सुनिश्चित हो कि विदेश जाने वाले पंजाबी धोखाधड़ी व उत्पीड़न के शिकार न हों

Edited By ,Updated: 19 Jan, 2022 05:02 AM

ensure that punjabis going abroad do not fall prey to fraud and harassment

20 फरवरी को होने वाले पंजाब विधानसभा के चुनाव में युवाओं को रिझाने के लिए तमाम सियासी दल सत्ता में आने पर उन्हें आइलैट्स (इंटरनैशनल इंगलिश लैंग्वेज टैसिं्टग सिस्टम) की मुफ्त कोचिंग

20 फरवरी को होने वाले पंजाब विधानसभा के चुनाव में युवाओं को रिझाने के लिए तमाम सियासी दल सत्ता में आने पर उन्हें आइलैट्स (इंटरनैशनल इंगलिश लैंग्वेज टैसिं्टग सिस्टम) की मुफ्त कोचिंग का वादा कर रहे हैं। युवाओं की विकसित दुनिया में उड़ान भरने की आकांक्षाओं को पूरा करने के नाम पर पंजाब में सैंकड़ों आइलैट्स सैंटर एक उद्योग की तरह विकसित हुए हैं, पर प्रतिभा के अनुरूप विदेशों में नौकरी मिलने की बजाय पंजाबी युवाओं को धोखाधड़ी और उत्पीडऩ का सामना करना पड़ रहा है। 

सियासी दलों को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए कि बेहतर करियर की चाह में विदेशों का रुख करने वाले हमारे युवाओं को कैसे इन कथित इमीग्रेशन कंपनियों की धोखाधड़ी से बचाकर ऐसी ‘स्किल’ से सशक्त किया जाए, जिनकी विदेशी नौकरियों में जरूरत है। तमाम सियासी दल अपने चुनावी घोषणापत्रों में सुनिश्चित करें कि युवाओं को विदेशों में उनकी योग्यता और स्किल के मुताबिक रोजगार कैसे मिले और बगैर किसी धोखाधड़ी का शिकार हुए वे विदेश प्रवास कर सकें। फर्जी और अवैध इमीग्रेशन कंपनियों द्वारा युवाओं का शोषण न हो। 

पंजाब की 35 फीसदी आबादी 237 कस्बों  में और बाकी 65 फीसदी आबादी 13,006 गांवों में रहती है, जो खेती और संबंधित गतिविधियों पर निर्भर है। खेती में प्रत्यक्ष रूप से लगे लोगों का एक बड़ा हिस्सा अच्छी आय अर्जित नहीं कर पा रहा, इसलिए बड़े पैमाने पर ग्रामीण युवा बेहतर अवसर की उ मीद में कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, खाड़ी देशों, अमरीका, ब्रिटेन और अन्य देशों में जा रहे हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर को निराशा ही हाथ लगती है। 

उपलब्ध स्किल कोर्स इतने बेहतर नहीं हैं कि उनके दम पर सही नौकरी मिल सके। यही कारण है कि विदेशों में भी यहां के टैक्निकल स्किल कोर्स रोजगार के अवसरों को सीमित कर रहे हैं। पंजाब सरकार को ‘ग्लोबली सर्टीफाइड टेलैंट नोड’ बनाने की जरूरत है, जिसके तहत स्किल डिवैल्पमैंट के ऐसे कोर्स शुरू किए जाएं, जिनकी विश्व स्तर पर जरूरत है। इस जरूरत को पूरा करने के लिए हमारे तकनीकी संस्थानों और विश्वविद्यालयों को विदेशी संस्थानों और नौकरी देने वाली कंपनियों के साथ तालमेल बिठाना चाहिए। 

पंजाबी अपनी कड़ी मेहनत और उद्यमिता के लिए जाने जाते हैं। पंजाबियों ने दुनिया के कई देशों में खुद को अच्छे से स्थापित किया है, इसलिए विदेशों में काम करने और पढ़ाई के लिए जाने वालों की सं या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक जनवरी 2016 से जनवरी 2021 के बीच 5 साल में पंजाब से 4.78 लाख लोगों ने रोजगार के लिए देश छोड़ा। इसी अवधि में 2.62 लाख युवाओं ने उच्च शिक्षा के लिए विदेशों का रुख किया। 

