पंजाब में खनन विभाग की फर्जी वैबसाइट चलाने वाला मास्टरमाइंड गिरफ्तार

Edited By Updated: 03 Mar, 2025 07:13 PM

mastermind who ran fake website of mining department in punjab arrested

वैबसाइट के जरिए नकली खनन रसीदें और फॉर्म तैयार करता था आरोपी : डी.जी.पी. गौरव यादव एक अन्य आरोपी की पहचान, गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीमें कर रही छापेमारी

चंडीगढ़: पंजाब सरकार के खनन विभाग की आधिकारिक वैबसाइट के जैसी ही फर्जी वैबसाइट बनाकर नकली रसीदें और फॉर्म तैयार कर अवैध खनन गतिविधियों में शामिल वाहनों को सुचारू आवाजाही की सुविधा देने वाले मुख्य आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। 


डी.जी.पी. गौरव यादव ने आरोपी की पहचान खरड़ (एस.ए.एस. नगर) निवासी गौरव कुमार के रूप में बताई है। आरोपी ने नवंबर 2024 में यह फर्जी वैबसाइट बनाई थी, जो जनवरी 2025 तक सक्रिय रही।
डी.जी.पी. ने बताया कि नकली स्लिपों में आधिकारिक खनन वैबसाइट की तर्ज पर एक बारकोड/क्यूआर स्कैनर कोड भी मौजूद था, जो वाहनों को अवैध खनन रोकने के लिए लगाई गई सभी सुरक्षा जांचों को पार करने में मदद करता था। प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि आरोपी ने फिरोजपुर के एक व्यक्ति के साथ मिलकर 2000 से अधिक नकली खनन रसीदें तैयार कीं, जिससे पंजाब सरकार के खजाने को लगभग 40-50 लाख रुपए का नुक्सान हुआ।


अपराध में इस्तेमाल कंप्यूटर सिस्टम जब्त
डी.जी.पी. ने बताया कि वैबसाइट का बैकअप, जिसमें नकली रसीदें, वाहनों की तस्वीरें, खनन सामग्री के स्रोतों और आवाजाही से संबंधित जानकारी शामिल है, बरामद कर लिया गया है। इसके अलावा अपराध में इस्तेमाल किए गए कंप्यूटर सिस्टम भी जब्त कर लिए गए हैं। इस धोखाधड़ी में शामिल पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए आगे की जांच जारी है।


मुख्य अ​​भियंता ने दर्ज करवाई थी ​शिकायत
एडी.जी.पी.  (साइबर क्राइम डिवीजन) वी. नीरजा ने बताया कि खनन विभाग के मुख्य अभियंता ने इस संबंध में शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आधिकारिक वैबसाइट की तर्ज पर एक फर्जी वैबसाइट का उपयोग कर अवैध खनन गतिविधियों को सुगमता से अंजाम दिया जा रहा है। जांच के दौरान पता चला कि यह फर्जी वैबसाइट अमरीका-आधारित डोमेन प्रदाता गोडैडी पर पंजीकृत और होस्ट की गई थी। जब साइबर क्राइम अधिकारियों ने गोडैडी के कानूनी अधिकारियों और विभिन्न इंटरनैट सेवा प्रदाताओं से समन्वय कर जांच की, तो पाया गया कि यह फर्जी वैबसाइट आरोपी गौरव कुमार द्वारा बनाई गई थी।


उन्होंने बताया कि डी.एस.पी. साइबर क्राइम सिमरनजीत सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीमों ने आरोपी के आई.पी. एड्रैस और मोबाइल नंबरों की जांच कर विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की, जिससे आरोपी गौरव कुमार की गिरफ्तारी संभव हो सकी। पुलिस टीमों ने इस धोखाधड़ी में शामिल दूसरे आरोपी की भी पहचान कर ली है और उसे पकड़ने के लिए छापेमारी जारी है।
एडी.जी.पी.  वी. नीरजा ने बताया कि बरामद किए गए रिकॉर्ड से मिली जानकारी के अनुसार, तैयार किए गए अधिकांश फर्जी खनन फॉर्म लुधियाना स्थित 'नवयुग' नामक फर्म से जुड़े हुए हैं। इस मामले में 11 फरवरी 2025 को बी.एन.एस. की धारा 318(4), 336(3) और 61(2) तथा आई.टी. एक्ट की धारा 663, 664 और 66 के तहत पुलिस स्टेशन स्टेट साइबर क्राइम, पंजाब में मामला दर्ज किया गया है।
 

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