Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Sep, 2022 11:02 AM

देश की प्रमुख इस्पात कंपनी टाटा स्टील की छह सहायक कंपनियों का उसके साथ विलय करने की योजना को मंजूरी दे दी गई है। एक बयान में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई। बयान में बताया गया कि इस संबंध में एक प्रस्ताव को कंपनी के बोर्ड ने बृहस्पतिवार को
नई दिल्लीः देश से प्रमुख औद्योगिक घरानों में शामिल टाटा ग्रुप ने मेटल सेक्टर में बड़ा दांव खेला है। टाटा ग्रुप ने अपनी सात मेटल कंपनियों को टाटा स्टील में मर्ज करने की घोषणा की है। इनमें टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स लिमिटेड, द टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड, टाटा मेटालिक्स लिमिटेड, द इंडियन स्टील एंड वायर प्रोडक्ट्स लिमिटेड, टाटा स्टील माइनिंग लिमिटेड, टीआरएफ और एस एंड टी माइनिंग कंपनी लिमिटेड शामिल हैं। टाटा स्टील ने आज एक बयान में बताया कि उसके बोर्ड ने गुरुवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स लिमिटेड में टाटा स्टील की 74.91 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसके अलावा उसकी द टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड में 74.96 प्रतिशत, टाटा मेटालिक्स लिमिटेड में 60.03 प्रतिशत और द इंडियन स्टील एंड वायर प्रोडक्ट्स लिमिटेड में 95.01 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि टाटा स्टील माइनिंग लिमिटेड और एस एंड टी माइनिंग कंपनी लिमिटेड दोनों उसके पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियां है। बोर्ड ने साथ ही टाटा स्टील की सहयोगी कंपनी टीआरएफ लिमिटेड की भी टाटा स्टील लिमिटेड में विलय को मंजूरी दी। इस कंपनी में टाटा स्टील की 34.11 प्रतिशत हिस्सेदारी है।