ATM से पैसा निकालना हो जाएगा महंगा!

Edited By ,Updated: 24 Jan, 2016 04:06 PM

jan dhan yojna atm

सरकार के वित्तीय समावेशन कार्यक्रम प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत लोगों को बैंकिंग प्रणाली से जोडऩे

नई दिल्लीः सरकार के वित्तीय समावेशन कार्यक्रम प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत लोगों को बैंकिंग प्रणाली से जोडऩे और रूपे कार्ड वितरित करने के बीच खुदरा व्यापारियों के शीर्ष संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने नकद विहीन अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने का हवाला देते हुए सरकार को एटीएम से धन निकासी पर आधी फीसदी शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया है।  

कैट ने अपने बजट पूर्व ज्ञापन में सरकार से नकद के चलन को कम करने के लिए एटीएम से धन निकालने पर प्रत्येक ट्रांजैक्शन पर 0.5 फीसदी शुल्क लगाने जबकि डैबिट कार्ड और क्रैडिट कार्ड के प्रयोग पर बैंकों द्वारा लिया जाने वाला उपकर समाप्त करने की अपील की है। उसने कार्ड से भुगतान करने पर कैशबैक देने, विभिन्न प्रकार के कर में छूट देने के साथ ही कार्ड भुगतान मशीन पर से आयात शुल्क समाप्त करने का सुझाव दिया है।  

कैट के अध्यक्ष बी. सी. भरतिया और महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने अपने संयुक्त बयान में कहा, "देश में लगभग एक लाख 94 हजार एटीएम मशीनें हैं जिनसे हर साल करीब 20 लाख करोड़ रुपए नकद राशि निकाली जाती है जबकि 10 लाख कार्ड भुगतान मशीन होने के बावजूद उनसे महज 3 लाख करोड़ रुपए का ही भुगतान किया जाता है। यदि एटीएम मशीन से प्रत्येक ट्रांजैक्शन पर सरकार आधी फीसदी सरचार्ज लगाए तो उसे 11 हजार करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होगा।" उन्होंने कहा कि बैंक क्रैडिट कार्ड के इस्तेमाल पर करीब 2 प्रतिशत और डैबिट कार्ड के प्रयोग पर एक फीसदी का शुल्क लेते हैं जो कार्ड से भुगतान को हतोत्साहित करता है। 

सरकार को इन शुल्कों को समाप्त कर देना चाहिए। साथ ही कार्ड भुगतान पर कैश बैक देने के साथ ही विभिन्न प्रकार के करों में छूट देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में कार्ड से भुगतान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से व्यापारियों और उपभोक्ताओं को जागरुक बनाने के लिए सरकार को देश भर में अभियान चलाना चाहिए। देश में अभी भी इलैक्ट्रॉनिक भुगतान को लेकर लोगों का रुझान निराशाजनक है।

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