कोरोना के नए वेरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ ने बढ़ाई चिंता

Edited By ,Updated: 01 Dec, 2021 05:15 AM

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कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ ने सारी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। ऐसा नहीं है कि दुनिया और हमारे देश से कोरोना खत्म हो चुका है, बल्कि निष्प्रभावी और नगण्य-सा रह गया था। हमारे देश

कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ ने सारी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। ऐसा नहीं है कि दुनिया और हमारे देश से कोरोना खत्म हो चुका है, बल्कि निष्प्रभावी और नगण्य-सा रह गया था। हमारे देश में संक्रमण के रोजाना 10,000 से भी कम केस दर्ज किए जा रहे हैं और संक्रमण की औसत दर 1 फीसदी से भी कम है। 

वायरस काबू में है, ऐसा विश्व स्वास्थ्य संगठन का घोषित आकलन है। इस बीच दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग, सिंगापुर, इसराईल, बोत्स्वाना सरीखे देशों में कोरोना की एक और नई नस्ल सामने आई है। वायरस का यह नया वेरिएंट इस महीने सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था, जिसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन को इसकी जानकारी दी गई। संगठन ने फिर 24 नवम्बर को दक्षिण अफ्रीका के इस नए वेरिएंट की पुष्टि की और बयान जारी किया। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले सप्ताह कोरोना वायरस के इस नए वेरिएंट को ‘चिंता का विषय’ बताते हुए इसका नाम ‘ओमिक्रॉन’ रखा। यह डेल्टा किस्म की तुलना में 7 गुणा तेजी से फैलता है और उसके 45 अलग-अलग स्वरूप भी सामने आ चुके हैं। 

लिहाजा स्वाभाविक ही यह खतरनाक और चिंतित करने वाली स्थिति है। वायरस के हमारे शरीर की कोशिकाओं से सम्पर्क बनाने वाले हिस्से की बात करें तो इसमें 10 म्यूटेशन हुए हैं। जबकि दुनिया भर में तबाही मचाने वाले डेल्टा वेरिएंट में 2 म्यूटेशन हुए थे। फिलहाल भारत इस वायरस से अछूता है। बेशक गत करीब 550 दिनों के दौरान संक्रमण के आंकड़े न्यूनतम रहे हैं, लेकिन यह वायरस है, जिसके लिए भौगोलिक सीमाओं के बंधन नहीं हैं और कभी भी भारत में आ सकता है। 

कोरोना के नए वेरिएंट की आहट के तुरंत बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सभी वरिष्ठ और संबद्ध अधिकारियों से विमर्श किया और निगरानी, जांच, बंदोबस्त और टीकाकरण की गति को बढ़ाने के निर्देश दिए। लिहाजा वायरस की गंभीरता को समझा जा सकता है। महाराष्ट्र और गुजरात ने कुछ अतिरिक्त पाबंदियां और क्वारंटीन सरीखी चौकसियां घोषित कर दी हैं। अमरीका के न्यूयॉर्क में आपातकाल का ऐलान करना पड़ा है। करीब 20 देशों ने अफ्रीकी देशों से आने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी है। कुछ देशों ने तो यात्रा-प्रतिबंध भी लागू कर दिए हैं। 

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, अभी ओमिक्रॉन को लेकर जो भी जानकारियां उपलब्ध हैं, उनसे कई तरह की संभावनाओं का संकेत मिलता है, लेकिन किसी ठोस नतीजे पर पहुंचने के लिए उन्हें वैज्ञानिक आधार पर जांचने की आवश्यकता है। बताया जा रहा है कि ओमिक्रॉन के 30 से ज्यादा म्यूटेशन हो चुके हैं। ये म्यूटेशन या बदलाव वायरस के स्पाइक प्रोटीन क्षेत्र में हुए हैं। 

