पुलिस ने कटवाए भिखारियों, फेरी वालों के बाल

Edited By Pardeep,Updated: 30 May, 2018 04:41 AM

police cut beggars ferries

उनको पक्का विश्वास है कि उन्होंने कोई कानून नहीं तोड़ा। फिर क्यों पुलिस उनकी तलाश में है? 300 के करीब बेघर व्यक्तियों, जो भीख मांग कर तथा गलियों में फेरी लगाकर अपना जीवन-यापन चलाते हैं, को उस समय एक जोरदार झटका लगा जब आंध्र प्रदेश में राजामुंद्री के...

उनको पक्का विश्वास है कि उन्होंने कोई कानून नहीं तोड़ा। फिर क्यों पुलिस उनकी तलाश में है? 300 के करीब बेघर व्यक्तियों, जो भीख मांग कर तथा गलियों में फेरी लगाकर अपना जीवन-यापन चलाते हैं, को उस समय एक जोरदार झटका लगा जब आंध्र प्रदेश में राजामुंद्री के राजमहेन्द्रवरम में पुलिस ने गत दिवस उन्हें रात 10.30 बजे गोदावरी नदी के किनारे पुष्कर घाट पर तलब किया। 

जैसे ही वे घाट पर पहुंचे एक दर्जन हज्जाम उन पर पिल पड़े और उनके बाल काटने तथा शेव करनी शुरू कर दी। पुलिस ने आवारा लोगों पर हमलों पर रोक लगाने के लिए यह ‘छवि सुधारने’ की कार्रवाई शुरू की है, जिन्हें गलती से अपहरणकत्र्ता समझ लिया जाता था। पुलिस अधीक्षक (शहरी) बी. राजकुमारी ने बताया कि उन्होंने यह अभियान मानसिक रूप से परेशान लोगों, भिखारियों तथा गांवों व अन्य क्षेत्रों में घूमते लम्बी दाढ़ी वाले लोगों पर होने वाले हमलों में बढ़ौतरी के मद्देनजर शुरू किया। हाल ही के समय में इन हमलों की आवृत्ति में तेजी आई है। 

राजकुमारी ने बताया कि पुलिस ने यह अभियान सुरक्षात्मक उपाय के तौर पर शुरू किया है और ये भिखारी तथा फेरी वाले क्षेत्र के अलग-अलग हिस्सों से हैं, जिनमें आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम, विजयनगरम, कृष्णा, गुंटूर व तिरुपति तथा तेलंगाना का कोठागुडेन शामिल हैं। इस अभियान में शामिल किए गए सभी भिखारियों तथा फेरी वालों को ब्रैड तथा दूध दिया गया और उनमें से कई गौतमी जीवकरुणया संगम द्वारा संचालित वृद्ध आश्रम स्वरनंध्र होम में अस्थायी तौर पर चले गए। जब तक हमले रुक नहीं जाते, उनके लिए वहां रहने की व्यवस्था की जाए। पुलिस सूत्रों ने बताया कि नाई ब्राह्मणों (हज्जामों का समुदाय) के एक संघ ने नि:शुल्क उनके बाल काटे तथा शेव की। बहुत से बेघर व्यक्ति जो 2014 में गोदावरी पुष्करम के दौरान शहर तथा आसपास के नगरों में दान मांगने के लिए आए थे, वहीं बस गए। 

पुलिस ने उनकी जांच करने के पश्चात उन्हें उनके मूल स्थानों पर वापस जाने के लिए कहा। जिन लोगों ने कहा कि उनके पास बस के किराए के लिए पैसे नहीं हैं, उन्हें विभागीय कोष से कुछ धन दिया गया। बाकियों को वृद्ध आश्रम भेज दिया गया। पुलिस से सुविधा प्राप्त करने वाले सत्यनारायण ने बताया कि वह लगभग 10 वर्ष पूर्व शहर में आया था और कचरा बीनने वाले के तौर पर यहां रह रहा है। मगर गत 3 वर्षों से वह शहर में अधिक घूम नहीं पा रहा क्योंकि उसकी एक टांग टूट गई थी। उसके बाद उसने भीख मांगना शुरू कर दिया। उसने बताया कि वह कष्ट सह कर मेहनत से कमाए अपने धन को व्यर्थ नहीं करना चाहता था इसलिए वह साल बाद या दो साल बाद अपने बाल कटवाता था।-बी. भास्कर

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