‘अस्पतालों में चूहों का उत्पात’ बन रहा रोगियों के लिए परेशानी का कारण!

Edited By Updated: 18 Dec, 2025 05:50 AM

the menace of rats in hospitals is becoming a cause of concern for patients

विश्व के अनेक देशों में चूहे एक बड़ी समस्या बने हुए हैं। चूहे प्रतिवर्ष जहां मंडियों व खेतों में अनाज नष्टï कर रहे हैं, वहीं खेतों, घरों, स्कूलों, रेलवे, धर्मस्थानों, अस्पतालों, सीवरेज लाइनों, भूमिगत केबल्स  के अलावा मशीनरी और बिजली की तारों को काट...

विश्व के अनेक देशों में चूहे एक बड़ी समस्या बने हुए हैं। चूहे प्रतिवर्ष जहां मंडियों व खेतों में अनाज नष्टï कर रहे हैं, वहीं खेतों, घरों, स्कूलों, रेलवे, धर्मस्थानों, अस्पतालों, सीवरेज लाइनों, भूमिगत केबल्स  के अलावा मशीनरी और बिजली की तारों को काट कर दुर्घटनाओं और मूल्यवान मशीनरी को भी खराब करने और अनेक बीमारियों का कारण बन रहे हैं। अस्पतालों में चूहों के उत्पात की इसी वर्ष की चंद दुर्घटनाएं निम्न में दर्ज हैं :

* 8 जनवरी, 2025 को ‘बस्ती’ (उत्तर प्रदेश) के जिला अस्पताल में चूहों द्वारा वहां उपचाराधीन रोगियों के खाने-पीने के सामान, दवाइयों तथा मशीनों के उपकरणों को कुतरने और यहां तक कि कुछ रोगियों को काटने की शिकायतें भी मिलीं।
* 8 फरवरी को ‘भिंड’ (मध्य प्रदेश) स्थित जिला अस्पताल के आई.सी.यू. का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें चूहे उपचाराधीन रोगियों के बिस्तरों पर चढ़ कर उछल-कूद मचाते, वहां रखी खाने-पीने की वस्तुओं को दूषित करते व आक्सीजन सिलैंडर व अन्य उपकरणों के ऊपर धमाचौकड़ी मचाते दिखाई दे रहे थे।

* 21 मई को ‘पटना’ (बिहार) स्थित सरकारी ‘नालंदा मैडीकल कालेज तथा अस्पताल’ (एन.एम.सी.एच.) में अपने टूटे पैर का इलाज करवाने आए एक रोगी के पैर की उंगलियों को चूहों ने कुतर डाला जिससे उसकी हालत पहले से भी अधिक खराब हो गई।
* 3 सितम्बर को ‘इंदौर’ (मध्य प्रदेश) में राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल ‘महाराजा यशवंत राव अस्पताल’ (एम.वाई.एच.) के एन.आई.सी.यू. वार्ड में उपचाराधीन 10 दिनों की एक बच्ची तथा उसी दिन एक अन्य नवजात शिशु की चूहों के काटने से मृत्यु हो गई।
* 12 नवम्बर को ‘नरवाणा’ (हरियाणा) स्थित सिविल अस्पताल में मोर्चरी के डीप फ्रीजर से सम्बन्धित समस्याएं सामने आईं जिनमें चूहों द्वारा इसे नुक्सान पहुंचाए जाने का उल्लेख था। इसीलिए हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सभी सिविल सर्जनों को ‘पैस्ट कंट्रोल’ के निर्देश दिए हैं।

* 7 दिसम्बर को ‘हरिद्वार’ (उत्तराखंड) जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखे एक व्यक्ति के शव को चूहों ने कुतर डाला तथा उसकी एक आंख भी नोच कर ले गए। 
* 11 दिसम्बर को ‘रायसेन’ (मध्य प्रदेश) स्थित जिला अस्पताल के प्रसूता वार्ड तथा ‘एस.एन.सी.यू.’ (नवजात शिशु वार्ड) में चूहों के अलावा खटमल और काक्रोच प्रसूताओं के आसपास घूमते दिखाई दिए।
* 15 दिसम्बर को ‘जबलपुर’ (मध्य प्रदेश) स्थित जिला अस्पताल के हड्डïी वार्ड में बदइंतजामी की तस्वीर सामने आई जिसमें चूहे रोगियों के बैड तथा अन्य वस्तुओं के आस-पास बेखौफ घूमते दिखाई दे रहे थे। 
* और अब 17 दिसम्बर को एक समाचार में बताया गया है कि  ‘पटियाला’ (पंजाब) स्थित सरकारी राजेंद्रा अस्पताल में चूहों का उत्पात लगातार जारी है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा इस समस्या से निपटने के लिए एक एजैंसी की सेवाएं लेने के बावजूद चूहों की आबादी बढ़ती ही जा रही है। चूहों ने अस्पताल के अंदर बड़े-बड़े बिल बना लिए हैं तथा इसकी विभिन्न वस्तुओं को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

चूहों के इस तरह के उत्पात से जहां रोगियों में संक्रमण फैलने का खतरा रहता है, वहीं इससे अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही भी उजागर होती है। ऐसे मामलों से निपटने के लिए विकसित देशों ने खासतौर पर स्थानीय स्तर पर बजट रखा हुआ है। इस बजट के माध्यम से सिंगापुर, न्यूयार्क, शिकागो, हांगकांग, यू.के. में अलग-अलग तरीके अपनाए जा रहे हैं और इन देशों को इस कार्य में सफलता भी मिल रही है। भारत में भी इन देशों के माडल पर शोध करके इसका पुख्ता हल निकालने की जरूरत है।—विजय कुमार 

Related Story

    Trending Topics

    IPL
    Royal Challengers Bengaluru

    190/9

    20.0

    Punjab Kings

    184/7

    20.0

    Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

    RR 9.50
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!