Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Sep, 2024 01:16 PM
भारत को सेमीकंडक्टर हब बनाने के लिए केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण पहल तेजी से आकार ले रही है। वैश्विक और घरेलू कंपनियों द्वारा इस सेक्टर में बड़े पैमाने पर निवेश किया जा रहा है। अब तक देश में 6 सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स को मंजूरी मिल चुकी...
बिजनेस डेस्कः भारत को सेमीकंडक्टर हब बनाने के लिए केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण पहल तेजी से आकार ले रही है। वैश्विक और घरेलू कंपनियों द्वारा इस सेक्टर में बड़े पैमाने पर निवेश किया जा रहा है। अब तक देश में 6 सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स को मंजूरी मिल चुकी है, जिसमें करीब 2.36 लाख करोड़ रुपए का निवेश होगा। इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के तहत कंपनियों को सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने पर 50% पूंजीगत सहायता प्रदान की जा रही है। जानकारों का मानना है कि भारत के सेमीकंडक्टर हब बनने से लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा।
प्रमुख सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स
1. अडानी ग्रुप और टावर सेमीकंडक्टर प्लांट
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के पनवेल में अडानी ग्रुप और इजराइली कंपनी टावर सेमीकंडक्टर का 83,947 करोड़ रुपए का सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट स्थापित किया जा रहा है। पहले चरण में इसकी उत्पादन क्षमता 40,000 वेफर्स प्रति माह होगी और दूसरे चरण में यह 80,000 वेफर्स तक पहुंच जाएगी।
2. माइक्रोन ओएसएटी प्लांट
अमेरिका की माइक्रोन कंपनी गुजरात के साणंद जिले में 23,000 करोड़ रुपए के निवेश से भारत का पहला ओएसएटी प्लांट बना रही है। यहां डीआरएएम और एनएएनडी उत्पादों की असेंबली और टेस्टिंग की जाएगी। यह प्लांट 2025 के मध्य तक काम शुरू कर सकता है।
3. टाटा-पीएसएमसी सेमीकंडक्टर प्लांट
टाटा ग्रुप और ताइवान की पीएसएमसी कंपनी मिलकर गुजरात के धोलेरा में 91,000 करोड़ रुपए का सेमीकंडक्टर फैब बना रहे हैं। इसकी उत्पादन क्षमता 50,000 वेफर्स प्रति महीने होगी और 2026 तक यह काम करना शुरू कर देगा।
4. टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स सेमीकंडक्टर प्लांट
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स असम के जगीरोड, मोरीगांव में 27,000 करोड़ रुपए के निवेश से ग्रीनफील्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्टिंग सुविधा स्थापित कर रही है। यह उत्तर-पूर्व भारत का पहला सेमीकंडक्टर प्लांट होगा।
5. सीजी पावर साणंद ओएसएटी प्लांट
सीजी पावर, जापान की रेनेसास इलेक्ट्रॉनिक्स और थाईलैंड की स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स के साथ मिलकर गुजरात के साणंद में 7,600 करोड़ रुपए के निवेश से ओएसएटी प्लांट बना रही है। इसमें 5जी तकनीक और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए सेमीकंडक्टर बनाए जाएंगे।
6. कायन्स सेमीकॉन प्लांट
कायन्स सेमीकॉन गुजरात के साणंद में 3,307 करोड़ रुपए के निवेश से ओएसएटी प्लांट स्थापित कर रही है, जिसमें प्रतिदिन 63 लाख चिप बनाई जाएगी। इस प्रोजेक्ट को हाल ही में कैबिनेट से मंजूरी मिली है।
इन निवेशों से भारत को सेमीकंडक्टर हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हो रही है, जिससे देश की तकनीकी क्षमता में बड़ा सुधार होगा और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।