Edited By ,Updated: 09 Mar, 2024 04:45 AM
देश में चल रहे चुनावी मौसम के बीच 4 मार्च को जहां हिमाचल सरकार ने 18 से 80 वर्ष आयु की महिलाओं को 1500 रुपए मासिक पैंशन देने की घोषणा की है, वहीं दिल्ली की ‘आप’ सरकार ने भी अपने 2024-25 के बजट में 18 वर्ष और इससे अधिक आयु की सभी महिलाओं को 1000 रुपए...
देश में चल रहे चुनावी मौसम के बीच 4 मार्च को जहां हिमाचल सरकार ने 18 से 80 वर्ष आयु की महिलाओं को 1500 रुपए मासिक पैंशन देने की घोषणा की है, वहीं दिल्ली की ‘आप’ सरकार ने भी अपने 2024-25 के बजट में 18 वर्ष और इससे अधिक आयु की सभी महिलाओं को 1000 रुपए प्रति मास देने की घोषणा की है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने भी चंद घोषणाएं कर दी हैं :
* 7 मार्च को केंद्र सरकार ने इस वर्ष 1 जनवरी से अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता मूल वेतन के 46 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने तथा 1 जनवरी, 2024 से इसकी अतिरिक्त किस्त जारी करने की मंजूरी भी दे दी है।
इसके साथ ही विभिन्न भत्तों में 25 प्रतिशत की बढ़ौत्तरी के अलावा मकान किराया भत्ता कुछ प्रतिशत बढ़ा दिया है। ग्रैच्युटी के अंतर्गत लाभ में 25 प्रतिशत वृद्धि करके इसकी सीमा वर्तमान 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दी गई है। केंद्र सरकार ने ‘उज्ज्वला योजना’ के अंतर्गत गरीब महिलाओं को 300 रुपए प्रति सिलैंडर की सबसिडी 1 अप्रैल से शुरू करके अगले वित्त वर्ष तक के लिए बढ़ा दी है।
* इसके अगले ही दिन 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर नारी शक्ति को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार द्वारा घरेलू रसोई गैस सिलैंडरों की कीमत में 100 रुपए की छूट देने की घोषणा भी कर दी है। ‘आदर्श आचार संहिता’ लागू होने से पहले की गई उक्त घोषणाओं का लाभ एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों तथा महिलाओं को मिलेगा। केंद्र सरकार ने अपनी उक्त घोषणाओं से राज्य सरकारों को यह संदेश देने की कोशिश की है कि यदि वे अपने मतदाताओं को सुविधाएं दे सकती हैं तो भला वह इस मामले में क्यों पीछे रहे। निश्चय ही केंद्र सरकार द्वारा घोषित इन ‘उपहारों’ का आने वाले लोकसभा चुनावों में उसे कुछ लाभ अवश्य मिलेगा।—विजय कुमार