Rupee crosses 90: 90 के पार रुपया, IndiGo और HUDCO पर भारी असर, किसे मिला लाभ

Edited By Updated: 03 Dec, 2025 01:28 PM

rupee crosses 90 indigo and hudco hit hard export sector gains

भारतीय रुपया बुधवार को पहली बार 90 प्रति डॉलर के स्तर को पार कर गया। इसका असर देश की कंपनियों पर अलग-अलग तरीके से देखने को मिल रहा है। एक तरफ IT और फार्मा जैसे एक्सपोर्ट-ड्रिवन सेक्टर को फायदा हो रहा है, वहीं एविएशन और डॉलर कर्ज वाली कंपनियों के लिए...

बिजनेस डेस्कः भारतीय रुपया बुधवार को पहली बार 90 प्रति डॉलर के स्तर को पार कर गया। इसका असर देश की कंपनियों पर अलग-अलग तरीके से देखने को मिल रहा है। एक तरफ IT और फार्मा जैसे एक्सपोर्ट-ड्रिवन सेक्टर को फायदा हो रहा है, वहीं एविएशन और डॉलर कर्ज वाली कंपनियों के लिए दबाव बढ़ गया है।

IndiGo को फॉरेक्स लॉस का बड़ा झटका

सितंबर 2025 तिमाही में InterGlobe Aviation (IndiGo की पैरेंट कंपनी) ने ₹2,582 करोड़ का घाटा रिपोर्ट किया। विशेषज्ञों के अनुसार, इसका मुख्य कारण रुपए में 3.4% की गिरावट रही, जिससे कंपनी की कमाई लगभग खत्म हो गई। यदि रुपया स्थिर रहता, तो IndiGo 104 करोड़ रुपए का मुनाफा दिखाती। IndiGo के खर्चों का 60% से अधिक हिस्सा डॉलर में होता है, जिनमें शामिल हैं.....

  • फ्यूल
  • एयरक्राफ्ट लीज पेमेंट
  • मेंटेनेंस खर्च
  • अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की लागत

रुपया कमजोर होने से ये सभी खर्च रुपए में बढ़ गए और कंपनी का Q2 मुनाफा निगेटिव हो गया।

Q3 में थोड़ी राहत

दिसंबर तिमाही में रुपए की गिरावट अब तक करीब 1.2% रही, जबकि कच्चे तेल की कीमतें 6% से अधिक कम हुई हैं। इसका मतलब है कि एविएशन सेक्टर को Q3 में थोड़ी राहत मिल सकती है। IndiGo के CEO पीटर एल्बर्स का कहना है कि बढ़ती अंतरराष्ट्रीय उड़ानें कंपनी को एक “नेचुरल हेज” प्रदान करेंगी, जिससे डॉलर में होने वाले खर्च और कमाई आपस में बैलेंस हो जाएगी।

HUDCO को भी विदेशी मुद्रा के उतार-चढ़ाव से नुकसान

HUDCO को FY26 की पहली छमाही में विदेशी मुद्रा उतार-चढ़ाव के कारण ₹176 करोड़ का नुकसान हुआ। कंपनी के पास लगभग ₹10,000 करोड़ के ECB और शॉर्ट-टर्म FCNR लोन हैं।

DALJEET SINGH KHATRI, डायरेक्टर–फाइनेंस, HUDCO के अनुसार, कंपनी $400 मिलियन के FCNR लोन Q3 में मैच्योर होने के कारण कुछ पोज़िशन अनवाइंड कर रही है और सभी लोन को हेज कर रही है। इस उपाय से संभावित नुकसान का लगभग 50% बचाया जा सकता है।

रुपए पर दबाव क्यों बना हुआ है (Why rupee under pressure?)

विशेषज्ञों का मानना है कि रुपए की कमजोरी के पीछे मुख्य कारण हैं:

  • लगातार FII आउटफ्लो
  • NDF (Non-Deliverable Forward) एक्सपायरी के चलते बढ़ती डॉलर की मांग
  • RBI का सीमित हस्तक्षेप

Union Bank of India की चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर कनिका पसरीचा का कहना है कि यदि रुपये का 90 का स्तर decisively टूटता है, तो 'overshooting' यानी और ज्यादा गिरावट देखने को मिल सकती है। हालांकि, भारत-अमेरिका व्यापार समझौते (trade deal) में प्रगति से बाजार भावना सुधर सकती है।

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