आधुनिक भारत के ‘कुशल शिल्पकार’ थे राजीव गांधी

Edited By ,Updated: 20 Aug, 2020 05:35 AM

rajiv gandhi was the  skilled craftsman  of modern india

नए भारत के नव-निर्माण को सटीक दिशा देने वाले दूरदर्शी युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी के प्रति राष्ट्र का हर नागरिक कृतज्ञ है। उनके जन्मदिवस के अवसर पर कृतज्ञ राष्ट्र के साथ मैं दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आत्मा को शत-शत नमन करती हूं। करीब डेढ़...

नए भारत के नव-निर्माण को सटीक दिशा देने वाले दूरदर्शी युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी के प्रति राष्ट्र का हर नागरिक कृतज्ञ है। उनके जन्मदिवस के अवसर पर कृतज्ञ राष्ट्र के साथ मैं दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आत्मा को शत-शत नमन करती हूं। करीब डेढ़ दशक पहले देश को 21वीं सदी में प्रवेश करवाने वाले उनके दृढ़ संकल्प नेतृत्व का ही प्रमाण है कि आज देश दुनिया में सिर उठाकर अग्रणी भूमिका में है। 

देश के विकास में दूरसंचार क्रांति, शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन, लोकतंत्र की मजबूती के लिए 18 वर्ष की उम्र में मतदान का अधिकार, हर नागरिक को अभिव्यक्ति की आजादी, पिछड़ों व वंचितों  को मुख्यधारा में खड़ा करना यह तमाम कल्याणकारी योजनाएं स्वर्गीय राजीव गांधी के संकल्प के कारण ही इस देश में कार्यान्वित हो रही हैं। 

पंचायती राज विधेयक, महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण, गंगा के शुद्धिकरण की परियोजना, मुम्बई के धारावी में झुग्गी पुनर्वास योजना, भारतीय सेना का मनोबल कायम रखने के लिए सियाचिन में मजबूत पकड़ की योजना, पंजाब में शांति बहाल करवाना, राजीव लौंगोवाल समझौता करार, असम करार, पृथ्वी, अग्रि और त्रिशूल जैसे सुरक्षा के लिए जरूरी हथियारों की योजना को अमलीजामा पहनाना। श्रीलंका, मालदीव में भारतीय शांति सेना भेजकर देश को शांति की दिशा में दुनिया में स्थापित करना। 

सुपर पावर अमेरिका व भारत के मैत्री संबंध जैसी कई महत्वपूर्ण नीतियां बनाकर  स्व. राजीव गांधी ने देश को महाशक्ति बनाने की नींव रखी थी जिस पर आज यह राष्ट्र मजबूती से खड़ा हो रहा है। स्व. राजीव गांधी को आधुनिक भारत का कुशल शिल्पकार माना जाता है। तत्कालीन शक्ति की प्रतिमूर्ति स्व. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने राजीव गांधी की सहज नेतृत्व क्षमता को भांपते हुए उन्हें युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस, नैशनल स्टूडैंट यूनियन ऑफ इंडिया (एन.एस.यू.आई.) और सेवा दल सहित कई संगठनों की जिम्मेदारी सौंपी थी। 

यह 1980-81 का दौर था, जब भारत विकसित होने की ओर अग्रसर था। इसी दौर में राजीव गांधी महासचिव बने। उस वक्त वह नई दिल्ली में मोती लाल नेहरू मार्ग के कार्यालय में बैठा करते थे। इसी दौरान वह युवा भारत का सबसे विश्वसनीय चेहरा बन चुके थे।  देश की उम्मीद बनकर उभरे युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी आखिर में देश के लिए शहीद हुए। यह घटना देश में बड़ा सदमा थी। सशक्त भारत के सपने को साकार करने के लिए हर भारतीय को उनकी विचारधारा के साथ चलकर योगदान करना चाहिए। उनकी जयंती के उपलक्ष्य में उनकी अंतहीन कल्याणकारी योजनाओं से प्रेरणा लेती हुई मैं उनकी पावन स्मृति को शत-शत नमन करती हूं।(स्थाई आमंत्रित सदस्य, कांग्रेस कार्य समिति, नई दिल्ली एवं हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रभारी)-रजनी पाटिल (पूर्व सांसद)

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