Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Jun, 2019 06:50 PM
खनिज क्षेत्र के दिग्गज उद्योगपति अनिल अग्रवाल ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गरीबी समाप्त करने तथा रोजगार सृजित करने के लिए भूमिगत संसाधनों के उपयोग पर ध्यान देना चाहिए तथा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों तथा बैंकों को और अधिक स्वायत्तता के...
नई दिल्लीः खनिज क्षेत्र के दिग्गज उद्योगपति अनिल अग्रवाल ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गरीबी समाप्त करने तथा रोजगार सृजित करने के लिए भूमिगत संसाधनों के उपयोग पर ध्यान देना चाहिए तथा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों तथा बैंकों को और अधिक स्वायत्तता के साथ सभी आधार कार्डधारकों को 2 लाख रुपए के कर्ज की सुविधा दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के अंतर्गत भारत सतयुग में है जहां दरबारी खत्म हो गए हैं और केवल काम करने वालों को मान्यता मिल रही है।
मदर इंडिया फिल्म जैसी है किसानों का हालत
उन्होंने कहा कि पर्यटन और उद्योग को बढ़ावा देने के लिए जिला कलेक्टरों को व्यापार विकास प्रबंधन बनाया जाना चाहिए। साथ ही आय और रोजगार सृजित करने के लिए स्मारकों, किलों और समुद्री तटों को स्वायत्त बनाया जाना चाहिए। अग्रवाल ने कहा, ‘‘भारत की कहानी लोकप्रिय फिल्म ‘मदर इंडिया' की कहानी है जहां किसान 100 क्विंटल अनाज उगाते हैं लेकिन 80 क्विंटल सूदखोर ले लेते हैं। यही मामला भारत के साथ है जहां हमारी आय का 50 प्रतिशत हिस्सा आयात पर खर्च करते हैं। उसके बाद कर्ज पर ब्याज भुगतान में राशि जाती है। इससे लगभग कुछ नहीं बचता।''
सरकारी बैंकों व कंपनियों में भरपूर संभावना
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधन और इलेक्ट्रानिक्स क्षेत्रों में रोजगार सृजन की काफी क्षमता है। ‘हमने जमीन पर कृषि आदि क्षेत्रों में अच्छा काम किया है। अब हमें जमीन के भीतर काम करने की जरूरत है। अब हमें जमीन के भीतर ध्यान देना चाहिए, खनिज तथा तेल एवं गैस संसाधनों पर ध्यान देना चाहिए।' अग्रवाल ने कहा कि मोदी सरकार को लौह अयस्क और अन्य धातु के साथ-साथ सोना एवं तेल एवं गैस के के बड़े भंडार के उपयोग पर गौर करना चाहिए। इससे आयात बिल को कम करने तथा रोजगार सृजन में मदद मिलेगी।
वेदांता रिर्सोसेज के संस्थापक और बहुलांश हिस्सेदारी अग्रवाल ने कहा कि सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और बैंकों के निदेशक मंडलों को ब्रिटिश एयरवेज और जीई जैसा बनाकर स्वतंत्र बनाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘सार्वजनिक क्षेत्र की सभी कंपनियों तथा बैंकों को अगर स्वायत्तता दी जाती है, वे तीन गुना बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।'' अग्रवाल ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों काफी संभावना और प्रतिभा है लेकिन कार्यकारी जांच के भय से निर्णय लेने से डरते हैं। उन्हें निर्णय लेने को लेकर सशक्त बनाया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सरकार को सभी आधार कार्ड धारकों को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 2 लाख रुपए का कर्ज देना चाहिए।