पी.जी.आई. के कार्डियोलॉजी विभाग ने लाइव कार्डियक प्रोसीजर से रचा इतिहास

Edited By Updated: 02 Jul, 2025 12:15 AM

pgi s cardiology department created history with live cardiac procedure

देश-विदेश के हजारों डॉक्टरों ने देखा लाइव ऑपरेशन हाई-एंड तकनीकों का इस्तेमाल कर जटिल बाईपास ग्राफ्ट ब्लॉकेज का किया सफल इलाज बुजुर्ग मरीज का इलाज किया, जिसे 15 साल पहले बाईपास सर्जरी और 4 साल पहले स्टंट डाला गया था

चंडीगढ़ : पी.जी.आई. के एडवांस्ड कार्डियक सैंटर ने मैडिकल क्षेत्र में एक और नई मिसाल कायम की है। संस्थान के अनुभवी कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टरों की टीम ने 28 जून को एक जटिल कार्डियक प्रोसीजर को लाइव मुंबई में आयोजित नैशनल इंटरवेंशनल काऊंसिल (एन.आई.सी.) तक प्रसारित किया। यह प्रक्रिया पी.जी.आई. की अत्याधुनिक कैथेटराइजेशन लैब से सीधे देश-विदेश के हजारों एक्सपर्ट्स तक पहुंचाई गई। इस ऐतिहासिक मैडिकल उपलब्धि की अगुवाई प्रोफैसर डॉ. राजेश विजयवर्गीय ने की, जो कार्डियोलॉजी विभाग के जाने-माने इंटरवेंशनल एक्सपर्ट हैं। प्रोसीजर के दौरान टीम ने एक बुजुर्ग मरीज का इलाज किया, जिन्हें 15 साल पहले बाईपास सर्जरी और 4 साल पहले स्टंट डाला गया था। अब फिर से उनकी पुरानी ग्राफ्ट्स में रुकावट आ गई थी और छाती में दर्द की शिकायत थी। इस केस में डॉक्टरों ने दो बाईपास ग्राफ्ट्स को एंजियोप्लास्टी के जरिए खोला और इन्ट्रावास्कुलर अल्ट्रासाऊंड (आई.वी.यू.एस.) और ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी (ओ.सी.टी.) जैसी विश्वस्तरीय तकनीकों का उपयोग किया गया। ये तकनीकें भारत के गिने-चुने अस्पतालों में ही उपलब्ध हैं। ऐसे मामलों में स्टंट की स्थिति, अंदरूनी दीवारों की गहराई और रुकावट के प्रकार को बारीकी से जानने के लिए आईवीयूएस और ओसीटी अत्यधिक प्रभावी होती हैं।

देशभर के युवा डॉक्टर सीख सकते हैं कि गंभीर मामलों को कैसे हैंडल 

प्रो. विजयवर्गीय ने कहा कि हमारा उद्देश्य सिर्फ इलाज करना नहीं, बल्कि दूसरों को सिखाना और तकनीकी जानकारी साझा करना भी है। लाइव केस डैमोंस्ट्रेशन एक सिखाने का माध्यम है, जिससे देशभर के युवा डॉक्टर सीख सकते हैं कि जटिल मामलों को कैसे हैंडल किया जाता है। मुंबई में सम्मेलन के दौरान जब लाइव प्रसारण हुआ, तब पैनल में मौजूद देश-विदेश के विशेषज्ञों ने केस पर गहन चर्चा की। केस की जटिलता, टूल्स का चयन, और संभावित वैकल्पिक उपायों पर खुलकर विचार साझा किए गए। इस संवाद ने केवल चिकित्सा विज्ञान की जानकारी को समृद्ध किया, बल्कि पी.जी.आई. की विश्वस्तरीय छवि को और मजबूत किया।

हर साल कई मुश्किल इंटरवेंशनल प्रोसीजर किए जाते हैं

डॉ. विजयवर्गीय ने बताया कि हमारे यहां हर साल कई जटिल इंटरवेंशनल प्रोसीजर किए जाते हैं, जिन्हें देश के वैज्ञानिक सम्मेलनों में दिखाया जाता है। इससे हमारा अनुभव और नॉलेज देशभर के चिकित्सकों तक पहुंचता है। इस प्रकार के लाइव प्रोसीजर भविष्य के कार्डियोलॉजिस्ट्स के लिए एक शिक्षा का खजाना हैं। पीजीआई न सिर्फ इलाज में बल्कि इनोवेशन, प्रशिक्षण और रिसर्च में बड़ी भूमिका निभा रहा है। यह उपलब्धि न केवलपीजीआई के लिए बल्कि पूरे चिकित्सा समुदाय के लिए गौरव का विषय है।

 

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