ई-कॉमर्स नीति के मसौदे पर टिप्पणी के लिए हितधारकों को मिला और समय

Edited By Updated: 09 Mar, 2019 09:39 AM

stakeholders get time to comment on e commerce policy draft

राष्ट्रीय ई - कॉमर्स नीति के मसौदे पर हितधारक 29 मार्च तक सुझाव या विचार भेज सकते हैं। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने अपनी टिप्पणी भेजने की समय सीमा को बढ़ाकर 29 मार्च कर दिया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

बिजनेस डेस्कः राष्ट्रीय ई - कॉमर्स नीति के मसौदे पर हितधारक 29 मार्च तक सुझाव या विचार भेज सकते हैं। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने अपनी टिप्पणी भेजने की समय सीमा को बढ़ाकर 29 मार्च कर दिया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। 

ऑनलाइन कारोबार क्षेत्र के कुछ हितधारकों ने अपने विचार देने के लिए 9 मार्च की समयसीमा को आगे बढ़ाने की मांग की थी।  सरकार ने सीमा - पार आकंड़ों को भेजने को रोकने के लिए प्रौद्योगिकी और कानूनी ढांचे की स्थापना करने का प्रस्ताव जारी किया है। साथ ही मसौदे में संवेदनशील आंकड़ों के स्थानीय स्तर पर संग्रह या प्रसंस्करण और इसे विदेशों में संग्रहीत करने के बारे में व्यवसायों के लिए शर्तें भी रखी हैं।    वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की एक शाखा डीपीआईआईटी ने मसौदा तैयार किया था। 41 पन्नों के मसौदे में छह बड़े और प्रमुख मुद्दों को शामिल किया गया है। इसमें डेटा (आंकड़े), बुनियादी ढांचा विकास , ई - कॉमर्स मार्केटप्लेस , नियामकीय दिक्कतें , घरेलू डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना और ई - कॉमर्स के जरिए निर्यात को बढ़ावा देना शामिल है।  

विभाग ने नीति मसौदे पर शुक्रवार से हितधारकों के साथ बातचीत का दौर शुरू किया है। शुक्रवार को हुई पहली बैठक में हितधारकों ने ई - कॉमर्स के जरिए निर्यात को बढ़ावा के तरीकों से जुड़े मुद्दे को उठाया और आंकड़ों से जुड़े मुद्दों पर अलग नीति की मांग की है।    बैठक में शामिल अधिकारी ने कहा कि हितधारकों ने बैंकिंग से संबंधित मुद्दों को भी शामिल करने को कहा है।  

 

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