‘बंगलादेश में नहीं थम रही हिंसा’ ‘पाकिस्तान परस्त यूनुस’ सरकार के विरुद्ध असंतोष!

Edited By Updated: 15 Nov, 2025 03:10 AM

violence continues unabated in bangladesh

बंगलादेश में विवादास्पद आरक्षण प्रणाली समाप्त करने के लिए छात्रों द्वारा चलाए जाने वाले आंदोलन के बीच बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना गत वर्ष 5 अगस्त को त्यागपत्र देकर भारत आ गईं और भारत में ही रह रही हैं। इसके बाद सेना द्वारा मोहम्मद यूनुस के...

बंगलादेश में विवादास्पद आरक्षण प्रणाली समाप्त करने के लिए छात्रों द्वारा चलाए जाने वाले आंदोलन के बीच बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना गत वर्ष 5 अगस्त को त्यागपत्र देकर भारत आ गईं और भारत में ही रह रही हैं। इसके बाद सेना द्वारा मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार के गठन के समय से ही बंगलादेश अशांति का शिकार है। बंगलादेश में कट्टïरपंथियों द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। वहां की ‘हिंदू बौद्ध क्रिश्चियन ओइक्यो परिषद’ के अनुसार 5 अगस्त, 2024 के बाद इस वर्ष जून, 2025 के बीच बंगलादेश में धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों के विरुद्ध साम्प्रदायिक हिंसा की कुल 2442 घटनाएं हुई हैं। ये अभी भी जारी हैं और इनमें अनेक लोग मारे जा चुके हैं।  अब तो वहां ईसाई अल्पसंख्यकों पर भी हमले होने लगे हैं। अभी हाल ही में वहां 3 गिरजाघरों तथा एक कैथोलिक स्कूल पर बमों से हमले किए गए। बंगलादेश की अंतरिम सरकार के इन हमलों को रोकने में असफल रहने के कारण कट्टïरपंथियों के हौसले बढ़ गए हैं।

तख्ता पलट के बाद से ही भारत के साथ भी बंगलादेश की सरकार के रिश्ते उतार-चढ़ाव भरे चल रहे हैं। बंगलादेश सरकार कई बार भारत से शेख हसीना को प्रत्यॢपत करने की मांग कर चुकी है जबकि भारत वहां ङ्क्षहदू धार्मिक स्थलों और अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर चिंता जताता रहा है। दूसरी ओर पाकिस्तान और चीन के साथ बंगलादेश के रिश्तों में लगातार सुधार आ रहा है। मोहम्मद यूनुस पिछले एक वर्ष के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से 2 बार भेंट कर चुके हैं और 1971 के बाद नवम्बर, 2024 में पहली बार एक पाकिस्तानी कार्गो जहाज बंगलादेश की चटगांव बंदरगाह पर पहुंचा। इसी वर्ष मई में यूनुस सरकार ने शेख हसीना की पार्टी पर प्रतिबंध लगा दिया और भारतीय सामानों के लिए कई बंदरगाह भी बंद कर दी हैं। 

लोगों की समस्याएं हल करने में नाकाम रहने के कारण बंगलादेश की जनता में मोहम्मद यूनुस की सरकार के विरुद्ध असंतोष भड़का हुआ है। इसी सिलसिले में अज्ञात हमलावरों ने 10 नवम्बर, 2025 को मोहम्मद यूनुस के ‘ग्रामीण बैंक’ मुख्यालय पर पैट्रोल बम का विस्फोट करके उसे जला डाला। इस बीच 12 नवम्बर, 2025 को बंगलादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ढाका की वर्तमान सरकार को बंगलादेश के लिए खतरा बताते हुए मोहम्मद यूनुस पर पूरी तरह कट्टïरपंथियों के हाथों में खेलने का आरोप लगाया तथा कहा कि भारत से संबंध खराब करके कट्टïरपंथियों को बढ़ावा देना यूनुस का आत्मघाती कदम है। इस पर बंगलादेश की सरकार भड़क उठी है।

मोहम्मद यूनुस की सरकार ने प्राथमिक स्कूलों में संगीत और फिजिकल एजुकेशन के शिक्षकों की भर्ती योजना रद्द कर दी है जिस पर वीरवार को ढाका यूनिवॢसटी और जगन्नाथ यूनिवर्सिटी के छात्रों और शिक्षकों ने जोरदार विरोध किया। 12 नवम्बर को यूनुस ने पाकिस्तानी जनरल और एक कनाडाई प्रतिनिधि मंडलों को एक पुस्तक भेंट करके नया विवाद पैदा कर दिया जिसमें दिखाए गए नक्शे में भारत के कुछ हिस्सों को बंगलादेश में दिखाया गया है। इस बीच बंगलादेश में शेख हसीना के विरुद्ध अदालत के फैसले से पहले ही वहां ङ्क्षहसा भड़क उठी है और एक दिन में 32 बम धमाकों तथा दर्जनों बसों को आग के हवाले किया जा चुका है। ढाका तथा अन्य शहरों में सिलसिलेवार बम विस्फोट तथा आगजनी की घटनाएं हो रही हैं। 

हसीना की पार्टी ‘अवामी लीग’ ने बंगलादेश में लॉक डाऊन की मांग की है जबकि जमात-ए- इस्लामी के सदस्यों ने सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया। हालांकि बंगलादेश में 2026 के शुरू में चुनाव करवाने की यूनुस सरकार ने घोषणा की है परंतु बंगलादेश में व्याप्त हिंसा को देखते हुए कहना मुश्किल है कि वहां आने वाले दिनों में क्या होगा? वहां चुनाव होते हैं या नहीं, यह तो समय ही बताएगा, परंतु बंगलादेश में जल्द से जल्द लोकतंत्र की बहाली भारत के निकटतम पड़ोसी होने के नाते बहुत जरूरी है।—विजय कुमार 

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