अमरीका और भारत के बीच घनिष्ठ संबंधों का मनेगा ‘जश्न’

Edited By ,Updated: 20 Feb, 2020 03:28 AM

celebrating the close relationship between usa and india

24 फरवरी को अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अहमदाबाद में दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ हवाई अड्डे से साबरमती आश्रम तक 7 किलोमीटर लम्बे रोड शो में भाग लेने के दौरान ‘केम छो ट्रम्प’ की काल...

24 फरवरी को अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अहमदाबाद में दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ हवाई अड्डे से साबरमती आश्रम तक 7 किलोमीटर लम्बे रोड शो में भाग लेने के दौरान ‘केम छो ट्रम्प’ की काल के साथ उनका स्वागत किया जाएगा। अमरीका और भारत के बीच घनिष्ठ संबंधों का जश्न मनाते हुए, 2015 के बाद से अमरीकी राष्ट्रपति की यह पहली यात्रा होगी और उनके महाभियोग परीक्षण के बाद ट्रम्प का पहला विदेशी दौरा होगा। मोदी ने कहा कि भारत अमरीका संबंधों को और मजबूत करने में एक लम्बा रास्ता तय करेगा। 

25 फरवरी को ट्रम्प का नई दिल्ली में उनकी यात्रा के दूसरे चरण में औपचारिक स्वागत किया जाएगा। रक्षा सहयोग के केन्द्र बिन्दु पर चर्चा होने की उम्मीद है और भारत नौसेना के लिए तारपीडो और पनडुब्बी खोज क्षमता से लैस 2.6 बिलियन डॉलर की 24 एमएच-60आर सीहॉक हैलीकाप्टरों के लिए अंतिम  मंजूरी देने के लिए तैयार है। इसके अतिरिक्त एकीकृत एयर डिफैंस वैपन सिस्टम (आई.ए.डी.डब्ल्यू.एस.) या नैशनल एडवांस्ड सर्फेस-टू-सर्फेस मिसाइल सिस्टम-2 की भारत को बिक्री के लिए यू.एस. की मंजूरी पहले से ही 1.8 बिलियन डॉलर की है। यह भारतीय रक्षा क्षमताओं को मजबूत करेगा और अपने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया में सहायता करेगा। 

यह भारत के लिए उच्च संवेदनशील औद्योगिकी उत्पाद की बिक्री हेतु नियंत्रण को आसान बनाने के लिए ट्रम्प प्रशासन के पिछले निर्णयों का निर्माण करेगा। यह भारत को नाटो की तरह ही सामरिक व्यापार प्राधिकरण-1 की स्थिति के साथ-साथ सशस्त्र ड्रोन और एकीकृत वायु और मिसाइल रक्षा प्रौद्योगिकी की बिक्री के लिए पहुंच प्रदान करेगा। वहीं भारत अमरीका के साथ समझौते के माध्यम से अपने सशस्त्र बलों को आधुनिक बनाने और सैन्य क्षमताओं व द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए अपनी इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करेगा। 

अमरीकी राष्ट्रपति के तौर पर ट्रम्प का पहला भारतीय दौरा दोनों देशों के बीच इंडो-पैसिफिक नीतियों को सुदृढ़ करेगा तथा एशिया में चीन-रूस संरक्षण के खिलाफ नीतियों के लिए आपस में तालमेल रखा जाएगा। नवम्बर 2019 में अमरीकी सरकार द्वारा शुरू किया गया यह नैटवर्क बाजार संचार परियोजनाओं के लिए एक वैश्विक प्रमाण है। 

गहरे व्यापार और व्यापार संबंधों को आगे बढ़ाने के प्रयास में दोनों देश कम टैरिफ के साथ आगे बढ़ेंगे लेकिन लम्बे समय से प्रतीक्षित मिनी व्यापार सौदे में प्रत्याशित गिरावट नहीं देखी जा सकती। ट्रम्प और मोदी में घनिष्ठता के कारण उनके बीच पिछले तीन सालों में यह पांचवीं बैठक होगी जो द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों को और शक्ति प्रदान करेगी। लोकतंत्र पर प्रतिबद्धता के लिए दोनों देशों को एक-दूसरे का समर्थन प्राप्त है। अंतर्राष्ट्रीय आदेशों को कायम रखने के लिए अमरीका भारत को अपना प्रमुख सहयोगी मानता है। 

नवम्बर 2020 में अमरीका में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों से पूर्व ट्रम्प की भारत यात्रा निश्चित तौर पर एक प्रमुख विदेश यात्रा होगी क्योंकि अमरीका में भारतीयों की विशेष भूमिका है। यदि ट्रम्प विविधता, समावेश तथा आप्रवासियों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है तब यह यात्रा ट्रम्प के लिए अपने हक में वोट हासिल करने हेतु निर्णायक होगी। सितम्बर 2019 में हाऊडी मोदी इवैंट के दौरान मोदी ने पहले ही अमरीकी चुनावों का बिगुल बजा दिया था। भारतीय अमरीकी लोगों की भीड़ देखकर लोगों ने ट्रम्प पर उनके दूसरे कार्यकाल के लिए मोहर लगाते हुए कहा था कि ‘अब की बार ट्रम्प सरकार’।-सिम्मी मेहता

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