आयरन ओर की कमी से चीन लाचार, रिजर्व भंडार खोलने के बावजूद कीमतों पर नियंत्रण नहीं

Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Jun, 2021 11:14 AM

china helpless due to shortage of iron ore no control on prices

मैटल्स की मांग के कारण आसमान छू रहे मैटल्स के भाव को कम करने के लिए एक के बाद एक पैंतरे अपना रहा है लेकिन उसके पैंतरे लगातार फेल हो रहे हैं। देश में आयरन ओर की कीमतों पर नियंत्रण लगाने के लिए ट्रेडर्स पर शिकंजा कसने के बाद अब लाचार हुए चीन ने अपने...

बिजनेस डेस्कः मैटल्स की मांग के कारण आसमान छू रहे मैटल्स के भाव को कम करने के लिए एक के बाद एक पैंतरे अपना रहा है लेकिन उसके पैंतरे लगातार फेल हो रहे हैं। देश में आयरन ओर की कीमतों पर नियंत्रण लगाने के लिए ट्रेडर्स पर शिकंजा कसने के बाद अब लाचार हुए चीन ने अपने रिजर्व मैटल्स को बाजार में बेचने का ऐलान किया है लेकिन चीन के पास इतना रिजर्व मैटल नहीं है कि वह ज्यादा देर तक कीमतों को नियंत्रण में रख सके। चीन ने आयरन ओर की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए पिछले दो महीने में ट्रेडर्स पर छापे मारने के अलावा बिटकॉइन की माइनिंग रोकने जैसी करवाई की है लेकिन इसके बावजूद आयरन ओर की कीमतें गिरने के बाद फिर से अपने पुराने स्तर पर आ जाती है और सोमवार को भी आयरन ओर 214 डॉलर प्रति टन के करीब ट्रेड कर रहा था। 

एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन के पास 5 लाख टन कॉपर, 15 लाख टन एल्यूमिनियम और करीब 7 लाख टन जिंक का भण्डार है लेकिन चीन के पास मौजूद यह भंडार उसकी कुल वार्षिक जरूरत का 10 प्रतिशत भी नहीं है। दुनिया भर के करीब 70 प्रतिशत आयरन ओर के अलावा करीब 50 फीसदी कॉपर का इस्तेमाल चीन द्वारा किया जाता है। इन दिनों दुनिया भर में बढ़ रही मैटल की कीमतों ने चीन की नींद उड़ाई हुई है, लिहाजा वह कीमतों को नियंत्रण करने के लिए पिछले दो महीने से लगातार अलग-अलग पैंतरे अपना रहा है।  

दरअसल कोरोना महामारी से रिकवरी के बाद चीन में निर्माण गतिविधियों में तेजी आई है और इसके कारण चीन में मैटल्स की मांग तेजी से बढ़ रही है। ऐसा सिर्फ चीन में नहीं हो रहा, अमरीका में राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा घोषित किए गए इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के कारण अमरीका में भी मैटल्स की मांग बढ़ रही है।  अन्य देशों में भी अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटने लगी है लिहाजा दुनिया भर में मांग बढ़ने के कारण मैटल्स की कीमतों में तेजी है जिसका असर चीन पर भी पड़ रहा है। 

आस्ट्रेलिया से बिगड़े रिश्तों से भी गड़बड़ाया गणित 
इस बीच चीन के आस्ट्रेलिया के साथ बिगड़े रिश्तों के कारण भी उसका गणित गड़बड़ा गया है। चीन अपनी जरूरत का 60 प्रतिशत आयरन ओर आस्ट्रेलिया से आयात करता है जबकि 20 प्रतिशत आयरन ओर वह ब्राजील से आयात करता है लेकिन बदले हालात में उसकी निर्भरता ब्राजील पर बढ़ी है जिस कारण चीन में आयरन ओर का बड़ा संकट खड़ा हो गया है लिहाजा आयरन ओर की कमी से हताश चीन कभी ट्रेडर्स पर करवाई कर रहा है तो कभी बिटकॉइन की माइनिंग पर प्रतिबंध लगा रहा है और अब उसने मजबूरी में अपने रिजर्व भंडार को बाजार में बेचने की घोषणा की है।

चीन की सख्ती का असर, बिटकॉइन 12% गिरा 
इस बीच चीन द्वारा बिटकॉइन की माइनिंग पर शिकंजा कैसे जाने की खबर से बिटकॉइन की कीमतों में तेज गिरावट देखी गई और सोमवर के कारोबारी सत्र के दौरान बिटकॉइन की कीमत 12 प्रतिशत गिर कर 31780 डॉलर प्रति बिटकॉइन पर पहुंच गई। रविवार को बिटकॉइन 36059 डॉलर प्रति बिटकॉइन पर बंद हुआ था और सोमवार के कारोबार के दौरान यह 12 प्रतिशत गिर गया। हालांकि बाद में इसमें रिकवरी देखने को मिली और सोमवार शाम को यह 32537 डॉलर प्रति बिटकॉइन पर कारोबार कर रहा था। 

यूनिवर्सिटी आफ कैम्ब्रिज की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में माइन किए जाने वाले कुल बिटकॉइन की 65 प्रतिशत माइनिंग चीन में की जाती है और चीन द्वारा माइनिंग पर शिकंजा कसे जाने से बिटकॉइन की कीमत गिर रही हैं। इस से पहले पिछले महीने भी इसी प्रकार चीन की सख्ती के बाद बिटकॉइन की कीमत में भारी गिरावट देखी गई थी और बिटकॉइन करीब 30 हजार डॉलर तक लुढ़क गया था लेकिन बाद में इसमें शानदार रिकवरी हुई और यह एक बार फिर 40 हजार के स्तर को पार कर गया था

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