वर्ल्ड इकोनॉमी में मंदी के बादल लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था भरेगी उड़ान

Edited By Yaspal,Updated: 17 Sep, 2023 05:50 PM

clouds of recession in world economy but indian economy will take off

भारतीय अर्थव्यवस्था की चमक और बढ़ने वाली है। वहीं, वैश्विक अर्थव्यवस्था पर मंदी के बादल मडरा रहे हैं। ऐसा दुनियाभर अधिकतर अर्थशास्त्रियों का मनना है

बिजनेस डेस्कः भारतीय अर्थव्यवस्था की चमक और बढ़ने वाली है। वहीं, वैश्विक अर्थव्यवस्था पर मंदी के बादल मडरा रहे हैं। ऐसा दुनियाभर अधिकतर अर्थशास्त्रियों का मनना है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि राजनीतिक तथा वित्तीय अस्थिरता के बीच आने वाले वर्ष में वैश्विक अर्थव्यवस्था कमजोर होगी, जबकि 90 प्रतिशत से अधिक अर्थशास्त्री दक्षिण एशिया खासकर से भारत में मध्यम या मजबूत वृद्धि को लेकर आश्वस्त हैं। एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की नवीनतम ‘चीफ इकोनॉमिस्ट आउटलुक’ रिपोर्ट के अनुसार, देश में रियल एस्टेट बाजार में मुद्रास्फीति कम होने और नरम रुख के संकेतों से चीन के लिए संभावनाएं कम हो गई हैं। दुनिया राजनीतिक और वित्तीय अस्थिरता से जूझ रही है। करीब 10 में से छह का मानना है कि वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को पूरा करने की दिशा में प्रगति को कमजोर कर देगा, जबकि 74 प्रतिशत का कहना है कि भू-राजनीतिक तनाव का भी यही असर होगा। 

भारत में मजबूत वृद्धि की उम्मीद
डब्ल्यूईएफ की प्रबंध निदेशक सादिया जाहिदी ने कहा, ‘‘मुख्य अर्थशास्त्रियों की नवीनतम राय वैश्विक अर्थव्यवस्था में लगातार कमजोरी की ओर इशारा करती है।’’ उन्होंने कहा कि यह विकासशील देशों के सामने आने वाली तत्काल चुनौतियों, सीमा पार निवेश तथा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है। वहीं डब्ल्यूईएफ के अनुसार, ‘‘90 प्रतिशत से अधिक लोगों को इस वर्ष दक्षिण एशिया खासकर भारत में मध्यम या मजबूत वृद्धि की उम्मीद है। क्षेत्र में मजबूत वृद्धि की उम्मीद करने वालों की हिस्सेदारी पिछले सर्वेक्षण में 36 प्रतिशत थी, जो अब बढ़कर 52 प्रतिशत हो गई।’’ अमेरिका में मई के बाद से स्थिति मजबूत हुई है, 10 में से आठ उत्तरदाताओं को अब 2023 और 2024 दोनों में मध्यम या मजबूत वृद्धि की उम्मीद है। 

चीन की अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत 
चीन की अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिलने शुरू हो गए हैं। चीन के कारखानों ने गति पकड़ ली है और अगस्त में खुदरा बिक्री में भी तेजी आई है। सरकार की ओर से शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में संकेत मिले हैं कि अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे वैश्विक महामारी के बाद की स्थिति से उबर सकती है। हालांकि, रेस्तरां तथा दुकानों में व्यस्त गतिविधि के बावजूद आंकड़ों में सभी महत्वपूर्ण संपत्ति क्षेत्र में लगातार कमजोरी दिखी। रियल एस्टेट डेवलपर्स सुस्त मांग के कारण कर्ज चुकाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। रियल एस्टेट निवेश में अगस्त में सालाना आधार 8.8 प्रतिशत की गिरावट आई। साल की शुरुआत से ही गिरावट लगातार बढ़ती जा रही है। बैंकों पर बोझ कम करने के लिए पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना या केंद्रीय बैंक ने बृहस्पतिवार देर रात कहा कि अधिकतर उधारदाताओं के लिए आरक्षित आवश्यकता में शुक्रवार तक 0.25 प्रतिशत अंक की कटौती की जाएगी। केंद्रीय बैंक के अनुसार, ‘‘ आर्थिक सुधार की नींव को मजबूत करने और उचित तथा पर्याप्त तरलता बनाए रखने के लिए’’ इससे उधार देने के लिए अधिक धन उपलब्ध होगा। 

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