Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Aug, 2021 01:47 PM

सरकार ने सोमवार को कहा कि 2021-22 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में जीएसटी कलेक्शन 1.67 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा रहा। जबकि सरकार ने बजट में कहा था कि चालू वित्त वर्ष में जीएसटी कलेक्शन 6.30 लाख करोड़ रुपए रहेगा। इस लिहाज से पहली
बिजनेस डेस्कः सरकार ने सोमवार को कहा कि 2021-22 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में जीएसटी कलेक्शन 1.67 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा रहा। जबकि सरकार ने बजट में कहा था कि चालू वित्त वर्ष में जीएसटी कलेक्शन 6.30 लाख करोड़ रुपए रहेगा। इस लिहाज से पहली तिमाही में कलेक्शन का आंकड़ा कुल अनुमान का 26.6 फीसदी है। यह जानकारी वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में लोकसभा में दी। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में चौधरी ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ‘इनपुट टैक्स क्रेडिट' (आईटीसी) संबंधी 4,000 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी के बारे में पता लगा है।
पहली तिमाही में कुल GST कलेक्शन में केंद्रीय GST, इंटिग्रेटेड GST और कंपनसेशन सेस भी शामिल हैं। इससे पहले फाइनेंशियल 2020-21 में कुल GST कलेक्शन 5.48 लाख करोड़ रुपए था, जो संशोधित अनुमान (RE) 5.15 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा है। मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 2019-20 में कुल कलेक्शन 5.98 लाख करोड़ रुपए रही, जोकि संशोधित अनुमान का 97.8 फीसदी रही।
पंकज चौधरी ने कहा कि सरकार टैक्स रेवेन्यू कलेक्शन बढ़ाने के लिए मजबूत प्रयास कर रही है। इसमें टैक्स कंप्लायंसेस में सुधार से लेकर GST दर को युक्तिसंगत बनाना, ई-इनवॉइस सिस्टम, जरूरी ई-फाइलिंग और टैक्स का ई-पेमेंट, लेट पेमेंट के लिए जुर्माना, नियमित प्रवर्तन और टैक्स रिटर्न का कंप्लायंसेस वेरिफिकेशन, राज्य वैट डिपार्टमेंट के लिए थर्ड पार्टी समेत अन्य कदम शामिल हैं।