Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Dec, 2025 05:19 PM

नवंबर महीने में महंगाई ने भले ही आम लोगों की जेब पर दबाव बढ़ाया हो लेकिन आने वाला साल राहत लेकर आ सकता है। एसबीआई रिसर्च की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2026 में देश की रिटेल महंगाई (CPI) में करीब 35 बेसिस प्वाइंट तक की गिरावट आ सकती है। इस गिरावट...
बिजनेस डेस्कः नवंबर महीने में महंगाई ने भले ही आम लोगों की जेब पर दबाव बढ़ाया हो लेकिन आने वाला साल राहत लेकर आ सकता है। एसबीआई रिसर्च की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2026 में देश की रिटेल महंगाई (CPI) में करीब 35 बेसिस प्वाइंट तक की गिरावट आ सकती है। इस गिरावट में GST सुधारों की अहम भूमिका रहने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह अनुमान ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर मिलने वाली अतिरिक्त छूट को शामिल किए बिना लगाया गया है। अगर GST दरों में कटौती का पूरा फायदा उपभोक्ताओं तक पहुंचता है, तो महंगाई पर असर और भी ज्यादा हो सकता है। कुल मिलाकर वित्त वर्ष 2025-26 में CPI में लगभग 35 बीपीएस की कमी संभव है।
नवंबर में क्यों बढ़ी महंगाई?
एसबीआई रिसर्च के अनुसार, नवंबर 2025 में भारत की CPI महंगाई 0.25% से बढ़कर 0.71% हो गई। केरल में महंगाई दर सबसे ज्यादा 8.27% रही, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में 9.34% और शहरी इलाकों में 6.33% दर्ज की गई। इसकी बड़ी वजह राज्य में सोना, चांदी और तेल-वसा की ऊंची खपत और इनकी कीमतों में तेज़ बढ़ोतरी बताई गई है।
आगे क्या रह सकता है ट्रेंड?
रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2026 तक महंगाई 2.7% तक पहुंच सकती है। रुपये में कमजोरी के चलते कीमतों पर दबाव बना रह सकता है। अनुमान है कि:
- FY26 में महंगाई: 1.8%
- FY27 में महंगाई: 3.4%
हालांकि, SBI रिसर्च का मानना है कि फरवरी की मौद्रिक नीति बैठक में RBI ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा।
GST कटौती से और राहत संभव
स्टैंडर्ड चार्टर्ड ग्लोबल रिसर्च ने भी पहले अनुमान जताया था कि GST दरों में कटौती से:
GDP में 0.1% से 0.16% तक बढ़ोतरी
- सालाना महंगाई में 40–60 बीपीएस तक की कमी आ सकती है
- रिपोर्ट में कहा गया है कि GST कटौती से सरकारी राजस्व पर असर सीमित रहेगा, जिससे खर्च और आय को लेकर चिंताएं कम होंगी। हालांकि, संयुक्त राजकोषीय घाटा GDP के 0.15%–0.20% तक बना रह सकता है।
कारोबार के लिए भी फायदेमंद
रिपोर्ट में GST सुधारों को समय पर उठाया गया कदम बताया गया है। तेज रजिस्ट्रेशन, आसान रिफंड और बेहतर प्रक्रिया से Ease of Doing Business सुधरेगा, जिससे मध्यम अवधि में आर्थिक विकास को मजबूती मिल सकती है—बशर्ते GST काउंसिल इन सुधारों को प्रभावी ढंग से लागू करे।