Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Dec, 2025 02:06 PM

देश में बढ़ते डिजिटल भुगतान और क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी को देखते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने कार्ड उपयोगकर्ताओं के हित में बड़ा बदलाव किया है। अब कोई भी बैंक ग्राहक की स्पष्ट अनुमति के बिना ओवरलिमिट सुविधा सक्रिय नहीं कर सकेगा। यह नियम लाखों...
बिजनेस डेस्कः देश में बढ़ते डिजिटल भुगतान और क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी को देखते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने कार्ड उपयोगकर्ताओं के हित में बड़ा बदलाव किया है। अब कोई भी बैंक ग्राहक की स्पष्ट अनुमति के बिना ओवरलिमिट सुविधा सक्रिय नहीं कर सकेगा। यह नियम लाखों कार्ड होल्डर्स को अनावश्यक शुल्क से बचाएगा।
1. बिना अनुमति ओवरलिमिट सुविधा पूरी तरह प्रतिबंधित
नई गाइडलाइंस के तहत अब कोई भी बैंक या कार्ड जारीकर्ता ग्राहक की स्पष्ट सहमति के बिना ओवरलिमिट फीचर सक्रिय नहीं कर सकेगा। पहले कई बैंक इस सुविधा को ऑटोमैटिक रूप से चालू कर देते थे, जिससे ग्राहक लिमिट पार खर्च कर बैठते थे और बाद में भारी शुल्क देना पड़ता था। RBI ने इस प्रथा को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है।
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2. ऐप में मिलेगा पूरा कंट्रोल
सभी बैंक व कार्ड जारीकर्ताओं को अपने ऐप और नेट बैंकिंग में "ओवरलिमिट ट्रांजैक्शन कंट्रोल" देना होगा। ग्राहक जब चाहे इसे ऑन/ऑफ कर सकेंगे।
3. बिना अनुमति लिमिट पार होने पर कोई शुल्क नहीं
अगर ग्राहक ने ओवरलिमिट की अनुमति नहीं दी है और तकनीकी वजह से लिमिट पार भी हो गई, तो बैंक कोई ओवरलिमिट चार्ज नहीं लगा सकेगा।
4. धोखाधड़ी और अनियंत्रित खर्च पर लगाम
RBI के मुताबिक यह कदम ग्राहकों को
- अनियंत्रित खर्च
- छुपे शुल्क
- धोखाधड़ी से बचाने के लिए उठाया गया है।
5. ओवरलिमिट फीचर कैसे काम करेगा?
लिमिट: 1,00,000 रुपए
अनुमति है → लिमिट से अधिक खर्च हो सकता है
अनुमति नहीं → लिमिट पार होते ही ट्रांजैक्शन फेल
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6. ओवरलिमिट चार्ज गलत लगा तो?
अगर किसी बैंक ने बिना अनुमति आपके खाते या कार्ड पर ओवरलिमिट चार्ज लगा दिया है, तो आप सबसे पहले बैंक की ग्राहक सेवा में शिकायत दर्ज कर सकते हैं। अगर बैंक से आपकी समस्या का समाधान नहीं होता है, तो आप RBI ओम्बुड्समैन पोर्टल पर शिकायत कर सकते हैं। नए नियमों के अनुसार, यहां ग्राहक को पूरा रिफंड मिलने की गारंटी है। ये नए नियम ग्राहकों के अधिकारों को मजबूत करते हैं और बैंकिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाते हैं।
आरबीआई के इस फैसले से अब ग्राहकों को अनावश्यक फीस, धोखाधड़ी और बिना जानकारी लिमिट पार होने की समस्या से बड़ी राहत मिलेगी।