पंजाब पावर कार्पोरेशन और इसकी इमारतें

Edited By Updated: 13 Apr, 2023 06:00 AM

punjab power corporation and its buildings

पंजाब के बिजली विभाग के दो मुख्य केंद्र पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (पी.एस.पी.सी.एल.) तथा पंजाब स्टेट ट्रांसमिशन कार्पोरेशन लिमिटेड (पी.एस.टी. सी.एल.) जोकि राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को बिजली उपलब्ध करवाते हैं, पंजाब की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़...

पंजाब के बिजली विभाग के दो मुख्य केंद्र पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (पी.एस.पी.सी.एल.) तथा पंजाब स्टेट ट्रांसमिशन कार्पोरेशन लिमिटेड (पी.एस.टी. सी.एल.) जोकि राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को बिजली उपलब्ध करवाते हैं, पंजाब की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में अहम योगदान डाल रहे हैं। 

पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (पी.एस.पी.सी.एल.) के मुख्य कार्यालय जोकि पूर्व में पैप्सू की राजधानी थी, की इमारत का नाम इजलास-ए-खास था। इस पुरातन इमारत को सिविल विभाग की ओर से अब तक उसी हालत में आकर्षक दिखने के लिए बनाए रखा हुआ है। बिजलीकरण तथा इसके साजो-सामान की स्थापना तो पी.एस.पी.सी.एल. करता ही है मगर विभाग के सिविल विंग की ओर से बढिय़ा डिजाइन बनाया जाता है। इसके अलावा सिविल विंग की ओर से बिजली विभाग की इमारतों के बुनियादी ढांचे के साथ-साथ आर्किटैक्चरल नमूने की बढिय़ा पेशकारी भी की गई है। 

पंजाब राज्य बिजली बोर्ड 1 फरवरी, 1959 में अस्तित्व में आया था। पी.एस.पी.सी.एल. के एक योग्य तथा अनुभवी मुख्य अभियंता इंजी. दर्शन कुमार सिंगला जोकि कार्पोरशन के सिविल विंग में पिछले 34 वर्षों से सेवा निभा रहे हैं, के अनुसार पंजाब राज्य बिजली बोर्ड की ओर से अपना मुख्य कार्यालय पटियाला में बनाया गया। इसके लिए 1947 से पूर्व बनी इमारत को इस्तेमाल में लाया गया। 

इसके अलावा मुख्य कार्यालय में एक 13 और एक 17 मंजिला इमारत बनाई गई। पंजाब राज्य बिजली बोर्ड के कार्यालयों को जरूरी स्थान उपलब्ध करवाने के लिए पटियाला स्थित शक्ति सदन (4 मंजिला इमारत) का निर्माण किया गया। इसी तरह पटियाला में अन्य कार्यालयों के लिए शक्ति विहार स्थित कई शैड बनाए गए। ये शैड एक समय में अस्थायी रूप में बनाए गए थे जिनमें करीब 40 वर्षों के बाद भी विभिन्न कार्यालय काम कर रहे हैं। 

पटियाला की तर्ज पर लुधियाना, जालंधर और अमृतसर में भी इसी तरह कार्यालय बनाए गए। पूरे पंजाब में बिजली की आपूर्ति को सुचारू ढंग से चलाने के लिए 66 के.वी. सब स्टेशन बनाए गए। इन सब स्टेशनों से विभिन्न हिस्सों में ट्रांसमिशन लाइनों के द्वारा बिजली की आपूर्ति की जाती है। 66 के.वी. सब स्टेशन तथा ट्रांसमिशन लाइनों के काम में सिविल के कार्यों का भी अहम रोल होता है। समय-समय पर पहले से ही निर्मित बिजली घरों की इमारतों में बढ़ौतरी करनी पड़ती है तथा कई स्थानों पर नए बिजली घर भी बनाए जाते हैं। 

बिजली आपूर्ति को अच्छे ढंग से चलाने के लिए जरूरी सामान को स्टोर करने हेतु समस्त पंजाब में स्टोर की इमारतें बनाई गई हैं। बिजली आपूर्ति के लिए 11 और 9 मीटर लम्बे पी.सी.सी. पोलों को बनाने के लिए पंजाब में पी.एस.पी.सी.एल. के अंतर्गत 3 नम्बर पायलट वर्कशापों (श्री मुक्तसर साहिब, मोहाली और सरना) का निर्माण किया गया। पटियाला में कार्यालयों की स्थिति को सुधारने के लिए एक नई इमारत बनाई जानी है। 

पंजाब सरकार द्वारा पी.एस.पी.सी.एल. तथा पी.एस.टी.सी.एल. के अधिकारियों के सरकारी दौरों के दौरान उन्हें ठहराने के लिए पूरे पंजाब में विभिन्न स्थानों पर पी.एस.पी.सी.एल. रैस्ट हाऊस बनाए गए हैं। बिजली के उत्पादन के लिए पंजाब में  3 थर्मल प्लांट (बङ्क्षठडा, लहरा मोहब्बत और रोपड़) लगाए गए हैं जिनके निर्माण में सिविल इंजीनियरों का महत्वपूर्ण योगदान है। बिजली के उत्पादन के लिए पूरे पंजाब में कई स्थानों पर हाइडल प्रोजैक्ट बने हुए हैं। इसके अलावा जोगिंद्र नगर हिमाचल प्रदेश में भी एक हाइडल प्रोजैक्ट काम कर रहा है। इन सभी हाइडल प्रोजैक्टों के निर्माण तथा रखरखाव में भी सिविल इंजीनियरों का अहम रोल रहा है।(अधीन सचिव, लोक सम्पर्क पी.एस.पी.सी.एल.)-मनमोहन सिंह

    

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