Edited By Rohini Oberoi,Updated: 04 Dec, 2025 12:26 PM

भारत में हेलीकॉप्टर किराए पर लेना (Hiring a Helicopter) अब केवल किसी फिल्म की लग्जरी जैसा नहीं रह गया है बल्कि वीआईपी ट्रैवल (VIP Travel) से लेकर शादियों, एडवेंचर टूर और यहां तक कि इमरजेंसी मेडिकल (Emergency Medical) ज़रूरतों के लिए भी इसकी डिमांड...
Helicopter In Rent: भारत में हेलीकॉप्टर किराए पर लेना (Hiring a Helicopter) अब केवल किसी फिल्म की लग्जरी जैसा नहीं रह गया है बल्कि वीआईपी ट्रैवल (VIP Travel) से लेकर शादियों, एडवेंचर टूर और यहां तक कि इमरजेंसी मेडिकल (Emergency Medical) ज़रूरतों के लिए भी इसकी डिमांड में तेज़ी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। हालांकि यह सुविधा आपकी जेब पर अच्छा खासा असर डालती है। आइए जानते हैं कि भारत में 1 घंटे के लिए हेलीकॉप्टर किराए पर लेने में कितना खर्च आता है और कौन से कारक इसे प्रभावित करते हैं।
प्रति घंटे का खर्च और मॉडल
हेलीकॉप्टरों की कीमत मुख्य रूप से उनके आकार और इंजन पर निर्भर करती है:
| हेलीकॉप्टर का प्रकार |
यात्रियों की क्षमता |
अनुमानित प्रति घंटा लागत |
सुरक्षा विशेषता |
| छोटे हेलीकॉप्टर (सिंगल इंजन) |
3-4 लोग |
₹94,400 से ₹1.5 लाख |
कम लागत वाला विकल्प |
| बड़े हेलीकॉप्टर (डबल इंजन) |
6-8 लोग |
₹3 लाख से ₹4 लाख तक |
ज़्यादा सुरक्षित, खासकर लंबी दूरी के लिए |
सुरक्षा प्रीमियम: दो इंजन वाले हेलीकॉप्टर लंबी दूरी की यात्रा के लिए ज़्यादा सुरक्षित माने जाते हैं। यह बढ़ी हुई सुरक्षा सेफ्टी प्रीमियम (Safety Premium) के रूप में आती है इसलिए डबल इंजन मॉडल हमेशा सिंगल इंजन वाले मॉडल से महंगे होते हैं।
दूरी नहीं, समय से लगता है चार्ज
हेलीकॉप्टर कंपनियां दूरी के हिसाब से नहीं बल्कि उड़ने के समय (Flying Time) के हिसाब से चार्ज करती हैं:
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अतिरिक्त शुल्क जो खर्च को बढ़ाते हैं
किराए के अलावा कई अतिरिक्त शुल्क भी खर्च को बढ़ा सकते हैं:
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लैंडिंग और पार्किंग फीस: यदि आप किसी कंट्रोल्ड, बिज़ी एयरपोर्ट या किसी प्राइवेट जगह पर उतरने का प्लान कर रहे हैं तो लैंडिंग और पार्किंग फीस लग सकती है।
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विशेष सर्टिफिकेशन: दूर या ज़्यादा ऊंचाई (High Altitude) वाली जगह पर जाने के लिए स्पेशल पायलट और एयरक्राफ्ट सर्टिफिकेशन (Aircraft Certification) की ज़रूरत होती है जिससे खर्च और बढ़ जाता है।
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ईंधन की लागत: हेलीकॉप्टर काफी ज़्यादा एविएशन टर्बाइन फ्यूल (Aviation Turbine Fuel) इस्तेमाल करते हैं जिसकी कीमत ऊपर-नीचे होती रहती है।
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ज़रूरत के हिसाब से: शादियों में डेकोरेशन, परमिशन और इवेंट हैंडलिंग की वजह से खर्च ज़्यादा होता है। वहीं एरियल फोटोग्राफी या फिल्म शूट के लिए खास सेफ्टी सेटअप की ज़रूरत पड़ती है।
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पीक सीजन: पीक सीजन (Peak Season) में ज़्यादा डिमांड की वजह से भी चार्ज बढ़ सकते हैं।