लॉकडाऊन-समस्याएं और उनके ‘समाधान’

Edited By ,Updated: 16 Jun, 2020 03:53 AM

lockdown problems and their solutions

कोरोना महामारी के विस्तार की संभावनाआें को देखते हुए 25 मार्च, 2020 से सारे देश में सम्पूर्ण लॉकडाऊन घोषित कर दिया गया। इस लॉकडाऊन के प्रारंभिक दौर में मुझे देशवासियों के समक्ष आने वाली कठिनाइयों का कुछ अहसास हो रहा है। विशेष रूप से अकेले रहने वाले...

कोरोना महामारी के विस्तार की संभावनाआें को देखते हुए 25 मार्च, 2020 से सारे देश में सम्पूर्ण लॉकडाऊन घोषित कर दिया गया। इस लॉकडाऊन के प्रारंभिक दौर में मुझे देशवासियों के समक्ष आने वाली कठिनाइयों का कुछ अहसास हो रहा है। विशेष रूप से अकेले रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों की सेवा सहायता का प्रबंध कैसे होगा, यह प्रश्न मन में बहुत दुविधा पैदा कर रहा है। इस विशेष दुविधा को व्यक्त करते हुए मेरा एक लेख ‘लॉकडाऊन एकांकी वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल’ पंजाब केसरी, जग बाणी तथा हिन्द समाचार समाचारपत्रों में प्रकाशित हुआ। 

देशवासियों की इन समस्याआें की कल्पना ही बहुत भयावह थी। सामाजिक और राष्ट्रवादी प्रेरणाआें के कारण मैं विवश हो गया कि एेसी दुविधा में फंसे लोगों की सेवा के लिए तत्परता प्रस्तुत करनी ही चाहिए। अत: मैंने इस लेख में अपने टैलीफोन नम्बर भी सार्वजनिक किए। मेरी इस विनम्र सेवा की घोषणा को देखकर प्रतिदिन मुझे अनेकों फोन आने लगे और पिछले लगभग दो महीनों में 300 से अधिक फोन सम्पर्कों के परिणामस्वरूप हजारों लोगों की दुविधाएं दूर करने का मुझे सौभाग्य प्राप्त हुआ। 

सबसे पहले वरिष्ठ नागरिकों की बात करें तो भविष्य में भी पाठकों को यह अहसास रहना चाहिए कि लॉकडाऊन हो या सामान्य परिस्थिति, अपने घरों के आसपास एेसे वरिष्ठ नागरिकों की सहायता के लिए तत्पर रहना प्रत्येक नागरिक का परम कत्र्तव्य होना चाहिए। पंजाब के दीनानगर से मेरे पास एक वृद्ध पुरुष का फोन आया कि उनकी बेटी लुधियाना में नर्स का कोर्स कर रही है उसे यदि हमारे पास आने की अनुमति दिलवा दी जाए तो हमारी सारी समस्याएं दूर हो सकती हैं। मैंने प्रशासनिक अधिकारियों को स्थिति की गंभीरता समझाते हुए उस बच्ची को माता-पिता की सेवा में रहने का अवसर प्राप्त करवाया। होशियारपुर से एक वृद्ध सज्जन का फोन आया कि वह दमा के रोगी हैं और उनका इन्हेलर समाप्त हो रहा है। कफ्र्यू के कारण बाहर जाना असंभव था। 

मैंने उन्हें स्थानीय कार्यकत्र्ता के माध्यम से तत्काल दो इन्हेलर के पैकेट भिजवा दिए। दिल्ली से एक थैलीसीमिया रोगी का फोन आया कि उसे प्रति सप्ताह रक्त की आवश्यकता होती है और अब यह कार्य कैसे होगा। मैंने रैडक्रॉस सोसायटी के राष्ट्रीय मुख्यालय के अधिकारियों को कहकर ब्लड बैंक से उनके लिए नियमित रक्त चढ़वाने का प्रबंध करवाया। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर से एक अनाथ बच्ची का फोन आया कि उनके घर पर खाना-पानी समाप्त है। 

मैंने स्थानीय भाजपा कार्यकत्र्ताआें को निर्देश देकर इस दुविधा को दूर करवाने का प्रयास किया। कनाडा से एक व्यक्ति का फोन आया कि पंजाब में उनकी मां का ऑप्रेशन होना निर्धारित था परन्तु उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है, इसलिए मुझे भारत आने की अनुमति चाहिए। मैंने विदेश मंत्रालय से सम्पर्क करके उसकी सहायता करवाई। जालंधर के कुष्ठ आश्रम के रोगियों के लिए जालंधर रैडक्रॉस इकाई द्वारा भोजन का प्रबंध करवाया। 

