आर्थिक व सामाजिक क्षेत्र में लगातार पिछड़ रहा है पाकिस्तान

Edited By ,Updated: 03 May, 2017 11:51 PM

pakistan is constantly lagging behind in the economic and social sphere

संसार में पाकिस्तान ही एक ऐसा इस्लामी देश है जो आर्थिकता और दूसरे सामाजिक सूचकों....

संसार में पाकिस्तान ही एक ऐसा इस्लामी देश है जो आर्थिकता और दूसरे सामाजिक सूचकों में लगातार पिछड़ रहा है। इंडोनेशिया जैसे देश तो इस दिशा में काफी आगे बढ़ रहे हैं। परंतु हैरानी की बात यह है कि पाकिस्तान से ही निकला हुआ बंगलादेश, जो एक समय संसार में सबसे गरीब माना जाता था, वह भी मानो ऊपर उठते-उठते पाकिस्तान से कहीं आगे निकल गया है। 

1971 में बहुत बड़े खूनी संघर्ष के बाद बंगलादेश का जन्म हुआ था। 8 साल के बाद तक भी उसकी प्रति व्यक्ति आय 90 डालर थी और विश्व बैंक ने उसको 124 गरीब देशों में चौथे स्थान पर यानी अत्यंत गरीब देश माना था। अमरीका के जाने-माने कूटनीतिज्ञ हैनरी किसिंगर ने बंगलादेश को एक प्रकार से खारिज ही कर दिया था क्योंकि इसके उत्थान का तब कोई संकेत ही नहीं था। उस समय पाकिस्तान की प्रति व्यक्ति आय 260 डालर थी जो बंगलादेश से लगभग तीन गुणा थी।यहां यह भी याद रखना होगा कि 1960 के दशक में बंगला क्षेत्र में प्रति व्यक्ति आय में कोई वृद्धि नहीं हुई थी क्योंकि उस समय वह पाकिस्तान का ही भाग था। इसी अवधि में पाकिस्तान में प्रति वर्ष 2.9 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि हो रही थी। 1980 के दशक में भी बंगलादेश में केवल नाममात्र आर्थिक वृद्धि हुई और पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि की दर उस समय बंगलादेश के मुकाबले में काफी अधिक थी। 

1990 तक बंगलादेश में प्रति व्यक्ति ऊर्जा की खपत पाकिस्तान के मुकाबले में केवल एक चौथाई ही थी। 1990 के बाद बंगलादेश में वृद्धि की दर तेज हो गई थी। फलस्वरूप सामाजिक सूचकांक में वृद्धि होने लगी, उसका ‘हिऊमैन डिवैल्पमैंट इंडैक्स’ जो 1990 में पाकिस्तान से काफी नीचे था वह वर्ष 2000 में पाकिस्तान से आगे निकलना शुरू हो गया। उदाहरण के तौर पर जहां व्यक्तियों की जीवन प्रत्याशा (Life expectation) जिसमें पाकिस्तान में 10 साल तक की बढ़ौतरी (56 से 66 वर्ष) हुई थी। वहीं बंगलादेश में इसमें 20 वर्ष की (52 से 72 वर्ष) बढ़ौतरी हुई थी। ये तथ्य वर्ष 2015 तक के हैं।

भारत के जाने-माने अर्थशास्त्री तथा नोबेल पुरस्कार विजेता अमत्र्य सेन ने बंगलादेश में सामाजिक सूचकांक में अद्भुत वृद्धि की बहुत प्रशंसा की है।  वर्ष 2008 में संसार में वित्तीय संकट आया था। 2008 तक के दशक में बंगलादेश में आर्थिक वृद्धि की दर 5.8 प्रतिशत रही, जबकि पाकिस्तान में यह केवल 5.1 प्रतिशत थी। उस समय से लेकर अब तक बंगलादेश में आॢथक वृद्धि की दर लगातार बढ़ रही है जबकि पाकिस्तान में घट रही है। वर्ष 2009-16 के बीच बंगलादेश में आॢथक वृद्धि की दर 6.3 प्रतिशत रही जो पाकिस्तान की 3.4 प्रतिशत की दर से लगभग दोगुनी है। 

