‘अविजित योद्धा’ की तरह हैं पी.एम. मोदी

Edited By ,Updated: 07 Oct, 2020 04:23 AM

pm is like an undisputed warrior modi

भारत के राजनीतिक इतिहास में 7 अक्तूबर 2001 की तारीखी सुबह एक मील का पत्थर है जब कर्मयोद्धा नरेन्द्र मोदी जी ने पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। तबसे, हर बार पिछली जीत से बड़ी जीत, पिछले समर्थन से बड़ा समर्थन...

भारत के राजनीतिक इतिहास में 7 अक्तूबर 2001 की तारीखी सुबह एक मील का पत्थर है जब कर्मयोद्धा नरेन्द्र मोदी जी ने पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। तबसे, हर बार पिछली जीत से बड़ी जीत, पिछले समर्थन से बड़ा समर्थन, हर बार लोकप्रियता का बढ़ता हुआ पायदान और अनवरत 20 वर्षों से सरकार के प्रमुख के रूप में अविजित योद्धा की तरह आगे बढ़ते नरेन्द्र मोदी जी केवल जीतने वाले नेता के बजाय एक कालजयी नेतृत्व के रूप में भारतीय राजनीति में स्थापित हुए हैं। वे राजनीति में शुचिता के प्रतीक, अध्यात्म एवं विज्ञान के समन्वयक, कुशल राजनेता, प्रभावी प्रशासक एवं विलक्षण व्यक्तित्व के धनी हैं।

आज 7 अक्तूबर 2020 को वे एक सरकार के प्रमुख के रूप में अपने 20वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। इस अवसर पर मुझे सुखद एवं उपलब्धि भरी प्रतिध्वनियां सुनाई दे रही हैं जिनमें नए भारत एवं आत्मनिर्भर भारत के स्वर गूंज रहे हैं। उनकी यात्रा अंधेरों, अवरोधों एवं बाधाओं से संघर्षों को पार करने की कहानी है जो सबके लिए ‘चलो जीते हैं’ का सार्थक अभियान है। बहुभाषी, बहुआयामी और बहुलतावादी लोकतांत्रिक भारत में यह अतुलनीय कालखंड है। 

हालांकि, चुनावी विजय और बड़े पैमाने पर लोकप्रियता ऐसे विषय हैं जो अक्सर देखने को मिलते रहते हैं। विजय के पीछे का अथक परिश्रम और देश को आगे ले जाने का अद्वितीय संकल्प व विजन ऐसे प्रमुख तत्व हैं जो श्री नरेन्द्र मोदी जी के व्यक्तित्व को और निखारते हैं। एक संकल्प लाखों संकल्पों का उजाला बांट सकता है यदि दृढ़-संकल्प लेने का साहसिक प्रयत्न कोई शुरू करे। इसे नरेन्द्र मोदी जी ने पग-पग पर चरितार्थ कर दिखाया है। जातिवाद, क्षेत्रीयवाद, अलगाववाद की कालिमा धुल गई है और धर्म, भाषा, वर्ग, वर्ण और दलीय स्वार्थों के राजनीतिक विवादों पर भी विकासवाद की विजय हो रही है। 

गुजरात के मुख्यमंत्रित्वकाल से ही वे सबसे अलग थे। ऐसे समय में जब बिजली सुधारों का मतलब राजनीतिक आत्महत्या था, उन्होंने किसानों को विश्वास में लेते हुए राज्य में बिजली के क्षेत्र में व्यापक सुधार किया। वे बिजली को गुजरात के हर गांव में ले गए और इसे सरप्लस बिजली वाला राज्य बना दिया। प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने हर गांव और हर घर में बिजली पहुंचाई। जब राष्ट्रीय स्तर के निवेशक शिखर सम्मेलन भी कभी-कभार ही होते थे और उसकी भी सफलता की गारंटी नहीं होती थी, तब मोदी जी ने 2003 में ‘वाइब्रैंट गुजरात’ निवेशक शिखर सम्मेलन शुरू किया। तब से वाइब्रैंट गुजरात शिखर सम्मेलन और गुजरात दोनों ही एक-दूसरे के पर्याय बन गए और दोनों विश्व स्तर पर निवेशकों के बीच प्रसिद्ध हो गए हैं। इसी तरह, प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने रिकॉर्ड एफ.डी.आई. प्रवाह को सुनिश्चित किया है। 

विकास के प्रसिद्ध ‘गुजरात मॉडल’ को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। अद्र्ध-शुष्क क्षेत्रों और बुनियादी ढांचे में तेजी से वृद्धि के बावजूद राज्य ने कृषि क्षेत्र में व्यापक वृद्धि देखी। प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी जी ने देश में दशकों बाद किसानों की आजादी सुनिश्चित करते हुए उनका सशक्तिकरण किया है और उनकी आय को दोगुना करने के लिए कई योजनाओं को क्रियान्वित किया है। साथ ही, उनके नेतृत्व में देश के बुनियादी ढांचे में व्यापक सुधार दिखा है और यह और आगे बढऩे की ओर अग्रसर है। प्रधानमंत्री जी ने बालिकाओं को बचाने एवं उन्हें शिक्षित करने के लिए ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की शुरूआत की जिसका समाज में व्यापक एवं सार्थक प्रभाव देखने को मिला है। 

हालांकि, यह बालिका शिक्षा के लिए गुजरात में उनके द्वारा शुरू की गई ‘कन्या केलवानी’ कार्यक्रम का एक ताॢकक विस्तार था, जहां मुख्यमंत्री के रूप में उनके नेतृत्व में पूरी राज्य सरकार गांवों में जाकर लड़कियों के स्कूल में नामांकन को प्रोत्साहित किया करती थी। भारत एक विविधतापूर्ण और संस्कृतियों को अपने में समाहित करने वाली महान सभ्यता है जिसमें अपनी पहचान को और श्रेष्ठ बनाने का संस्कार है। श्री नरेन्द्र मोदी जी ने इसी भाव को अपने जीवन का संस्कार बनाया। नरेन्द्र मोदी जी एक गुजराती हैं पर वे उत्तर प्रदेश के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी का प्रतिनिधित्व करते हैं- वे किसी भी जाति, समुदाय, वर्ग या क्षेत्रीय विचारों के लिए पक्षपात नहीं करते। उनकी अपील इन अलगावों से कहीं ऊपर है जो देश में लोगों को सिर्फ एक उद्देश्य के लिए एकजुट करती है और वह है भारत की एकता, श्रेष्ठता और महानता। 

अक्सर, जो ‘बड़े चेहरे’ वाले लोग होते हैं, वे दूरदर्शी होते हैं लेकिन वे लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपने विजन को क्रियान्वित नहीं कर पाते हैं। फिर कुछ ऐसे भी लोग हैं जो पूर्व-निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में तो अच्छे हैं, लेकिन बड़ी तस्वीर को समझ नहीं पाते हैं। पर, श्री मोदी जी ने दूरदॢशता, संकल्प को प्राप्त करने की सिद्धि और लक्ष्य की प्राप्ति के लिए योजनाओं का क्रियान्वयन-तीनों को अपने व्यक्तित्व में आत्मसात कर लिया है। वे दूरदर्शी भी हैं और कर्मठ भी।-जगत प्रकाश नड्डा राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी

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