दिल्ली, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और हिमाचल प्रदेश से अनेकों वृद्ध दम्पतियों के फोन आए। किसी को भोजन की आवश्यकता थी तो किसी को औषधियों की। मेरे अपने घर पर एक दिन दो मजदूर आ गए जिन्होंने बताया कि थोड़ी दूरी पर उनके 15 साथी और हैं जिन्हें खाना नहीं मिल रहा है। मेरी धर्मपत्नी श्रीमती मीनाक्षी ने तुरंत उनके खाने का प्रबंध किया और हम दोनों ने जाकर उन 15 श्रमिकों को खाना खिलाया तथा उन्हें आगे भोजन के लिए प्रशासन तथा कार्यकत्र्ताआें के माध्यम से कच्चा राशन उपलब्ध करवाया। इसी प्रकार होशियारपुर के ही जेजो गांव से एक कार्यकत्र्ता का मुझे फोन आया कि वहां श्रमिकों के लगभग 36 परिवार भोजन रहित हैं। मैंने स्थानीय कार्यकत्र्ताआें को प्रेरित करके उनके लिए भी भोजन का प्रबंध करवाया। 

कनाडा के एक सज्जन पंजाब यात्रा पर आए थे, उनकी वीजा अवधि समाप्त हो चुकी थी। मैंने विदेश मंत्रालय तथा नागरिक उड्डयन मंत्रालय से सम्पर्क करके उनकी समस्या का समाधान करवाया। मेरे पास पोलैंड से एक वीडियो आया जिसमें अनेकों भारतीय छात्रों को वहां दुखी अवस्था में दिखाया गया था। मैंने यह वीडियो माननीय गृहमंत्री श्री अमित शाह तथा विदेश मंत्री श्री जयशंकर जी को भेजकर इन छात्रों की सहायता का निवेदन किया। जम्मू-कश्मीर के लगभग 50 लोग हिमाचल प्रदेश में फंसे थे, उनके लिए रैडक्रॉस इकाई के माध्यम से भोजन का प्रबंध करवाया। जम्मू-कश्मीर के 7 लोगों का एक ग्रुप चंडीगढ़ में फंसा हुआ था जिन्हें स्थानीय जोशी फाऊंडेशन नामक संस्था के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराया गया। 

इटली से 81 व्यक्ति जब पंजाब आने के लिए दिल्ली पहुंचे तो उन्हें क्वारंटाइन करके गुडग़ांव के मानेसर में रखा गया था, परन्तु क्वारंटाइन अवधि पूरी होने के बावजूद वे पंजाब नहीं आ पा रहे थे क्योंकि डॉक्टर द्वारा उन्हें पूर्ण स्वस्थ होने का प्रमाण पत्र देने में विलम्ब हो रहा था। मैंने नागरिक उड्डयन मंत्रालय तथा अन्य विभागों से सम्पर्क करके सूचनाएं एकत्र करवाईं और कानूनी प्रक्रिया के अनुसार उनके पंजाब वापस आने का प्रबंध करवाया। होशियारपुर के मैंग्रोवार से संबंधित एक सज्जन दुबई से अमृतसर आ रहे थे, परन्तु दो सप्ताह तक वह घर ही नहीं पहुंच पाए। मैंने केन्द्र सरकार के विभागों से सम्पर्क करके यह पता किया कि उनकी फ्लाइट को दिल्ली रोककर उन्हें क्वारंटाइन किया गया है। इस प्रकार निर्धारित समय के बाद उनकी छुट्टी हो सकी। 

लॉकडाऊन के दौरान इन सेवा कार्यों के अनुभव से मुझे अपार शांति महसूस हुई क्योंकि मेरे लिए यह लॉकडाऊन ठप्प कामकाजी जीवन नहीं था। अपने सारे प्रयासों के लिए मैं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री श्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री श्री हर्षवर्धन, विदेश मंत्रालय तथा उत्तर भारत के सभी राज्यों के सरकारी अधिकारियों और पुलिस कर्मियों के साथ-साथ भाजपा तथा अन्य सामाजिक कार्यकत्र्ताआें का धन्यवाद करना चाहता हूं जिनकी सहायता से लॉकडाऊन के इस कष्टकारी दौर में हम सब लोग दुविधा में फंसे लोगों की सहायता करने में सक्षम हुए। 

रैडक्रॉस सोसायटी के अधिकारी विशेष धन्यवाद के पात्र हैं, जिन्होंने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि भारतवासियों के सामने किसी भी आपात स्थिति में वे उनके निकट सहयोगी हैं।-अविनाश राय खन्ना(राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाजपा)
 

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