‘केंद्र द्वारा-देर से लिया गया सही फैसला’ ‘जी.एस.टी. दरों में राहतें’!

Edited By Updated: 05 Sep, 2025 05:33 AM

the right decision taken late by the centre  gst rate relief

केंद्र सरकार द्वारा 1 जुलाई, 2017 को जी.एस.टी. (माल एवं सेवा कर) लागू किया गया था जिसे सरकार का सबसे बड़ा टैक्स सुधार बताया गया था। इसमें कुछ वस्तुओं तथा सेवाओं पर इस तरह टैक्स लगाया गया कि इसे लागू करने के बाद व्यापारी वर्ग के लिए भारी समस्याएं...

केंद्र सरकार द्वारा 1 जुलाई, 2017 को जी.एस.टी. (माल एवं सेवा कर) लागू किया गया था जिसे सरकार का सबसे बड़ा टैक्स सुधार बताया गया था। इसमें कुछ वस्तुओं तथा सेवाओं पर इस तरह टैक्स लगाया गया कि इसे लागू करने के बाद व्यापारी वर्ग के लिए भारी समस्याएं पैदा हो जाने के कारण इन दरों में संशोधनों की बार-बार मांग उठ रही थी। जी.एस.टी. को लेकर व्याप्त जनरोष व व्यापार-उद्योग पर पडऩे वाले कुप्रभाव को देखते हुए केन्द्र सरकार ने विभिन्न चरणों में इसमें राहत देनी शुरू की। इसके तहत अब तक इसमें 50 से अधिक संशोधन किए जा चुके हैं। 

इसी क्रम में 3 सितम्बर को नई दिल्ली में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जी.एस.टी. काऊंसिल की 56वीं बैठक में सरकार ने चंद बड़े फैसले किए, जो 22 सितम्बर से लागू होंगे। इसके तहत अब ‘टू टियर टैक्स स्ट्रक्चर’ को स्वीकृति देकर जी.एस.टी. के वर्तमान 5, 12, 18 व 28 प्रतिशत दर वाले 4 स्लैबों में से 12 तथा 28  प्रतिशत वाले ‘टैक्स स्लैबों’ को समाप्त करके सिर्फ 5 तथा 18 प्रतिशत वाले 2 स्लैब ही रखने का फैसला किया गया है। अब वस्तुएं या तो ‘लोअर टैक्स स्लैब’ में होंगी या फिर ‘हायर टैक्स स्लैब’ में।  अब तक अधिक ‘टैक्स स्लैब’ होने के कारण आम उपभोक्ता को समझ नहीं आता था कि किस सामान पर कितना टैक्स लगेगा। अब ‘टू टियर टैक्स स्ट्रक्चर’ से व्यवस्था सरल बनेगी। 

जी.एस.टी. काऊंसिल के अनुसार, इससे जहां छोटे व्यापारियों को व्यापार करने में आसानी होगी, वहीं आम लोगों की जरूरत के सामान सस्ते होंगे तथा टैक्स वसूली की प्रक्रिया में पारदॢशता आने से व्यापारी मनमाना रेट भी नहीं ले पाएंगे। इसका एक लाभ यह भी होगा कि आम जरूरत की वस्तुओं के दाम एक समान बने रहेंगे और उनमें अधिक अस्थिरता नहीं दिखेगी। 

दवाइयां, कपड़े, खाद्य उत्पाद आदि जरूरी वस्तुओं को ‘लोअर टैक्स स्लैब’ में रखकर उन पर जी.एस.टी. घटा कर शून्य कर दिया गया है। इस कारण अब लोगों के लिए रोजमर्रा की जरूरतों वाली वस्तुएं, जीवन बीमा, स्वास्थ्य पालिसी, पैंसिल, शार्पनर, रबड़, नोटबुक, ग्लोब, दूध, पैक्ड पनीर, पिज्जा, ब्रैड, चपाती और 33 जीवन रक्षक दवाइयां (कैंसर, रेयर डिजीज), आदि आम आदमी की पहुंच में होंगी। इसी प्रकार 5 प्रतिशत तक टैक्स वाली वस्तुओं में शैम्पू, साबुन, टूथपेस्ट, टूथब्रश, शेविंग क्रीम, मक्खन, घी, पनीर, नमकीन भुजिया आदि, बच्चों के नैपकिन, सिलाई मशीन तथा उनके पुर्जे, दूध की बोतलें, मैडीकल आक्सीजन किट, थर्मामीटर, ग्लूकोमीटर, ट्रैक्टर और उसके टायर तथा पुर्जे, बायो-कीटनाशक, ऐनकें, कृषि मशीनें आदि शामिल हैं। 

18 प्रतिशत तक टैक्स स्लैब में पैट्रोल-डीजल, हाईब्रिड छोटी कारें, तीन पहिया वाहन, 350 सी.सी. तक के मोटरसाइकिल, मालवाहक वाहन, एयर कंडीशनर, 32 इंच से बड़े एल.ई.डी., एल.सी.डी. टी.वी. मॉनिटर, प्रोजैक्टर, डिशवाशर आदि शामिल हैं। कुल मिला कर यह देर से लिया गया सही फैसला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2025 को लाल किले से देश के नाम अपने सम्बोधन में जी.एस.टी. में जिन सुधारों की घोषणा की थी, उसी के अनुसार की गई इन घोषणाओं के परिणामस्वरूप जहां टैक्स प्रक्रिया में पारदॢशता आने से व्यापारियों तथा आम लोगों दोनों को लाभ होगा, वहीं सरकार को इनका लाभ बिहार व इसके बाद आने वाले अन्य राज्यों के चुनावों में मिलेगा। अमरीकी टैरिफ का मुकाबला करने के लिए सरकार ने घरेलू मांग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भी जी.एस.टी. दरों में यह कटौती की है, लेकिन और कटौतियों की अभी भी गुंजाइश बाकी है, अत: आशा है कि सरकार भविष्य में भी जी.एस.टी. दरों का पुनरीक्षण जारी रखेगी।—विजय कुमार

Related Story

    Trending Topics

    IPL
    Royal Challengers Bengaluru

    190/9

    20.0

    Punjab Kings

    184/7

    20.0

    Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

    RR 9.50
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!