Edited By ,Updated: 30 Oct, 2025 03:50 AM

स्वच्छता के महत्व से सभी परिचित हैं परंतु इसके बावजूद अधिकांश लोग स्वच्छता की ओर ध्यान नहीं देते। स्वच्छता के नियमों का पालन करना घर के अंदर और बाहर दोनों ही जगहों पर जरूरी है।
स्वच्छता के महत्व से सभी परिचित हैं परंतु इसके बावजूद अधिकांश लोग स्वच्छता की ओर ध्यान नहीं देते। स्वच्छता के नियमों का पालन करना घर के अंदर और बाहर दोनों ही जगहों पर जरूरी है। अक्सर लोग इधर-उधर कहीं भी थूक देते हैं या पान की पीक उगल देते हैं। कुछ लोग अपने कुत्तों को भी घुमाने ले जाते हैं और सार्वजनिक स्थान या कहीं भी उनको पौटी आदि करवा देते हैं जो अत्यंत घृणित है। इसीलिए कई देशों में सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर जुर्माना लगाया जाता है।
सिंगापुर में ऐसा करने पर भारी जुर्माना तथा सार्वजनिक स्थान पर सफाई करने की ‘सजा’ दी जाती है। दुबई, इंगलैंड, पापुआ न्यू गिनी, सऊदी अरब और चीन के कुछ शहरों के अलावा भारत के चंद शहरों में भी सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर जुर्माने का प्रावधान है।
अब उत्तर प्रदेश के वाराणसी (काशी) में भी स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए नगर निगम ने ‘उत्तर प्रदेश ठोस अपशिष्टï प्रबंधन एवं स्वच्छता नियमावली-2021’ को पूरी तरह लागू कर दिया है। अब सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी फैलाने, थूकने या कुत्तों आदि पालतू जानवरों को सार्वजनिक स्थानों पर शौच करवाने पर जुर्माना लगाया जाएगा।
नई व्यवस्था के तहत सड़क या वाहन से थूकने, कूड़ा फैंकने पर 1000 रुपए, सार्वजनिक स्थल पर पालतू कुत्ते को शौच करवाने पर 500 रुपए, नदी या नाले में पूजा सामग्री या कचरा डालने पर 750 रुपए, ‘भवन निर्माण मलबा’ सड़क या नाली के किनारे फैंकने पर 3000 रुपए जुर्माना लगाया जाएगा। सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया यह कदम अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो सकता है, बशर्ते इसे संबंधित विभाग द्वारा सख्तीपूर्वक लागू किया जाए। भारत में जिन स्थानों पर ऐसी व्यवस्था नहीं है, वहां भी इसे तुरंत लागू करना चाहिए। —विजय कुमार