छह लाख करोड़ रुपए के निवेश से 10,000 किलोमीटर के नए एक्सप्रेसवे बना रही है सरकार: गडकरी

Edited By Updated: 09 Oct, 2025 04:58 PM

the government is building 10 000 kilometers of new expressways

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार देशभर में छह लाख करोड़ रुपए की लागत से 25 ग्रीनफील्ड (नए) एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रही है, जिनकी लंबाई कुल 10,000 किलोमीटर होगी। पीएचडीसीसीआई के 120वें वार्षिक सत्र...

बिजनेस डेस्कः केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार देशभर में छह लाख करोड़ रुपए की लागत से 25 ग्रीनफील्ड (नए) एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रही है, जिनकी लंबाई कुल 10,000 किलोमीटर होगी। पीएचडीसीसीआई के 120वें वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि रणनीतिक जोजिला सुरंग का 75-80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। यह सुरंग लद्दाख क्षेत्र और देश के बाकी हिस्सों के बीच सभी मौसम में संपर्क प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि यदि राजमार्ग मंत्रालय अपनी सड़क परियोजनाओं का मौद्रीकरण करता है तो उसे 15 लाख करोड़ रुपए मिलेंगे। 

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि एक्सप्रेसवे और आर्थिक गलियारों के निर्माण से देश की लॉजिस्टिक्स लागत 16 प्रतिशत से घटकर 10 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने कहा, ‘‘दिसंबर तक भारत की लॉजिस्टिक्स लागत घटकर नौ प्रतिशत रह जाएगी जिससे भारत को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनने में मदद मिलेगी।'' अमेरिका में लॉजिस्टिक्स लागत 12 प्रतिशत, यूरोपीय देशों में 12 प्रतिशत और चीन में आठ से 10 प्रतिशत है। भारत के मोटर वाहन क्षेत्र के बारे में बात करते हुए मंत्री ने कहा, ‘‘पांच साल के भीतर हमारा लक्ष्य भारत के मोटर वाहन उद्योग को दुनिया में नंबर एक बनाना है।'' 

गडकरी ने कहा, ‘‘जब मैंने परिवहन मंत्री का कार्यभार संभाला था, तब भारतीय मोटर वाहन उद्योग का आकार 14 लाख करोड़ रुपए था। आज भारतीय मोटर वाहन उद्योग का आकार 22 लाख करोड़ रुपए है।'' उन्होंने कहा कि मोटर वाहन क्षेत्र चार लाख युवाओं को रोजगार देता है और केंद्र व राज्यों को सबसे अधिक जीएसटी (माल एवं सेवा कर) राजस्व प्रदान करता है। अमेरिकी मोटर वाहन उद्योग का वर्तमान में आकार 78 लाख करोड़ रुपए है, उसके बाद चीन (47 लाख करोड़ रुपए) और भारत (22 लाख करोड़ रुपए) का स्थान है। उन्होंने कहा कि जीवाश्म ईंधन पर भारत की निर्भरता एक आर्थिक बोझ है, क्योंकि ईंधन आयात पर सालाना 22 लाख करोड़ रुपए खर्च होते हैं और यह पर्यावरणीय खतरा है। इससे देश की प्रगति के लिए स्वच्छ ऊर्जा को अपनाना बेहद जरूरी हो जाता है। 

मंत्री ने कहा कि भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कृषि पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। गडकरी ने बताया कि किसानों ने मक्के से एथनॉल का उत्पादन करके 45,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त कमाई की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या है और इसे कम करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। 

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