गन्दा है पर बड़ा धंधा है पोर्न इंडस्ट्री

Edited By ,Updated: 24 Jul, 2021 04:47 AM

dirty but big business

हाल ही में बॉलीवुड से जुड़े एक बड़े नामचीन को पोर्न फिल्म बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। यह गिर तारी बताती है कि अब अपने देश में पोर्न एक इंडस्ट्री का रूप लेता जा रहा है और  इसमें बड़े लोग

हाल ही में बॉलीवुड से जुड़े एक बड़े नामचीन को पोर्न फिल्म बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। यह गिर तारी बताती है कि अब अपने देश में पोर्न एक इंडस्ट्री का रूप लेता जा रहा है और  इसमें बड़े लोग पैसा लगा रहे, बना रहे हैं। पोर्न या एडल्ट फिल्में अपने दर्शकों, यानी टीनएजर्स, महिलाओं और पुरुषों के लिए सैक्सुअल फैंटसीज को एक्सप्लोर करने का एक माध्यम होती हैं। एक ओर जहां पोर्न फिल्में कामेच्छा को बढ़ाती हैं और अंतरंग संबंधों को बेहतर करती हैं, वहीं इनके कई दुष्प्रभाव भी हैं। पोर्न फिल्में देखने का स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है। 

दुनियाभर की पोर्न इंडस्ट्री करीब 100 बिलियन डॉलर से कहीं ज्यादा की है। इसका लगभग 10 प्रतिशत अकेले अमरीका से आता है। ऐसे में सवाल उठता है कि भारत में पोर्न इंडस्ट्री कितनी बड़ी है? इसका एक लाइन में जवाब है कि भारत में कोई पोर्न इंडस्ट्री नहीं है। इसके बावजूद यहां पोर्न देखने वालों की संख्या इतनी ज्यादा है कि यू.एस. और यू.के. के बाद भारत तीसरे नंबर पर है। यह आंकड़ा साल 2018 का है। जब सरकार ने पोर्न वैबसाइट्स को बैन किया तो भारत 15वें स्थान पर आ गया। 

एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में पोर्न फिल्में देखने के लिए यूजर्स कई तरह के की-वर्ड सर्च करते हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पोर्न कंटैंट में कैसी डिमांड है, ऐसी डिमांड पूरी भी की जाती है। 2018 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में पोर्न वैबसाइट पर एक विजिटर औसत 10 मिनट 13 सैकेंड देता है। भारत में यह औसत 8 मिनट 23 सैकेंड है। यानी भारत में एक व्यक्ति एवरेज 8 मिनट 23 सैकेंड तक पोर्न साइट पर रहता है।

सबसे ज्यादा 39 प्रतिशत ट्रैफिक दिल्ली से है, यानी यहां के लोग सबसे ज्यादा पोर्न देखते हैं। दिल्ली के लोगों का पोर्न देखने का औसत 9 मिनट 29 सैकेंड है। भारत में लॉकडाऊन के दौरान, साल 2020 के अप्रैल के महीने में एडल्ट साइट्स पर 95 प्रतिशत उछाल देखा गया। भारतीय टैलीकॉम ऑपरेटर्स ने कई एडल्ट साइट्स को ब्लॉक कर दिया, इसके बाद भी उन साइट्स को मिरर डोमेन्स के जरिए देखा गया।

भले ही भारत में पोर्न पर बैन है लेकिन यहां पोर्न फिल्में बन भी रही हैं और देखी भी जा रही हैं तथा लोग कमाई भी कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या भारत में पोर्न पर बैन जारी रखना चाहिए या फिर इसे रैगुलेट करने की जरूरत है? भारत में आई.पी.सी. की धारा 292 के तहत पोर्न बनाना और बेचना जुर्म है। अगर किसी पोर्न क्लिप को आप एक से दूसरी जगह पहुंचाते हैं, यानी शेयर करते हैं तो वह भी गैर कानूनी है। मजे की बात यह है कि भारत में पोर्न देखना, पढऩा या सुनना कानूनी है, वहीं बच्चों के लिए अलग नियम हैं। इन्फार्मेशन टैक्नोलॉजी एक्ट 2000 की धारा 67बी के तहत पूरे देश में चाइल्ड पोर्नोग्राफी गैर कानूनी है। 

देश में पोर्न को बैन किया जाए या इसे रैगुलेट करने की जरूरत है, यह सवाल महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत में पोर्न इंडस्ट्री जैसा कोई कॉन्सैप्ट नहीं है, फिर भी चोरी-छुपे भारत के ही विभिन्न हिस्सों में शूट किया जाता है। दूसरे शब्दों में, भारत में पोर्न इंडस्ट्री तो है लेकिन दो नंबर में चलती है। यह साफ है कि बैन कारगर नहीं है। अवैध तरीके से पोर्न इंडस्ट्री चलने के कारण कई दिक्कतें हैं। असुरक्षित तरीके से इंडस्ट्री चल रही है, इसमें बच्चों का इस्तेमाल किया जा रहा है। यदि इंडस्ट्री रैगुलेट होगी तो नियम कायदों के साथ सुरक्षा से चलेगी। इस रैगुलेशन के परिणाम ठीक नहीं होंगे क्योंकि हमारे संस्कार इसकी इजाजत नहीं देंगे। 

भारत में पोर्न बैन करवाने के पीछे अनेक तर्क हैं, जिनमें से सबसे बड़ा यह है कि यह सैक्स को लेकर ‘विकृत मानसिकता’ को बढ़ावा देता है, यौन अपराध के लिए प्रेरित करता है। साल 2013 की बात है, इंदौर हाईकोर्ट के एक वकील ने भारत में पोर्न वैबसाइटों को ब्लॉक करने के लिए एक जनहित याचिका लगाई। उन्होंने तर्क दिया कि इन एडल्ट साइटों को ब्लॉक कर देना चाहिए क्योंकि ये महिलाओं के विरुद्ध ङ्क्षहसा को बढ़ावा देती हैं और सैक्स क्राइम को प्रोत्साहित करती हैं। जुलाई 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि घर की गोपनीयता में घर के अंदर पोर्नोग्राफी देखना पूरी तरह से कानूनी है। इसे अपराध के रूप में नहीं गिना जाता। हालांकि, अगस्त 2015 में इसके ठीक विपरीत हुआ। भारत सरकार ने 857 पोर्न साइट्स को ब्लॉक करने का आदेश दे दिया। 

साल 2018 में देहरादून में बलात्कार के एक आरोपी ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में कहा कि उसे पोर्न फिल्म देखने के बाद अपराध करने का प्रोत्साहन मिला। इसके बाद कोर्ट ने पोर्न वैबसाइटों को बैन करने का आदेश दे दिया। कोर्ट ने कहा, बच्चों के मन पर प्रतिकूल प्रभाव से बचने के लिए पोर्न साइटों तक पहुंच पर अंकुश लगाया जाना चाहिए। ऐसा मुमकिन नहीं हो पाया है, तभी तो यह धंधा गन्दा होने के बावजूद फल-फूल रहा है। कड़वा सच यह है कि भारत में पोर्न और सैक्स को लेकर सिर्फ एक ही अहम बात है और वह यह कि यह किसी के सामने नहीं दिखना चाहिए। अपने यहां इसके चाहने वाले कहां मानते हैं। चाहे ऊपर से जितनी भी निंदा करें, परन्तु इसके बिना अनेकों को शायद नींद भी नहीं आती।-डा. वरिन्द्र भाटिया


 

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