सरकारों द्वारा नागरिकों के मौलिक अधिकारों को कुचला जाता है

Edited By ,Updated: 16 Mar, 2023 06:14 AM

fundamental rights of citizens are trampled upon by governments

यूनाइटेड किंगडम में कांग्रेसी नेता राहुल गांधी की टिप्पणियों ने एक विवाद खड़ा कर दिया है।

यूनाइटेड किंगडम में कांग्रेसी नेता राहुल गांधी की टिप्पणियों ने एक विवाद खड़ा कर दिया है। संसद की कार्रवाई इस बार सत्ता पक्ष के सांसदों द्वारा भारत और विदेशों में भारतीयों का कथित रूप से अपमान करने के लिए उनसे माफी मांगने की मांग के कारण बाधित हुई है। कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दल राहुल गांधी की टिप्पणियों का बचाव करते हुए कह रहे हैं कि सत्ताधारी पार्टी के सांसद राष्ट्र की आलोचना और वर्तमान सरकार की आलोचना के बीच भ्रमित थे।

वे विदेशों में अपने भाषणों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत और भारतीयों के कथित अपमान की ओर इशारा कर रहे हैं। देश में लोकतंत्र के खतरे में होने की टिप्पणी पर किए जा रहे दावों और प्रतिवादों के बावजूद इस विवाद ने एक अहम सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या वाकई हम पूरी तरह क्रियाशील और जीवंत लोकतंत्र हैं? क्या केवल नियमित रूप से चुनाव करवाना ही विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने का दावा करने का एकमात्र मापदंड है? हमारी बुनियादी चुनावी प्रक्रिया में खामियां ही लोकतंत्र की सच्ची भावना पर छाया डालती हैं।

इस प्रकार एक पार्टी 31 प्रतिशत वोट शेयर के साथ भी शासन कर सकती है और पूरे देश का प्रतिनिधित्व करने का दावा कर सकती है। इस तथ्य पर ध्यान न दें कि 2/3 से अधिक नागरिकों ने इसके लिए मतदान नहीं किया था। जाहिर है कि मतदाताओं के विशाल बहुमत ने उस पार्टी के एजैंडे का समर्थन नहीं किया था लेकिन एक बार सत्ता में आने पर वह न केवल उस एजैंडे को आगे बढ़ाने का अधिकार लेती है बल्कि उसके पास जो भी छिपा हुआ एजैंडा हो सकता है, उसे थोपने का भी अधिकार पा लेती है।

हालांकि जो बात इस बात पर संदेह करती है कि क्या हम सच्चे लोकतंत्र का अभ्यास कर रहे हैं, वह सरकार के काम करने और अपने आलोचकों और विरोधियों से निपटने का तरीका है। यहां कुछ उदाहरण दिए गए हैं कि सत्ता में सरकारों द्वारा नागरिकों के लोकतांत्रिक और यहां तक कि मौलिक अधिकारों को कैसे कुचला जाता है और मैं यहां केंद्र तथा राज्यों दोनों में सरकारों के बारे में बात कर रहा हूं।

देशद्रोह कानून, आपराधिक मानहानि कानून और गैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यू.ए. पी.ए.) जैसे कठोर और पुराने कानूनों के तहत कार्यकर्ताओं, राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों और यहां तक कि पत्रकारों को एक साथ वर्षों तक सलाखों के पीछे रखा जाता है जिसका दुरुपयोग रोकने या आलोचना को हतोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा किया जाता है। ऐसे कई उदाहरण हैं कि ऐसे कानूनों का दुरुपयोग किया जा रहा है और एक लोकतांत्रिक देश में रहने वाले नागरिकों की नागरिक स्वतंत्रता छीन ली गई है।

कोई दो दशक पुरानी बॉलीवुड फिल्म पर आधारित 4 साल पुराने ट्वीट के लिए किसी को सलाखों के पीछे डालने या किसी को बलात्कार के मामले में रिपोर्ट करने का प्रयास करने के लिए सालों तक जेल में डालने को कैसे उचित ठहराया जाएगा। न्याय की मांग उठाने के लिए सेवानिवृत्त नौकरशाहों, न्यायिक अधिकारियों और पत्रकारों के खिलाफ देशद्रोह कानून और यू.ए.पी.ए. कानून लागू किए गए हैं।

एक 22 वर्षीय लड़की पर सरकार के खिलाफ नारे लगाने के लिए देशद्रोह का आरोप लगाया गया था जबकि एक 80 वर्षीय व्यक्ति को कथित राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए सलाखों के पीछे डाल दिया गया था और दवाओं से इंकार कर दिया गया था जिससे उसकी मृत्यु हो गई थी। लाखों विचाराधीन कैदी वर्षों से जेलों में सड़ रहे हैं और 4 करोड़ से अधिक मामले न्याय के लिए देश की अदालतों में लंबित हैं।

अपराध के आंकड़ों पर राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के आधिकारिक आंकड़े इस तथ्य की पुष्टि करते हैं कि इन कानूनों के तहत लोगों पर मामले दर्ज करने में तेजी से वृद्धि हुई है।स्पष्ट रूप से झूठी मुठभेड़ों के कई उदाहरण हैं जिनमें पुलिस हत्या करती है और अतिरिक्त न्यायिक हत्याओं के साथ बच निकलती है। ऐसे अन्य उदाहरण भी हैं जहां लोकतांत्रिक अधिकारों को रौंद दिया जाता है।

फिर हमारे पास तत्काल न्याय देने का एक नया साधन है जिसके तहत जिन लोगों को सरकार दोषी मानती है उनके घरों को ध्वस्त करने के लिए बुल्डोजर का उपयोग किया जाता है। यह स्पष्ट है कि यह अत्यधिक चयनात्मक तरीके से किया जाता है। हाल ही में होली के त्यौहार के दौरान सोशल मीडिया विद्रोही वीडियोज से भरा हुआ था जिसमें मौज-मस्ती करने वाले अन्य समुदायों और राष्ट्रीयताओं के लोगों को होली खेलने के लिए मजबूर करते देखा गया था। इतना ही नहीं इन वीडियोज में दिखाया गया है कि कैसे पुलिस के हस्तक्षेप के बिना महिलाओं का यौन उत्पीडऩ किया गया। -विपिन पब्बी

Trending Topics

none
Royal Challengers Bangalore

Gujarat Titans

Match will be start at 21 May,2023 09:00 PM

img title img title

Everyday news at your fingertips

Try the premium service

Subscribe Now!