विशेषज्ञों के मुताबिक वायरस के स्पाइक प्रोटीन वाले क्षेत्र में म्यूटेशन होने से वह वेरिएंट ऐसी क्षमता विकसित कर सकता है, जिससे वह इम्युनिटी से बच सकता है। यानी हो सकता है कि टीके या दूसरी वजहों से पैदा हुई शरीर की प्रतिरोधी क्षमता का उस वायरस पर असर न हो। दिल्ली के एम्स प्रमुख ने कहा है कि ऐसे में दुनिया की सभी कोविड वैक्सीनों की समीक्षा करनी पड़ेगी क्योंकि अधिकतर वैक्सीन स्पाइक प्रोटीन से जूझने वाले एंटीबॉडी विकसित करती हैं और इसी आधार पर वह वैक्सीन काम करती है। 

देश में टीकों की 121 करोड़ से ज्यादा खुराकें दी जा चुकी हैं। करीब 35 करोड़ लोगों को टीके की दोनों खुराकें मिल चुकी हैं लेकिन ङ्क्षचता का विषय यह है कि अभी 54 फीसदी वयस्कों को टीका लगाया जाना है। हम दिसम्बर तक के लक्ष्य से इतना पीछे हैं। बाल-टीकाकरण की भी शुरूआत नहीं हो सकी है, जबकि अक्तूबर माह का आश्वासन दिया गया था। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को लोगों से कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के खिलाफ सतर्क रहने का आग्रह किया। अब जब देश में टीकाकरण की गति ही धीमी हो गई है तो बूस्टर डोज फिलहाल एक स्वप्न ही है। उस पर नीतिगत निर्णय लेना ही शेष है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन का मानना है कि कोई वेरिएंट कोविड वैक्सीन को पूरी तरह से बेकार नहीं कर सकता। एस्ट्राजेनिका, मॉडर्ना, नोवावैक्स और फाइजर सहित तमाम दवा कंपनियों ने कहा है कि ओमिक्रॉन के सामने आने के बाद वे अपने टीके को उसका मुकाबला करने के लिए परिवर्तित करने का प्रयास कर रहे हैं और ये टीके 100 दिन में तैयार होने की उम्मीद है। 

दुनिया में तेजी से फैल रहे ओमिक्रॉन को भारत में आने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो 1 दिसंबर से लागू होंगे और अगले आदेश तक प्रभावी रहेंगे और नभ, जल और थल किसी भी सीमा से देश में प्रवेश करने वाले लोगों पर लागू होंगे। दिशा-निर्देशों के मुताबिक सभी देशों के लोगों को भारत आने से पहले आनलाइन एयर सुविधा पोर्टल पर अपनी पिछली 14 दिन की यात्रा संबंधी विस्तृत जानकारी देनी होगी। 

कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर संभावित खतरे को देखते हुए देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश सहित देश के सभी राज्यों की सरकारें ‘अलर्ट मोड’ में आ गई हैं। यदि यह सिंगापुर, हांगकांग और मॉरीशस तक पाया गया है और वहां लोग संक्रमित हुए हैं तो नई नस्ल के लिए भारत बहुत दूर नहीं है। हालांकि वायरस के नए स्वरूप पर अनुसंधान अभी शेष हैं कि ‘ओमिक्रॉन’ कितना घातक और जानलेवा है, मरीजों को अस्पताल तक जाने की नौबत कितनी आएगी और मृत्यु-दर कितनी होगी। 

दक्षिण अफ्रीका में संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले आए हैं। कोरोना के पहले वेरिएंट की तरह नए वेरिएंट के विरुद्ध भी सभी नागरिकों को सतर्क रहना होगा। सामाजिक दूरी, सैनेटाइजर और मास्क के प्रयोग के प्रति जो लापरवाही देखने को मिल रही है, उससे सचेत होने की जरूरत है। कोरोना प्रोटोकॉल ही सबसे बड़ी दवाई है, यह बात गांठ बांधनी होगी।-राजेश माहेश्वरी

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