Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Apr, 2022 05:17 PM
दूरसंचार ऑपरेटरों के संगठन सीओएआई ने कहा है कि स्पेक्ट्रम की कीमतों को बाजार के हालात को ध्यान में रखते हुए तय किया जाना चाहिए क्योंकि 5जी प्रौद्योगिकी को अपनाने पर कंपनियों को भारी निवेश करना पड़ेगा। भारतीय सेल्युलर ऑपरेटर संघ (सीओएआई) के महानिदेशक...
नई दिल्लीः दूरसंचार ऑपरेटरों के संगठन सीओएआई ने कहा है कि स्पेक्ट्रम की कीमतों को बाजार के हालात को ध्यान में रखते हुए तय किया जाना चाहिए क्योंकि 5जी प्रौद्योगिकी को अपनाने पर कंपनियों को भारी निवेश करना पड़ेगा। भारतीय सेल्युलर ऑपरेटर संघ (सीओएआई) के महानिदेशक एस पी कोचर ने कहा कि 5जी तकनीक अपनाने पर दूरसंचार कंपनियों को शुरुआती दौर में बड़ा पूंजी निवेश करना होगा जबकि उन्हें उपयोगकर्ताओं से मिलने वाला शुल्क शुरुआत में कम ही होगा। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में इस बार स्पेक्ट्रम की कीमतें ऊंची रखने पर दूरसंचार कंपनियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
कोचर ने कहा, "अगर दूरसंचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम के लिए ऊंची कीमत देनी पड़ती है, तो वे मुश्किल में फंस सकती हैं।'' भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) 5जी स्पेक्ट्रम की कीमतों के संदर्भ में अपनी सिफारिशें जल्द ही पेश करने वाला है। इसमें आगामी नीलामी प्रक्रिया से जुड़ी व्यवस्थाओं एवं तरीकों का भी उल्लेख होगा। रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया की भागीदारी वाले संगठन सीओएआई का मानना है कि 5जी तकनीक आने से उद्योगों को जो लाभ होंगे वे स्पेक्ट्रम नीलामी से होने वाले फायदों को पीछे छोड़ देंगे। ऐसी स्थिति में सरकार को स्पेक्ट्रम नीलामी को दीर्घकालिक संदर्भ में देखना चाहिए।
कोचर ने कहा, ‘‘सरकार को नीलामी एवं इसकी कीमत से संबंधित मसले को व्यापक रूप में और दीर्घकालिक नजरिए से देखना चाहिए। उसे स्पेक्ट्रम की कीमत ऐसी रखनी चाहिए जो बाजार परिस्थितियों के लिहाज से मुफीद हो। हमारे सदस्यों के साथ हुई चर्चा के मुताबिक इसे सभी स्पेक्ट्रम बैंड के लिए 80-90 फीसदी घटाया जाना चाहिए।'' सरकार 5जी सेवाओं को चालू वित्त वर्ष में ही शुरू करने के लिए स्पेक्ट्रम नीलामी करने वाली है। फिलहाल निजी दूरसंचार कंपनियां दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, कोलकाता, चेन्नई और बेंगलुरु समेत कई शहरों में 5जी सेवाओं का परीक्षण कर रही हैं।