मंत्री अमित शाह ने तुअर दाल खरीद मंच किया पेश, किसानों को पहुंचेगा लाभ

Edited By Parminder Kaur,Updated: 04 Jan, 2024 04:36 PM

amit shah introduced tur dal procurement platform

सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को तुअर दाल खरीद मंच पेश किया और कहा कि दिसंबर 2027 तक देश को दालों में आत्मनिर्भर बन जाना चाहिए। हम जनवरी 2028 से एक किलोग्राम दाल भी आयात नहीं करेंगे। इस मंच पर किसान पंजीकरण करा सकते हैं और अपनी उपज को...

बिजनेस डेस्क. सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को तुअर दाल खरीद मंच पेश किया और कहा कि दिसंबर 2027 तक देश को दालों में आत्मनिर्भर बन जाना चाहिए। हम जनवरी 2028 से एक किलोग्राम दाल भी आयात नहीं करेंगे। इस मंच पर किसान पंजीकरण करा सकते हैं और अपनी उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य या बाजार मूल्य पर एनएएफईईडी और एनसीसीएफ को बेच सकते हैं। 

PunjabKesari
शाह ने आगे कहा कि भविष्य में उड़द और मसूर दाल के किसानों के साथ-साथ मक्का किसानों के लिए भी इसी तरह की सुविधा शुरू की जाएगी। मंत्री ने मंच के माध्यम से तुअर की बिक्री के भुगतान के लिए 25 किसानों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के जरिए करीब 68 लाख रुपये हस्तांतरित भी किए। सहकारी राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ लिमिटेड (एनएएफईईडी) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) 'बफर' भंडार बनाए रखने के लिए सरकार की ओर से दालों की खरीद का काम करते हैं। बुआई से पहले तुअर किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर एनएएफईईडी और एनसीसीएफ को अपनी उपज बेचने के लिए मंच पर पंजीकरण कर सकते हैं। पंजीकृत तुअर किसानों के पास एनएएफईईडी/एनसीसीएफ या खुले बाजार में बेचने का विकल्प होगा। अगर तुअर दाल का खुले बाजार में मूल्य एमएसपी से अधिक रहता है, तो उस स्थिति में एक विधि के जरिए औसत दर निकाली जाएगी। 

PunjabKesari
इसके अलावा मंत्री ने कहा कि अधिक किसान दालों की खेती नहीं कर रहे हैं क्योंकि कीमतें सुनिश्चित नहीं हैं। मंच के जरिए खरीद के साथ यह पहल कृषि क्षेत्र में एक बड़ा सुधार लाएगी और दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने में मदद करेगी।  तुअर की खरीद किसानों से की जाएगी और यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी है। देश अब भी चना और मूंग को छोड़कर कई प्रकार की दालों के लिए आयात पर निर्भर है। दिसंबर 2027 तक देश को दालों में आत्मनिर्भर बन जाना चाहिए। हम जनवरी 2028 से एक किलोग्राम दाल भी आयात नहीं करेंगे। प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस), किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) तथा प्रगतिशील किसानों से मंच के बारे में जागरूकता फैलाने और किसानों को इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करने की अपील की। 


उन्होंने यह भी कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य में दो गुना से अधिक की वृद्धि के दम पर पिछले 10 वर्षों में दालों का उत्पादन 2013-14 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में 1.92 करोड़ टन से बढ़कर 2022-23 में 2.605 करोड़ टन हो गया है। हालांकि, दालों का घरेलू उत्पादन अब भी खपत से कम है और आयात पर निर्भर है। इस कार्यक्रम में कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, सहकारिता राज्य मंत्री बीएल वर्मा और उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री अश्विनी चौबे भी उपस्थित रहे।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!