कोरोना की दूसरी लहर अब आगे क्या

Edited By Updated: 21 Apr, 2021 04:47 AM

second wave of corona now what next

आज से लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व चीन से आरम्भ हुआ कोरोना का रोग उस देश में अब लगभग समाप्त हो गया है किन्तु विश्वभर के लगभग सभी देशों में यह रोग न केवल समाप्त होने का नाम ले रहा है बल्कि बार-बार अपने पैर पसार रहा है। इतना ही नहीं एक बार कम हो जाने के बाद

आज से लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व चीन से आरम्भ हुआ कोरोना का रोग उस देश में अब लगभग समाप्त हो गया है किन्तु विश्वभर के लगभग सभी देशों में यह रोग न केवल समाप्त होने का नाम ले रहा है बल्कि बार-बार अपने पैर पसार रहा है। इतना ही नहीं एक बार कम हो जाने के बाद पहले से भी तीव्र गति और भयंकर रूप से फैल रहा है। 

चीन में इस रोग के समाप्त होने का मुख्य कारण वहां की सरकार द्वारा कोरोना के रोग से बचाव संबंधी नियमों का आम लोगों द्वारा सख्ती से पालन करवाना है। हमारे देश में भी आरम्भ से लॉकडाऊन तथा बाद में लोगों द्वारा कोरोना के बचाव के नियमों का सख्ती से पालन करने के फलस्वरूप इस महामारी के रोगियों की संख्या में आश्चर्यजनक कमी आई थी। 

आम जनता ने इस कमी को कोरोना का अन्त समझ लिया था और कोरोना संबंधी नियमों की धज्जियां उडऩे लगी थीं। बार-बार हाथ धोना तो दूर मास्क नामक चीज का प्रयोग भी लगभग समाप्त हो गया था। धार्मिक स्थानों, शादियों तथा राजनीतिक रैलियों आदि में भी भीड़ दिखने लगी। इन सभी स्थानों पर मास्क का प्रयोग तथा सोशल डिस्टैंसिंग एक औपचारिकता ही बनकर रह गई थी। 

अपने स्वरूप में बदलकर इस प्रक्रिया को म्यूटेशन की भी संज्ञा दी गई है। इस वायरस ने दोबारा अपना भयानक रूप धारण कर लिया है। अब यह न केवल तीव्र गति से फैल रहा है बल्कि साथ ही ज्यादा खतरनाक भी सिद्ध हो रहा है। सबसे ज्यादा चिन्ता का विषय यह है कि पिछले एक सप्ताह में कोरोना से पीड़ित रोगियों की संख्या तथा मृत्युदर में रिकार्ड वृद्धि हुई है। अपने एक नए स्वरूप में पंजाब के लगभग 80 प्रतिशत कोरोना के रोगी यू.के. स्ट्रेन से संक्रमित हैं और यह रोग पंजाब के शहरों व गांवों में तीव्र गति से फैल रहा है। कोरोना की इस लहर में यह भी देखा जा रहा है कि यह रोग युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है। 

यह स्ट्रेन नाक व गले की बजाय मुख्यत: फेफड़ों को प्रभावित करता है इसलिए शीघ्र घातक हो जाता है। इस रोग के डर से यद्यपि लोग अब रोग के बचाव नियमों का पालन करने लगे हैं किन्तु रोग पर नियंत्रण पाने के लिए अभी समय लगेगा, तब तक काफी नुक्सान हो चुका होगा। सौभाग्यवश हमारे देश में इस रोग से बचाव के लिए अब दो तरह की वैक्सीन उपलब्ध हैं। 16 जनवरी से आरम्भ इस अभियान में अब तक देश के लगभग 11 करोड़ लोगों का टीकाकरण हो चुका है। प्राथमिकता के आधार पर पहले हैल्थ वर्कर तथा फ्रंट लाइन वर्कर्स का टीकाकरण आरम्भ किया गया था। इस समय हमारे देश में यह वैक्सीन 45 वर्ष की आयु से ऊपर के लोगों में, चाहे वह किसी दूसरे रोग से ग्रसित हों, को लगाई जा रही हैं किन्तु बहुत से लोगों को वैक्सीन के बारे में भ्रांतियां हैं। 

आम जनता का यह समझना अति आवश्यक है कि हमारे देश में उपलब्ध वैक्सीन बिल्कुल सुरक्षित है और बचाव के नियमों के पालन के साथ-साथ वैक्सीन ही इस रोग से रोकथाम के लिए कारगर उपाय है किन्तु यह जानना भी अति आवश्यक है कि वैक्सीन तभी प्रभावशाली होगी जब देश की लगभग 70 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण पूरा हो जाएगा। देश की जनसंख्या को देखते हुए इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए कम से कम यह पूरा वर्ष लग जाएगा। 

कोरोना की कोई भी वैक्सीन शत-प्रतिशत रक्षा प्रदान नहीं करती है तथा वैक्सीन लेने के पश्चात भी कोरोना के रोग के दोबारा हो जाने की संभावना बनी रहती है। यद्यपि तब रोग के लक्षण  न्यूनतम होते हैं और तब यह रोग घातक भी सिद्ध नहीं होता। ऐसी परिस्थितियों में वैक्सीनेशन करवा लेने के पश्चात भी सरकार द्वारा निर्धारित निर्देशों का पालन करना अपना धर्म समझ लेना चाहिए।-डा. विजय महाजन

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