‘जरूरतमंद बच्चों को स्मार्टफोन उपलब्ध करवाने की’ ‘अनूठी और प्रशंसनीय पहल’

Edited By ,Updated: 13 Nov, 2020 03:28 AM

unique and laudable initiative to provide smartphones to needy children

विश्वव्यापी ‘कोरोना महामारी’ के कारण विश्व के अन्य भागों के साथ-साथ इस वर्ष के शुरू में भारत में भी लॉकडाऊन के चलते शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए थे जिनमें से अभी भी अधिकांश बंद हैं। इसके बाद देश में ‘ऑनलाइन’ पढ़ाई पर जोर दिए

विश्वव्यापी ‘कोरोना महामारी’ के कारण विश्व के अन्य भागों के साथ-साथ इस वर्ष के शुरू में भारत में भी लॉकडाऊन के चलते शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए थे जिनमें से अभी भी अधिकांश बंद हैं। इसके बाद देश में ‘ऑनलाइन’ पढ़ाई पर जोर दिए जाने के बावजूद अनेक सरकारी स्कूलों में बच्चों को कम्प्यूटर उपलब्ध नहीं हैं और इसके साथ ही बड़ी संख्या में गरीब बच्चों के माता-पिता में ‘स्मार्टफोन’ खरीदने की सामथ्र्य न होने से ऐसे बच्चों की ‘ऑनलाइन’ पढ़ाई में बाधा आ रही है। 

‘स्मार्टफोन’ आजकल पढ़ाई का अनिवार्य हिस्सा बन जाने के कारण ही कुछ समय पूर्व हिमाचल प्रदेश में एक दम्पति ने अपनी गाय बेच कर ‘स्मार्टफोन’ खरीदा ताकि उनका बेटा ‘ऑनलाइन’ पढ़ाई जारी रख सके। यह तो एक उदाहरण मात्र है। आज न जाने कितने ऐसे छात्र-छात्राएं हैं जो  मोबाइल न होने के कारण ‘ऑनलाइन’ शिक्षा से वंचित हैं। इसी समस्या को देखते हुए हरियाणा में फरीदाबाद की ‘जिला एलीमैंट्री शिक्षा अधिकारी’ ‘रितु चौधरी ने एक अनूठी पहल की है’। 

उन्होंने जिले के विभिन्न स्कूलों के अध्यापकों तथा अन्य लोगों के सहयोग से जरूरतमंद बच्चों के लिए ‘मोबाइल बैंक’ स्थापित किया है जिसके अंतर्गत वह विभिन्न छात्र-छात्राओं में 20 मोबाइल फोन बांट चुकी हैं जबकि 120 ‘स्मार्टफोन’ जल्दी ही बांटने जा रही हैं। इसी अभियान के अंतर्गत एक ‘स्मार्टफोन’ उन्होंने 10वीं कक्षा की एक पिता विहीन 15 वर्षीय छात्रा को भी प्रदान किया है जिसकी मां मेहनत-मजदूरी करके परिवार का पालन-पोषण कर रही है। रितु चौधरी नए और पुराने दोनों तरह के ‘स्मार्टफोन’ स्वीकार कर रही हैं। शुरू-शुरू में ये ‘स्मार्टफोन’ एक एन.जी.ओ. तथा विभिन्न स्कूलों के अध्यापकों के सहयोग से प्राप्त किए गए और अब अन्य अध्यापकों ने भी ‘स्मार्टफोन’ ‘डोनेट’ करने शुरू कर दिए हैं। 

‘रितु चौधरी’ का कहना है कि ‘‘इस अभियान के अंतर्गत क्षेत्र के जरूरतमंद बच्चों को यथासंभव मोबाइल प्रदान करने की पहल से उन्हें अपनी शिक्षा सुचारू रूप से जारी रखने में कुछ सहायता अवश्य मिलेगी।’’जहां अनेक राज्यों की सरकारों ने छात्रों को मोबाइल फोन देने के वायदे करने के बावजूद ‘स्मार्टफोन’ नहीं दिए तथा उनकी घोषणाएं कागजों में ही दब कर रह गईं वहीं जरूरतमंद बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखने में सहायता देने के उद्देश्य से ‘मोबाइल बैंक’ की स्थापना के लिए ‘रितु चौधरी’ और उनकी टीम के सदस्य बधाई के पात्र हैं। 

उल्लेखनीय है कि कुछ समय पूर्व राजधानी दिल्ली में भी कुछ लोगों तथा एन.जी.ओ. ने निजी स्तर पर जरूरतमंद बच्चों को ‘स्मार्टफोन’ बांटने का अभियान शुरू किया परंतु यह समस्या तो किसी एक स्थान की न होकर समूचे देश की है अत: अन्य स्थानों पर भी इस तरह की पहल करने की तुरंत आवश्यकता है।

इसके साथ ही संक्रमण के इस दौर में लोगों को शरीर का सही तापमान बताने वाले पुरानी शैली के ‘मर्करी थर्मामीटर’ घरों में रखने की भी आवश्यकता है ताकि सभी आयु वर्ग के लोग शरीर का तापमान नियमित रूप से जांचते रहें जो अत्यंत आवश्यक है। इसके साथ ही हमारा सुझाव है कि जरूरतमंद लोगों को ‘थर्मामीटर’ बांटने का अभियान भी शुरू करना चाहिए। स्कूलों में भी अध्यापकों द्वारा बच्चों को इस मामले में जागरूक करने की आवश्यकता है ताकि उनके स्वास्थ्य को पैदा होने वाले संभावित खतरे से बचा जा सके।—विजय कुमार   

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!