आंध्र प्रदेश ( 2.82 लाख) और महाराष्ट्र (2.64 लाख) के बाद पंजाब देश में तीसरे स्थान पर है, जहां के युवा उच्च शिक्षा, आकर्षक नौकरियों के साथ बेहतर जीवन शैली के सपने को पूरा करने के लिए पलायन कर गए हैं। एन.आर.आई. पंजाबियों की वजह से यहां पंजाब में रह रहे उनके परिवारों की जिंदगी में भी समृद्धि और खुशहाली आई है। इसके अलावा देश के विदेशी मुद्रा भंडार में भी एन.आर.आई. पंजाबियों का बड़ा योगदान है। 

सही अवसर, सही स्किल : सरकारी नौकरियों की सं या सीमित है। कोरोना और ओमिक्रॉन की लहर में देश में आॢथक सुधार सुस्त है, जिसके चलते  भारत में रोजगार के नए अवसर फिर खतरे में हैं। पर कनाडा, आस्ट्रेलिया और अमरीका जैसे विकसित देशों में आज भी नर्स, ट्रक-कैब ड्राइवर, निर्माण श्रमिक, खेत कामगार, आई.टी. पेशेवर, रसोइया, प्लंबर, बढ़ई, रिटेल स्टोर और फूड सॢवस सैक्टर में रोजगार के बहुत अवसर हैं, मगर इसके लिए नि:संदेह युवाओं में सही स्किल होना जरूरी है। पर स्किलिंग के ट्रैक रिकॉर्ड में सुधार के लिए केंद्र व राज्य सरकार की पहल बहुत सफल नहीं रही।

एक युवा महिला के बारे में सोचें जो अपने करियर बारे विचार कर रही है। उसे अपने करियर की सही तलाश के लिए कहां जाना चाहिए, कहां ट्रेनिंग लेनी चाहिए और उसके लिए किस तरह की नौकरियां उपलब्ध हैं, आज ऐसे कई युवाओं की कहानियां हैं, जिन्हें अपना सपना पूरा करने के लिए कहां पहुंचना है, इस जानकारी का अभाव है। 

आगे का रास्ता : लगभग 6 लाख पंजाबी युवा हर साल आइलैट्स की तैयारी करते हैं, पर इनके लिए विदेशों में उच्च शिक्षा के सही रास्ते तलाशने की जरूरत है। सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों ‘आई.टी.आई.’ और स्कूलों में भी माध्यमिक स्तर की कक्षाओं के दौरान आइलैट्स की कोचिंग दी जा सकती है। इस पहल का उद्देश्य राज्य में एक ऐसा सिस्टम बनाना है जहां हमारे युवाओं की क्षमता विश्वस्तरीय ढंग से विकसित हो सके। इस पहल से युवा प्राइवेट आइलैट्स कोचिंग सैंटरों की भारी फीस से बचेंगे और इन्हें ट्रेनिंग भी योग्य ट्रेनर्स द्वारा मिलेगी। 

आइलैट्स सैंटर की स्थापना, मान्यता से लेकर प्रबंधन और संचालन की प्रक्रिया सरकार द्वारा सर्टिफाइड और रैगुलेटिड हो। इमीग्रेशन में धोखाधड़ी के मामलों को रोकने के लिए विदेशों में पढ़ाई और नौकरी के लिए प्लेसमैंट सैल को प्रभावी ढंग से कारगर करने की जरूरत है।

इसके लिए पंजाब के प्रत्येक जिले में जिला रोजगार और उद्यम ब्यूरो ‘डी.बी.ई.ई.’ स्तर पर एक ऐसी व्यवस्था कायम की जाए, जो विदेश जाने के इच्छुक युवाओं को विदेश में नौकरी के अनुसार स्किल ट्रेनिंग के साथ सही नौकरी के लिए वहां की कंपनियों के साथ तालमेल स्थापित करें। इन सब प्रयासों के बीच सत्ता में आने वाली पार्टी यह सुनिश्चित करे कि बेरोजगारों की योग्यता के अनुसार उपयुक्त बेरोजगारी भत्ता दिया जाना चाहिए, ताकि वह स मानजनक जीवन जी सकें।(सोनालीका ग्रुप के वाइस चेयरमैन एंव कैबिनेट मंत्री रैंक में पंजाब प्लानिंग बोर्ड के वाइस चेयरमैन)-अमृत सागर मित्तल
 

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