युवाओं में बढ़ रहा ‘हुक्का पीने का चलन’ दे रहा अनेक ‘बीमारियों को बुलावा’

Edited By ,Updated: 17 Feb, 2024 03:32 AM

the trend of smoking hookah is increasing among the youth

कुछ वर्षों से बड़े स्तर पर युवाओं में ‘हुक्का’ पीने का चलन बढ़ रहा है तथा शहरी इलाकों में खुलने वाले ‘हुक्का बार’ या ‘हुक्का पार्लरों’ की बढ़ती संख्या इसका प्रमाण है। इन दिनों ‘हुक्का बार’ रेस्तराओं, होटलों और क्लबों में खोले जा रहे हैं। यहां तक कि...

कुछ वर्षों से बड़े स्तर पर युवाओं में ‘हुक्का’ पीने का चलन बढ़ रहा है तथा शहरी इलाकों में खुलने वाले ‘हुक्का बार’ या ‘हुक्का पार्लरों’ की बढ़ती संख्या इसका प्रमाण है। इन दिनों ‘हुक्का बार’ रेस्तराओं, होटलों और क्लबों में खोले जा रहे हैं। यहां तक कि कहीं-कहीं तो विवाहों में भी ‘हुक्का’ पेश किया जाता है। इसी वर्ष 18 जनवरी को गाजियाबाद के ‘इंदिरापुरम’ में रेस्तरां की आड़ में अवैध रूप से चलाया जा रहा ‘हुक्का बार’ पकड़ा गया तथा पुलिस ने उसके मालिक सहित 5 लोगों को हिरासत में लेने के अलावा बार से ‘हुक्का’, पाईप व ‘क्वायल’ सहित अन्य प्रतिबंधित सामान बरामद किया। 


इसी प्रकार गत वर्ष 27 दिसम्बर को आगरा में स्थित एक ‘प्लाजा’ में अवैध तरीके से चलाया जा रहा ‘हुक्का बार’ पकड़ा गया, जहां से पुलिस ने 14 हुक्के, 13 पाईप और 3 चिलमें जब्त कीं। 
यहां उल्लेखनीय है कि फिलहाल देश में ‘हुक्का बार’ को प्रतिबंधित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कोई नीति नहीं है परंतु महाराष्ट्र और गुजरात के बाद पंजाब ने 2018 में इन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया था।

हरियाणा ने गत वर्ष और कर्नाटक सरकार ने इसी वर्ष ‘हुक्का बार’ पर प्रतिबंध लगाया है जबकि अब तेलंगाना भी इस सूची में शामिल होने जा रहा है। डाक्टरों के अनुसार ‘हुक्का’ में भी सिगरेट की तरह ही सेहत को नुक्सान पहुंचाने वाले ‘निकोटीन’ और ‘टार’ जैसे पदार्थ होते हैं, जिसकी सिगरेट की तरह ही लोगों को लत लग जाती है। सामान्य हुक्का के साथ-साथ अब बड़े स्तर पर ‘फ्लेवर्ड’ अर्थात हानिकारक सुगंधित रासायनिक पदार्थों से युक्त ‘हुक्का’ का चलन भी बढ़ रहा है। हालांकि आम धारणा है कि ‘फ्लेवर्ड हुक्का’ पीने से सेहत को नुक्सान नहीं पहुंचता परंतु वास्तविकता इसके विपरीत है।

फ्लेवर वाले ‘हुक्का’ में भी चारकोल होता है और इससे निकल कर फेफड़ों में जाने वाला धुआं कैंसर का कारण भी बन सकता है। कुछ लोग ‘हुक्का’ के साथ शराब भी पीते हैं जो काफी खतरनाक हो सकता है। ‘हुक्का’ पीने से शरीर में जाने वाला धुआं फेफड़ों में इन्फैक्शन करता है। इससे ‘हुक्का’ पीने वाले को अस्थमा हो सकता है। कुछ मामलों में यह हृदय रोग तथा हृदय की धमनियों के ब्लॉक होने का कारण भी बन सकता है।

डाक्टरों का कहना है कि ‘हुक्के’ में इस्तेमाल होने वाले कुछ फ्लेवरों से पेशाब में ‘क्रेटिनिन’ नामक पदार्थ की मात्रा भी बढ़ सकती है जिससे किडनी की बीमारियां होने का खतरा रहता है। 
‘हुक्का’ पीने की इन्हीं हानियों को देखते हुए 12 फरवरी, 2024 को तेलंगाना विधानसभा ने ‘हुक्का बार’ या ‘हुक्का पार्लरों’ पर प्रतिबंध के प्रावधान वाला विधेयक सर्वसम्मति से पारित कर दिया है। विधेयक पेश करते हुए तेलंगाना के विधायी मामलों के मंत्री डी. श्रीधर बाबू ने कहा कि ‘हुक्का बार’ या ‘हुक्का पार्लर’ चलाने वाले समाज विरोधी तत्व कालेज के विद्याॢथयों सहित अन्य युवाओं की ‘हुक्का’ पीने के प्रति बढ़ती रुचि का लाभ उठा रहे हैं और युवाओं को इसके आदी बना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ‘हुक्का’ पीना सिगरेट पीने से भी अधिक हानिकारक है। यह पैसिव स्मोकर्स अर्थात ‘हुक्का’ न पीने वाले जिन लोगों की नाक में इसका धुआं पहुंचता है, उनको भी नुक्सान पहुंचाता है। ‘हुक्का’ पीने की हानियों को देखते हुए तेलंगाना सरकार का उक्त फैसला जनहितकारी है। इससे लोग अनेक जानलेवा बीमारियों से बच सकेंगे। अत: इसे यथाशीघ्र कानून का रूप देकर सख्तीपूर्वक लागू करना चाहिए। अन्य राज्यों में भी, जहां ‘हुक्का बार’ या ‘हुक्का पार्लरों’ पर प्रतिबंध नहीं है, वहां भी इस आशय का कानून शीघ्र बनाकर लागू करने की जरूरत है ताकि लोग मौतों से बच सकें। - विजय कुमार 

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