Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Dec, 2025 05:24 PM

बाजार की बदलती परिस्थितियों और संस्थागत निवेशकों के मजबूत भरोसे के चलते भारत का रियल एस्टेट सेक्टर तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। साल 2025 इस सेक्टर के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ है, जब निवेश ने अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। आंकड़ों के मुताबिक, 2025 में...
बिजनेस डेस्कः बाजार की बदलती परिस्थितियों और संस्थागत निवेशकों के मजबूत भरोसे के चलते भारत का रियल एस्टेट सेक्टर तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। साल 2025 इस सेक्टर के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ है, जब निवेश ने अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। आंकड़ों के मुताबिक, 2025 में हर दिन औसतन ₹255 करोड़ से अधिक का निवेश रियल एस्टेट सेक्टर में आया है।
प्रॉपर्टी कंसलटेंसी फर्म JLL इंडिया के अनुसार, कैलेंडर ईयर 2025 में रियल एस्टेट सेक्टर में संस्थागत निवेश बढ़कर रिकॉर्ड 10.4 अरब डॉलर (करीब ₹93,200 करोड़) तक पहुंच गया। यह 2024 के पिछले रिकॉर्ड 8.4 अरब डॉलर से कहीं अधिक है।
घरेलू निवेशकों का दबदबा बढ़ा
कोटक अल्टरनेट एसेट मैनेजर्स के एमडी श्रीनि श्रीनिवासन ने कहा कि मजबूत आर्थिक विकास, रणनीतिक नीतियां और बेहतर बिजनेस माहौल भारत को ग्लोबल कैप्टिव सेंटर्स के लिए आकर्षक गंतव्य बना रहे हैं। REIT पॉलिसी से बढ़ी लिक्विडिटी और घरेलू पूंजी की मजबूत भागीदारी ने निवेशकों को बेहतर रिटर्न का भरोसा दिया है। खास बात यह रही कि 2014 के बाद पहली बार घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 52% बाजार हिस्सेदारी हासिल की।
लॉन्ग टर्म असेट्स पर बढ़ा भरोसा
JLL की सीनियर एमडी और कैपिटल मार्केट्स हेड लता पिल्लई ने कहा कि यह बदलाव भारत के कैपिटल मार्केट इकोसिस्टम में बड़े ट्रांसफॉर्मेशन का संकेत है। कोर असेट्स में दोगुनी ग्रोथ बताती है कि निवेशक सिर्फ ग्रोथ ही नहीं, बल्कि स्थिर आय देने वाली संपत्तियों के जरिए लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन पर फोकस कर रहे हैं।
REITs और InvITs बने निवेश के बड़े खिलाड़ी
घरेलू निवेश में REITs और InvITs की अहम भूमिका रही, जिन्होंने 2.5 अरब डॉलर का निवेश किया, जो कुल असेट अधिग्रहण का 56% है। भारतीय प्राइवेट इक्विटी फर्मों का योगदान घरेलू पूंजी निवेश में 30% रहा। विदेशी निवेश का हिस्सा भले कम हुआ हो लेकिन कुल निवेश 2024 की तुलना में 18% बढ़ा। अमेरिकी निवेशकों ने 2025 में अपना निवेश बढ़ाकर 2.6 अरब डॉलर कर दिया।
ऑफिस सेक्टर फिर बना निवेशकों की पहली पसंद
रिपोर्ट के मुताबिक, ऑफिस सेक्टर ने संस्थागत निवेश का 58% हिस्सा हासिल किया, जबकि 2024 में यह 28% था। JLL के चीफ इकोनॉमिस्ट समंतक दास ने कहा कि 2025 में ऑफिस प्रॉपर्टी ने रणनीतिक निवेश के जरिए 6 अरब डॉलर जुटाए, जो पिछले साल से दोगुने से भी ज्यादा हैं।
डेटा सेंटर, स्टूडेंट हाउसिंग, लाइफ साइंसेज और हेल्थ सर्विस जैसे उभरते असेट क्लास में भी तेज निवेश देखा गया। शहरों की बात करें तो बेंगलुरु 29% हिस्सेदारी के साथ सबसे आगे रहा, उसके बाद मुंबई-एमएमआर का स्थान रहा, जबकि टियर-2 शहरों में 175 मिलियन डॉलर का निवेश दर्ज किया गया।