प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए भारत सरकार ने लक्ष्य निर्धारित किए

Edited By Updated: 13 Oct, 2025 02:37 AM

the indian government has set targets to control pollution

भारत सरकार द्वारा कहा जा रहा है कि सीमैंट और कागज जैसे हार्डकोर उद्योगों से अत्यधिक प्रदूषण फैल रहा है, अत: इसे कम करने की आवश्यकता है। इसी को देखते हुए भारत सरकार ने 2025-26 से एल्यूमीनियम, सीमैंट, पल्प (कागज की लुगदी) एवं पेपर सहित 282 भारी...

भारत सरकार द्वारा कहा जा रहा है कि सीमैंट और कागज जैसे हार्डकोर उद्योगों से अत्यधिक प्रदूषण फैल रहा है, अत: इसे कम करने की आवश्यकता है। इसी को देखते हुए भारत सरकार ने 2025-26 से एल्यूमीनियम, सीमैंट, पल्प (कागज की लुगदी) एवं पेपर सहित 282 भारी औद्योगिक इकाइयों के लिए उत्सर्जन तीव्रता में कमी के लक्ष्य निर्धारित कर दिए हैं। 

पारंपरिक रूप से भारत के सभी उच्च उत्सर्जन वाले उद्योगों, जिनमें एल्यूमीनियम, सीमैंट और लुगदी एवं कागज शामिल हैं, को 2023-24 की आधार रेखा की तुलना में 2026-27 तक विशिष्ट लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अपनी ग्रीन हाऊस गैस (जी.एच.जी.) उत्सर्जन की तीव्रता को कम करना होगा क्योंकि सरकार ने कार्बन के भारी उद्योगों के लिए देश के पहले कानूनी रूप से बाध्यकारी उत्सर्जन में कमी के लक्ष्य के लिए नियमों को अधिसूचित किया है। अब पर्यावरण मंत्रालय द्वारा 8 अक्तूबर को अधिसूचित नियमों के अनुसार, 282 औद्योगिक इकाइयों के लिए 2025-26 से प्रति इकाई उत्पाद (उत्सर्जन तीव्रता) में जी.एस.जी. उत्सर्जन को कम करना अनिवार्य होगा। देश भर में फैली इन औद्योगिक इकाइयों को नियमों का पालन न करने पर  संबंधित उद्योगों को जुर्माना देना होगा। ये नियम कार्बन क्रैडिट ट्रेङ्क्षडग स्कीम (सी.सी.टी.एस.) 2023 के अनुपालन तंत्र के तहत अधिसूचित किए गए हैं।

वर्ष 2025-26 के लिए जी.ई.आई. लक्ष्य (कार्बन डाईआक्साइड समतुल्य टन में) चालू वित्त वर्ष के शेष महीनों के आनुपातिक आधार पर चुने गए हैं। 2023-24 के स्तर की तुलना में, 2026-27 तक कुल कमी सीमैंट क्षेत्र में लगभग 3.4 प्रतिशत, एल्यूमीनियम में लगभग 5.8 प्रतिशत, क्लोर-एल्कली में 7.5 प्रतिशत और लुगदी एवं कागज में 7.1 प्रतिशत तक होगी। यदि कोई औद्योगिक इकाई जी.ई.आई. लक्ष्य का अनुपालन करने में विफल रहती है या अनुपालन के लिए कमी के बराबर कार्बन क्रैडिट प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने में विफल रहती है, तो केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सी.पी.सी.बी.) कमी के लिए पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति जुर्माना लगाएगा।

जुर्माना उस अनुपालन वर्ष के व्यापार चक्र के दौरान कार्बन क्रैडिट प्रमाणपत्र के व्यापार की औसत कीमत के दोगुने के बराबर  होगा। इसका भुगतान आदेश जारी किए जाने की तारीख से 90 दिनों के भीतर किया जाएगा। जी.ई.आई. लक्ष्य भारत के 2070 के शुद्ध शून्य उत्सर्जन लक्ष्य के अनुरूप हैं और जी.एच.जी. उत्सर्जन में कमी, निष्कासन या परिहार के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एन.डी.सी.) जलवायु कार्रवाई लक्ष्यों को पूरा करने में योगदान करेंगे। देखना यह है कि इन्हें सही ढंग से कैसे लागू किया जाएगा। 

Related Story

    IPL
    Royal Challengers Bengaluru

    190/9

    20.0

    Punjab Kings

    184/7

    20.0

    Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

    RR 9.50
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!