मोबाइल फोन और लैपटॉप आदि बरामद किए।

गिरोह का मास्टर माइंड शिव शंकर 5-6 वर्षों से यह धंधा चला रहा था। वह पहले भी मियांवाली नगर में ऐसे ही एक मामले में शामिल रहा है। गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने आरोपियों के ऑफिस प्रतीक अपार्टमैंट, पश्चिम विहार में छापेमारी कर इन्हें गिरफ्तार कर लिया।

  • 13 अगस्त को दिल्ली के कोटला मुबारकपुर थाना पुलिस ने 25 से 30 हजार रुपए में उच्च शिक्षा की फर्जी डिग्री बना कर देने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर 2 महिलाओं सहित 5 जालसाजों को गिरफ्तार किया जो अभी तक 100 से अधिक लोगों को ठग चुके थे।  
  • 12 अगस्त को उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा की पुलिस ने एम.बी.बी.एस. की फर्जी डिग्री के आधार पर कई लड़कियों से शादी कर चुके पूर्णव शंकरशिंदे नामक एक ठग को गिरफ्तार किया। पुलिस ने उसके पास से एम.बी.बी.एस. की अनेक फर्जी डिग्रियां, एक मंदिर का फर्जी सर्टीफिकेट, आधार कार्ड सहित एक एम्बुलैंस और भारत सरकार तथा भाजपा का स्टिकर लगी एक कार भी बरामद की। 
  • 3 अगस्त को इंदौर में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी मार्कशीट बना कर लाखों रुपयों में बेचने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करके 4 लोगों को गिरफ्तार किया।बताया जाता है कि यह गिरोह अभी तक बी.एच.एम.एस., बी.ए.एम.एस., बी. फार्मा, एम. फार्मा, लैब जी.एन.एम., लैब टैक्नीशियन से लेकर 8वीं, 10वीं और 12वीं तक की विभिन्न राज्यों के शिक्षा संस्थानों की फर्जी मार्कशीटें बनाकर हजारों-लाखों रुपए में बेच रहा था तथा अभी तक ऐसी 1000 फर्जी मार्कशीटें बना कर बेच चुका है। अधिकारियों ने इनके कब्जे से 50-60 फर्जी मार्कशीटें जब्त की हैं। यह भी पता चला है कि लोग दुबई आदि में छोटी-मोटी नौकरी के लिए भी इस गिरोह से मार्कशीटें बनवाया करते थे। 
  • 15 जुलाई को नोएडा पुलिस ने विभिन्न विश्वविद्यालयों की फर्जी मार्कशीट और डिग्रियां बेचने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश करके इनके कब्जे से अलग-अलग राज्यों के शिक्षण संस्थानों की फर्जी मार्कशीट, माईग्रेशन सर्टीफिकेट, एडमिट कार्ड और कैरेक्टर सर्टीफिकेट आदि सहित मार्कशीट छापने वाले पिं्रटर व अन्य मशीनें बरामद कीं।


ये तो चंद उदाहरण मात्र हैं, देश में न जाने ऐसे कितने गिरोह चल रहे हैं। जाली डिग्रियों के सहारे नौकरियां पाने वाले जहां पात्र उम्मीदवारों का अधिकार छीनते हैं, वहीं यह घोर अपराध भी है। 
अत: जाली डिग्रियों और मार्कशीटों आदि का धंधा करने वालों और इन्हें खरीदने वालों दोनों ही के विरुद्ध कठोरतम और शिक्षाप्रद दंडात्मक कार्रवाई करने की जरूरत है। -विजय कुमार

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