Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Dec, 2025 12:06 PM

विदेशी निवेशकों की मुनाफावसूली, रुपए में गिरावट, अमेरिका-भारत ट्रेड डील में देरी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ संकेतों के बीच मंगलवार को घरेलू शेयर बाजार लगातार दूसरे दिन भारी गिरावट के साथ खुला। फेडरल रिजर्व की नीति बैठक को लेकर...
बिजनेस डेस्कः विदेशी निवेशकों की मुनाफावसूली, रुपए में गिरावट, अमेरिका-भारत ट्रेड डील में देरी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ संकेतों के बीच मंगलवार को घरेलू शेयर बाजार लगातार दूसरे दिन भारी गिरावट के साथ खुला। फेडरल रिजर्व की नीति बैठक को लेकर अनिश्चितता ने निवेशकों की सतर्कता और बढ़ा दी है।
दो दिन में 12 लाख करोड़ रुपए का नुकसान
बाजार में आई भारी बिकवाली ने निवेशकों की संपत्ति को झटका दिया है। सोमवार को जहां मार्केट कैप में भारी गिरावट दर्ज हुई थी, वहीं मंगलवार को शुरुआती कारोबार में निवेशकों को अतिरिक्त 6 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। दो दिनों में कुल नुकसान 12 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो चुका है।
सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट
सेंसेक्स
- सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 720 अंक गिरकर 84,382.96 पर पहुंचा।
- सोमवार को यह 85,102.69 पर बंद हुआ था।
- मंगलवार को सेंसेक्स 84,742.87 पर खुला और 10:25 बजे तक यह करीब 400 अंक गिरकर 84,705.82 पर था।
निफ्टी
- निफ्टी कारोबार के दौरान 232.55 अंकों की गिरावट के साथ 25,728 तक पहुंचा।
- सुबह निफ्टी 25,867.10 पर खुला था।
- 10:30 बजे तक इसमें गिरावट घटकर 153.10 अंक रही और इंडेक्स 25,807.45 पर ट्रेड कर रहा था।
किन कारणों से टूटा बाजार?
1. फेड पॉलिसी और ब्याज दरों पर अनिश्चितता
- फेड की दो दिवसीय बैठक से पहले निवेशक परेशान हैं।
- 25 बेसिस पॉइंट दर कटौती की उम्मीद है।
- महंगाई और अमेरिकी आर्थिक मजबूती के बीच 2026 के लिए दरों के संकेतों पर बाजार की नजर है।
विशेषज्ञों का कहना है कि दर कटौती लगभग तय है लेकिन भविष्य की गाइडेंस को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
2. ट्रंप का नया टैरिफ थ्रेट
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आयातित चावल पर टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि भारत “अमेरिकी बाजार में चावल डंप कर रहा है।” अमेरिका भारतीय बासमती चावल का चौथा सबसे बड़ा बाजार है (270,000 MT)। अतिरिक्त टैरिफ का भार अभी भी अमेरिकी उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है।
3. रुपए में कमजोरी
रुपया शुरुआती कारोबार में 10 पैसे कमजोर होकर 90.15 पर पहुंच गया। FPI डिमांड और फेड के फैसले से पहले सतर्कता इसका कारण रही।
4. विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी
- लगातार 8वें दिन FPI ने 655.59 करोड़ रुपए की सेलिंग की।
- वैश्विक अनिश्चितता और ट्रेड तनाव की वजह से जोखिम कम किया जा रहा है।
5. विदेशी बाजारों में कमजोरी
- एशियाई बाजार—हैंग सेंग, कोस्पी और शंघाई कंपोजिट—सभी लाल निशान में।
- फेड मीटिंग से पहले अमेरिकी बाजार भी गिरावट में बंद हुए।
6. भारत-अमेरिका ट्रेड डील में देरी
- भारत अमेरिका को कई प्रोडक्ट्स पर 50% तक टैरिफ देता है।
- ट्रेड डील में देरी के कारण निवेशकों का सेंटिमेंट कमजोर।