Edited By Rohini Oberoi,Updated: 16 Dec, 2025 10:57 AM

8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के लागू होने की संभावना के चलते भारतीय रेलवे (Indian Railways) कर्मचारियों की सैलरी में अच्छी-खासी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। हालांकि आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद रेलवे के खर्च में भारी इजाफा होने का अनुमान...
8th Pay Commission : 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के लागू होने की संभावना के चलते भारतीय रेलवे (Indian Railways) कर्मचारियों की सैलरी में अच्छी-खासी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। हालांकि आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद रेलवे के खर्च में भारी इजाफा होने का अनुमान है। इसी को देखते हुए रेलवे ने अपने फाइनेंस को मज़बूत करने के लिए कई खर्च कम करने (Cost Cutting) और बचत के उपाय शुरू कर दिए हैं। रिपोर्ट के अनुसार रेलवे 8वें वेतन आयोग से होने वाले बढ़े हुए वेतन खर्चों से निपटने से पहले ही अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए रखरखाव (Maintenance), खरीद (Procurement) और ऊर्जा (Energy) क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर कॉस्ट कटिंग के उपाय लागू किए जा रहे हैं।
8वें वेतन आयोग: कब लागू होंगी सिफारिशें?
रिपोर्ट्स के अनुसार 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है। कमीशन की अध्यक्षता पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज रंजना प्रकाश देसाई करेंगी। कमीशन की सिफारिशों में रक्षा सेवाओं के कर्मचारियों सहित लगभग 50 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी और 69 लाख पेंशनभोगी शामिल होंगे। कमीशन अपनी रिपोर्ट 18 महीनों में सौंपेगा। 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को 1 जनवरी 2016 से लागू किया गया था। आमतौर पर, पे कमीशन की सिफारिशों को हर 10 साल के अंतराल (Gap) के बाद लागू किया जाता है।

रेलवे की वित्तीय तैयारी और लक्ष्य
इंडियन रेलवे अपनी ऑपरेशनल एफिशिएंसी (Operational Efficiency) को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 में रेलवे ने 98.90% का ऑपरेटिंग रेश्यो (OR) दर्ज किया जिससे ₹1341.31 करोड़ का नेट रेवेन्यू हुआ। 2025-26 के लिए, रेलवे का लक्ष्य OR को घटाकर 98.42% पर लाना है जिससे नेट रेवेन्यू ₹3041.31 करोड़ होने की उम्मीद है।
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इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IRFC) भी अपने सालाना भुगतान और खर्चों में कटौती की कोशिश कर रहा है। रेलवे अधिकारियों का मानना है कि बढ़ते खर्चों को मैनेज करने के लिए एक बड़ा प्लान पहले से ही चल रहा है जिसका फोकस इंटरनल रिसोर्स, ऑपरेशनल एफिशिएंसी और फ्रेट रेवेन्यू (Freight Revenue) बढ़ाने पर है।

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि जब 2027-28 में ज्यादा सैलरी देनी होगी तब तक सालाना फ्रेट कमाई भी लगभग ₹15000 करोड़ बढ़ जाएगी। रेलवे यह सुनिश्चित कर रहा है कि उसकी वित्तीय स्थिति अच्छी रहे ताकि वह बढ़े हुए वेतन के बोझ को उठा सके।
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कर्मचारी यूनियनों की चुनौतियां
कर्मचारी यूनियनों की मांगें रेलवे के लिए चुनौतियां खड़ी कर सकती हैं:
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फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor): 7वें वेतन आयोग ने 2.57 फिटमेंट फैक्टर लागू किया था जबकि यूनियन अब 2.86 फिटमेंट फैक्टर की मांग कर रहे हैं।
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खर्च में वृद्धि: अगर यह मांग मान ली जाती है तो सैलरी पर होने वाला खर्च 22 प्रतिशत से भी ज्यादा बढ़ सकता है।