विदेशी शेयरों में घटेगा निवेश!

Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Feb, 2023 02:06 PM

investment in foreign shares will decrease

महामारी के बाद अंतरराष्ट्रीय शेयरों में सीधे निवेश में आई तेजी प्रभावित हो सकती है। उदारीकृत धन प्रेषण योजना (एलआरएस) का इस्तेमाल कर भारत से बाहर भेजे गए धन पर बजट में 20 प्रतिशत स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) का प्रावधान किए जाने के बाद ऐसा

नई दिल्लीः महामारी के बाद अंतरराष्ट्रीय शेयरों में सीधे निवेश में आई तेजी प्रभावित हो सकती है। उदारीकृत धन प्रेषण योजना (एलआरएस) का इस्तेमाल कर भारत से बाहर भेजे गए धन पर बजट में 20 प्रतिशत स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) का प्रावधान किए जाने के बाद ऐसा होने की संभावना है। इस धन का बाद में समायोजन हो सकता है लेकिन कर दाखिल करने तक के लिए 20 प्रतिशत पूंजी ब्लॉक करने की वजह से विदेशी शेयरों में प्रत्यक्ष निवेश प्रभावित होने की संभावना है।

जीरोधा के सह संस्थापक और सीईओ नितिन कामत ने कहा, ‘साल के अंत में आयकर रिटर्न दाखिल करते समय टीसीएस का दावा किया जा सकता है। लेकिन ऐसी संभावना कम है कि तब तक के लिए 20 प्रतिशत पूंजी ब्लॉक किए जाने को लेकर लोग सहज होंगे। इसका विपरीत असर उन सभी प्लेटफॉर्मों पर पड़ेगा, जो अंतरराष्ट्रीय स्टॉकों और अंतरराष्ट्रीय क्रिप्टो एक्सचेंज की पेशकश कर रहे हैं।’

ध्रुव एडवाइजर्स में पार्टनर मेहुल भेडा ने कहा, ‘इस कदम से अंतरराष्ट्रीय इक्विटी में सीधे धन लगाने से निवेशक हतोत्साहित होंगे। इससे सीधे बड़े पैमाने पर नकदी बाहर जाती है।’ अंतरराष्ट्रीय शेयरों में निवेश 2020 में बढ़ना शुरू हुआ। साथ ही घरेलू शेयरों और क्रिप्टोकरेंसी में भी कारोबार बढ़ा। इसकी वजह इसमें आई सरलता और शेयरों के विविधीकरण की जरूरत है। फिनटेक प्लेटफॉर्म अंतरराष्ट्रीय शेयरों की पेशकश कर रही हैं, जिसमें ग्लोबलाइज, स्टॉकल और इंडमनी आदि शामिल हैं। इन्हें हाल के वर्षों में महत्त्व मिला है।

भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों से पता चलता है कि इक्विटी और डेट में निवेश के लिए रेमिटेंस 2019-20 और 2021-22 के बीच 73 प्रतिशत बढ़कर 76.66 करोड़ डॉलर हो गया है। शिक्षा और इलाज को छोड़कर टीसीएस में बदलाव सभी रेमिटेंस पर लागू है। अंतरराष्ट्रीय शेयरों की पेशकश कर रहे प्लेटफॉर्मों को उम्मीद है कि इससे उनका कारोबार प्रभावित नहीं होगा।

स्टॉकल के सह सीईओ और सह संस्थापक विनय भारद्वाज ने कहा, ‘जब 2020 में टीसीएस का प्रस्ताव आया था तो कुछ समय तक असर था और कुछ समय बाद लेन देन पूर्ववत हो गया। हम उम्मीद करते हैं कि इस बार भी उसी तरह की प्रतिक्रिया होगी।’ इंडमनी के साथ काम कर रहे आशीष कश्यप ने कहा कि यह सही नहीं है कि रिटर्न दाखिल करने तक सभी निवेशकों का धन फंस जाएगा। उन्होंने कहा कि वेतन के अतिरिक्त मदों से आमदनी पाने वाले लोग अग्रिम कर का भुगतान हर तिमाही करते हैं।
 

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