Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Dec, 2025 05:05 PM

देश के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के बैंक HDFC बैंक को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से बड़ी नियामकीय मंजूरी मिली है। RBI ने 15 दिसंबर को जारी पत्र के जरिए HDFC बैंक को IndusInd बैंक में 9.50% तक की कुल (एग्रीगेट) हिस्सेदारी रखने की अनुमति दे दी है। यह
बिजनेस डेस्कः देश के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के बैंक HDFC बैंक को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से बड़ी नियामकीय मंजूरी मिली है। RBI ने 15 दिसंबर को जारी पत्र के जरिए HDFC बैंक को IndusInd बैंक में 9.50% तक की कुल (एग्रीगेट) हिस्सेदारी रखने की अनुमति दे दी है। यह मंजूरी एक साल के लिए यानी 14 दिसंबर 2026 तक वैध रहेगी। केंद्रीय बैंक ने साफ किया है कि किसी भी हाल में यह हिस्सेदारी IndusInd बैंक की चुकता शेयर पूंजी या वोटिंग अधिकारों के 9.5% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
सीधा निवेश नहीं करेगा HDFC बैंक
HDFC बैंक ने स्पष्ट किया है कि वह IndusInd बैंक में प्रत्यक्ष निवेश नहीं करेगा। यह मंजूरी मुख्य रूप से HDFC समूह की अन्य कंपनियों के लिए ली गई है। दरअसल, बैंक और उसकी समूह कंपनियों का संयुक्त निवेश तय 5% की सीमा को पार करने की स्थिति में था, जिसके लिए RBI की अनुमति जरूरी थी। इसी के चलते बैंक ने 24 अक्टूबर 2025 को केंद्रीय बैंक के पास आवेदन किया था।
इन समूह कंपनियों पर लागू होगी मंजूरी
HDFC बैंक इन कंपनियों का प्रमोटर या स्पॉन्सर है, इसलिए इनके निवेश को एग्रीगेट होल्डिंग में जोड़ा जाता है। इस मंजूरी के दायरे में HDFC म्यूचुअल फंड, HDFC लाइफ इंश्योरेंस, HDFC एर्गो जनरल इंश्योरेंस, HDFC पेंशन फंड मैनेजमेंट और HDFC सिक्योरिटीज जैसी कंपनियां शामिल हैं। ये सभी कंपनियां अपने कारोबार के तहत IndusInd बैंक के शेयर खरीद सकेंगी।
क्या है एग्रीगेट होल्डिंग का नियम?
RBI के ‘कमर्शियल बैंक्स—शेयर या वोटिंग अधिकारों का अधिग्रहण और होल्डिंग दिशानिर्देश, 2025’ के अनुसार, किसी बैंक समूह की कुल हिस्सेदारी में बैंक की अपनी हिस्सेदारी के साथ-साथ उसके नियंत्रण या प्रबंधन वाली कंपनियों, म्यूचुअल फंड्स और ट्रस्टीज की हिस्सेदारी भी शामिल की जाती है। 5% से ज्यादा हिस्सेदारी होने पर RBI की विशेष अनुमति अनिवार्य होती है।
निवेशकों के लिए क्या मायने?
HDFC बैंक के मुताबिक यह निवेश समूह की सामान्य निवेश गतिविधियों का हिस्सा है। जिन निवेशकों ने HDFC म्यूचुअल फंड या इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स में पैसा लगाया है, उनके फंड का एक हिस्सा IndusInd बैंक के शेयरों में निवेश किया जा सकता है ताकि बेहतर रिटर्न मिल सके।
शेयर बाजार के लिहाज से देखें तो IndusInd बैंक के मौजूदा शेयरधारकों के लिए यह एक सकारात्मक संकेत माना जा सकता है। HDFC जैसे बड़े और भरोसेमंद समूह की हिस्सेदारी बढ़ने से बाजार में भरोसा मजबूत होता है। हालांकि, यह किसी तरह का अधिग्रहण या नियंत्रण हासिल करने की कोशिश नहीं है, बल्कि पूरी तरह से RBI की मंजूरी के तहत किया गया वित्तीय निवेश है।