Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Jun, 2025 04:54 PM

टाटा ग्रुप की नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी टाटा कैपिटल लिमिटेड को अपने प्रस्तावित आईपीओ के लिए बाजार नियामक संस्था SEBI से मंजूरी मिल गई है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, यह आईपीओ लगभग 2 अरब डॉलर (करीब ₹16,600 करोड़) का हो सकता है और वित्त वर्ष 2025...
बिजनेस डेस्कः टाटा ग्रुप की नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी टाटा कैपिटल लिमिटेड को अपने प्रस्तावित आईपीओ के लिए बाजार नियामक संस्था SEBI से मंजूरी मिल गई है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, यह आईपीओ लगभग 2 अरब डॉलर (करीब ₹16,600 करोड़) का हो सकता है और वित्त वर्ष 2025 का सबसे बड़ा सार्वजनिक निर्गम साबित हो सकता है।
अगस्त की शुरुआत में शेयर बिक्री की योजना
सूत्रों के मुताबिक, टाटा कैपिटल अगस्त 2025 की शुरुआत में IPO लॉन्च कर सकती है। यह इश्यू फ्रेश शेयर इश्यू और ऑफर फॉर सेल (OFS) का मिश्रण होगा। टाटा ग्रुप इस आईपीओ के ज़रिए 11 अरब डॉलर का वैल्यूएशन प्राप्त करना चाहता है।
फंड जुटाने की रणनीति पर काम जारी
टाटा कैपिटल का बोर्ड इस सप्ताह राइट्स इश्यू या नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (NCDs) के जरिए फंड जुटाने पर विचार करेगा। इससे पहले, कंपनी ने इसी साल की शुरुआत में एक ₹1,500 करोड़ के राइट्स इश्यू के ज़रिए पूंजी जुटाई थी, जिसे टाटा संस ने पूरी तरह से सब्सक्राइब किया था। कंपनी इस फंड का उपयोग अपने लोन पोर्टफोलियो को बढ़ाने और लेवरेज रेशियो को बेहतर करने के लिए करेगी।
टाटा कैपिटल की हिस्सेदारी और नियामकीय स्थिति
- टाटा संस की टाटा कैपिटल में 93% हिस्सेदारी है।
- बाकी हिस्सेदारी टाटा इनवेस्टमेंट कॉर्पोरेशन, TCL एंप्लॉयी वेलफेयर ट्रस्ट और अन्य माइनॉरिटी निवेशकों के पास है।
- RBI ने 2022 में टाटा कैपिटल और टाटा संस दोनों को "अपर लेयर NBFC" के रूप में वर्गीकृत किया था, जिससे इनकी निगरानी और अनुपालन की ज़िम्मेदारी और बढ़ गई है।