Edited By ,Updated: 01 Nov, 2025 03:53 AM

विवाह-शादियों और खुशी के अन्य अवसरों पर भला किसका मन नहीं मचल उठता! ऐसे में कुछ अवसरों पर चंद लोग ज्यादा ही जोश में आकर कुछ ऐसा कर बैठते हैं जिससे उन्हें जीवन भर पछताना पड़ता है।
विवाह-शादियों और खुशी के अन्य अवसरों पर भला किसका मन नहीं मचल उठता! ऐसे में कुछ अवसरों पर चंद लोग ज्यादा ही जोश में आकर कुछ ऐसा कर बैठते हैं जिससे उन्हें जीवन भर पछताना पड़ता है। परिणाम सोचे बिना जोश के मारे गोली चलाकर खुशी व्यक्त करने, जिसे ‘हर्ष फायरिंग’ भी कहा जाता है, से किसी व्यक्ति के प्राण तक चले जाते हैं और खुशी के मौके दर्दनाक दुर्घटना में बदल जाते हैं, जिनके पिछले 9 महीनों के उदाहरण निम्न में दर्ज हैं :
* 7 फरवरी, 2025 को ‘सोनीपत’ (हरियाणा) में एक युवक के सगाई समारोह में कुछ लोगों ने जोश में आकर अपने हथियारों से गोलियां चला दीं जिसके परिणामस्वरूप एक गोली दूल्हे के ममेरे भाई को लगने से उसकी मौत हो गई तथा दूसरी गोली दूल्हे को लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
* 22 फरवरी को ‘जालंधर’ (पंजाब) में एक विवाह समारोह में हर्ष फायरिंग के दौरान गोली लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई।
* 11 मई को ‘जहानाबाद’ (बिहार) के ‘कोरमा’ गांव में एक विवाह समारोह के उपलक्ष्य में आयोजित नाच-गाने के दौरान की गई ‘हर्ष फायरिंग’ के कारण एक 17 वर्षीय युवक की मौत तथा एक छोटी बच्ची घायल हो गई।
* 18 मई को ‘पटना’ (बिहार) के ‘जमनपुर’ गांव में आयोजित एक जन्मदिन की पार्टी में मेजबान ‘अखिलेश राम’ द्वारा की गई हर्ष फायरिंग में एक 6 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। पुलिस ने इस सिलसिले में ‘अखिलेश राम’ को 2 देसी हथियारों तथा 6 जिंदा गोलियों सहित गिरफ्तार कर लिया।
* 28 सितम्बर को ‘प्रयागराज’ (उत्तर प्रदेश) में एक धार्मिक शोभा यात्रा के दौरान हर्ष फायरिंग करने के आरोप में एक युवक ‘आशुतोष यादव’ को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने यह कार्रवाई एक वायरल वीडियो के आधार पर की।
* 1 अक्तूबर को ‘रांची’ (झारखंड) के एक रिसोर्ट में हर्ष फायरिंग के आरोप में पुलिस ने 4 लोगों को हिरासत में लिया व तीन लाइसैंसी हथियार जब्त किए।
* 1 अक्तूबर को ही ‘मथुरा’ (उत्तर प्रदेश) के ‘कोसीकलां’ में एक व्यक्ति द्वारा अपने बेटे के पहले जन्मदिन पर आयोजित पार्टी में कुछ लोगों द्वारा की गई हर्ष फायरिंग में एक गोली ‘शौकीन’ नामक युवक की छाती में लग जाने से उसकी मौत हो गई।
* 7 अक्तूबर को ‘अमेठी’ (उत्तर प्रदेश) के गांव ‘गरथोलिया’ में एक व्यक्ति ने 10 वर्ष बाद अपने घर में संतान होने की खुशी में एक पार्टी का आयोजन किया। पार्टी में रात के समय डी.जे. की धुनों पर नाचते समय एक युवक ने जोश में आकर अपने तमंचे से गोली चला दी जो सीधी जाकर ‘देव यादव’ नामक युवक की छाती में लगी और उसकी मौत हो गई। मृतक विशेष रूप से इस पार्टी में भाग लेने के लिए दिल्ली से आया था।
* 13 अक्तूबर को ‘छतरपुर’ (मध्य प्रदेश) में एक सगाई समारोह के दौरान हर्ष फायरिंग में सर्राफा व्यापारी ‘आशीष सोनी’ की मौत हो गई। इसी तरह की घटनाओं के दृष्टिïगत 13 मार्च, 2024 को सुप्रीमकोर्ट ने विवाह समारोहों में हर्ष फायरिंग के विनाशकारी परिणामों पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे एक दुर्भाग्यपूर्ण प्रथा बताया था। भारत सरकार ने हर्ष फायरिंग को अपराध करार दिया हुआ है जिसके अंतर्गत सार्वजनिक समारोहों, धर्म स्थानों, विवाह तथा अन्य समारोहों में फायरिंग करने पर रोक लगी हुई है व दोषी को 2 वर्ष तक की कैद और एक लाख रुपए तक जुर्माना हो सकता है परंतु इसके बावजूद यह बुराई जारी है। अत: जहां खुशी के मौकों पर आयोजित किए जाने वाले समारोहों में हथियारों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध कठोरतापूर्वक लागू करने की आवश्यकता है, वहीं हर्ष फायरिंग में किसी की मौत या घायल होने पर दोषी को तुरंत कठोरतम दंड देने की भी जरूरत है ताकि इस बुराई पर रोक लग सके।—विजय कुमार