इसी प्रकार बंगलादेश और पाकिस्तान की जी.डी.पी. में अंतर भी लगातार कम होता जा रहा है। 1979 में पाकिस्तान की जी.डी.पी. बंगलादेश  से 133 प्रतिशत अधिक थी जो कि 2016 में केवल 15 प्रतिशत ही रह गई है। बंगलादेश में आर्थिक निवेश की दर जी.डी.पी. के 30 प्रतिशत के बराबर थी, जो कि पाकिस्तान से दोगुनी है। इसका सीधा अर्थ यही हुआ कि बंगलादेश की आर्थिक वृद्धि की दर पाकिस्तान से कहीं ज्यादा अधिक है। 2020 के आसपास बंगलादेश  की जी.डी.पी. पाकिस्तान से ज्यादा हो जाएगी। 

पाकिस्तान की जनसंख्या बंगलादेश से थोड़ी-सी ज्यादा है और इन दोनों देशों की प्रति व्यक्ति आय में केवल 4 प्रतिशत का ही अंतर है। इस प्रकार बंगलादेश का नागरिक पाकिस्तान के नागरिक से कहीं ज्यादा खुशहाल होता जा रहा है। 1971 में जो असम्भव लगता था वह आधी सदी से पहले ही सम्भव हो गया है। अर्थात आर्थिकता तथा हर प्रकार के मामले में बंगलादेश पाकिस्तान से आगे निकल गया है। उपरोक्त चमत्कार कैसे हुआ, इसके कई कारण हैं परंतु मुख्य तौर पर एक कारण यह है कि पाकिस्तान में अफगान शरणार्थियों का प्रवाह बढ़ता गया जबकि बंगलादेश से बाहर जाने वाले लोगों का प्रवाह बढ़ता गया। पाकिस्तान ने भारत को शत्रु समझा और भारत से मुकाबला करने में लग गया। इस प्रकार पाकिस्तान अपने रक्षा बजट पर बंगलादेश के मुकाबले कहीं अधिक खर्च कर रहा है

बंगलादेश  की सरकारों द्वारा उत्पादन और निर्यात को बहुत बड़ा प्रोत्साहन दिया गया। जिसका नतीजा यह हुआ कि टैक्सटाइल के क्षेत्र में बंगलादेश का संसार में एक नाम बन गया। इसके उलट पाकिस्तान का इस क्षेत्र में कोई नाम नहीं है। बंगलादेश के कामगारों की संख्या में औरतों का योगदान पाकिस्तान के मुकाबले में कहीं अधिक है। बंगलादेश की आर्थिक उन्नति में माइक्रो फाइनांसिंग अर्थात छोटे कर्जों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है और संसार के कई देशों ने उसके इन प्रयत्नों की काफी प्रशंसा भी की है। 

बंगलादेश में पाकिस्तान के मुकाबले प्रजातंत्र का प्रशासन काफी अधिक देर तक रहा है। जबकि पाकिस्तान में प्रजातंत्र होते हुए भी वहां काफी समय तक सेना का ही राज रहा है। बंगलादेश में धार्मिक कट्टरता कम हो रही है जबकि पाकिस्तान में बढ़ रही है। बंगलादेश में एन.जी.ओज का काफी अधिक बोलबाला है जबकि पाकिस्तान में जेहादियों का ही ज्यादा बोलबाला है। जहां तक आर्थिक संबंधों का मामला है भारत ने पाकिस्तान को जो एम.एफ.एन. देश का दर्जा दे रखा है, उसके बारे में हमारी सरकार को गम्भीरता से सोचना होगा क्योंकि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर होती जा रही है। दूसरी ओर पाकिस्तान भारत के लिए ज्यादा विश्वसनीय देश नहीं है जैसा कि कश्मीर के हालातों से आए दिन अनुभव किया जा रहा है।     

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