Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Dec, 2023 05:13 PM
देश का वनस्पति तेल आयात तेल सत्र 2023-24 के पहले महीने नवंबर में 25 प्रतिशत घटकर 11.60 लाख टन रहा। जबकि एक साल पहले समान अवधि में यह 15.45 लाख टन था। तेल उद्योग संगठन एसईए ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि नवंबर के
नई दिल्लीः देश का वनस्पति तेल आयात तेल सत्र 2023-24 के पहले महीने नवंबर में 25 प्रतिशत घटकर 11.60 लाख टन रहा। जबकि एक साल पहले समान अवधि में यह 15.45 लाख टन था। तेल उद्योग संगठन एसईए ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि नवंबर के महीने में कुल वनस्पति तेल आयात में से खाद्य तेल 11.48 लाख टन और अखाद्य तेल 12,498 टन रहा। भारत दुनिया में वनस्पति तेल का प्रमुख खरीदार है और यह खाद्य तेल श्रेणी में परिष्कृत एवं कच्चे वनस्पति तेलों का आयात करता है। तेल वर्ष की गणना नवंबर से शुरू होकर अक्टूबर तक की जाती है।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने कहा कि नवंबर में देश का कच्चा वनस्पति तेल आयात 26.34 प्रतिशत घटकर 9.77 लाख टन रह गया जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 13.26 लाख टन था। इसी तरह रिफाइंड वनस्पति तेलों का आयात इस साल नवंबर में 15.41 प्रतिशत घटकर 1.71 लाख टन रह गया जो पिछले साल की समान अवधि में 2.02 लाख टन था। कच्चे वनस्पति तेलों में से आरबीडी पामोलीन का आयात पिछले महीने सालाना आधार पर घटकर 1.71 लाख टन पर आ गया लेकिन अक्टूबर के 53,497 टन आयात से यह करीब तिगुना रहा।
एसईए ने कहा कि कच्चे पाम तेल (सीपीओ) और रिफाइंड तेल के आयात शुल्क में 8.25 प्रतिशत का मौजूदा प्रभावी अंतर होना सीपीओ के उलट रिफाइंड पामोलीन के आयात को प्रोत्साहन दे रहा है। एक बयान के मुताबिक, "कहने की जरूरत नहीं है कि तैयार माल का यह आयात हमारे राष्ट्रीय हितों के खिलाफ है और हमारे पाम रिफाइनिंग उद्योग की क्षमता उपयोग को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है।" पामोलीन आयात में वृद्धि का मुख्य कारण निर्यातक देशों (मलेशिया और इंडोनेशिया) द्वारा अपने उद्योग को दिया गया प्रोत्साहन है। दोनों देशों ने कच्चे पाम पर अधिक निर्यात शुल्क और रिफाइंड पामोलीन पर कम निर्यात शुल्क रखा है।
भारत इंडोनेशिया एवं मलेशिया से पाम तेल और अर्जेंटीना से सोयाबीन तेल सहित थोड़ी मात्रा में कच्चे नरम तेल का आयात करता है। वहीं, सूरजमुखी तेल का आयात यूक्रेन और रूस से किया जाता है। उद्योग संगठन ने कहा, "सीपीओ और पामोलीन के बीच भारत द्वारा लगाए गए आयात शुल्क में 8.25 प्रतिशत का अंतर होना पामोलीन के आयात को विनियमित करने के लिए नाकाफी है।"
एसईए के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल नवंबर में सीपीओ का आयात घटकर 6.92 लाख टन रह गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 9.31 लाख टन था। इसी तरह कच्चे सूरजमुखी तेल का आयात भी 1.57 लाख टन से घटकर पिछले महीने 1.28 लाख टन पर आ गया। कच्चे सोयाबीन तेल का आयात भी 2.29 लाख टन से गिरकर 1.49 लाख टन हो गया। देश में एक दिसंबर तक खाद्य तेल का स्टॉक 29.60 लाख टन था, जो पिछले महीने से 1.79 लाख टन कम है।