पूटा चुनाव : प्रो. राजेश गिल और डा. मनु-कश्मीर ग्रुप ने एक-दूसरे पर लगाए आरोप

Edited By Updated: 27 Oct, 2021 02:02 AM

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PUTA ELECTION

चंडीगढ़  (रश्मि हंस)   पूटा चुनाव आगामी 28 अक्तूबर को होने वाले हैं लेकिन चुनाव लड़ रहे दोनों ग्रुपों एक-दूसरे पर आरोप लगाए हैं। प्रो. राजेश गिल ग्रुप से मौजूदा पूटा अध्यक्ष ने कहा कि वह सिर्फ अपनी बातों को कह भर रहे हैं। उन्होंने अभी कोई काम नहीं किया है। 7वें पे-कमिशन के लिए जितने दिन धरने दिए हैं, उसका रिजल्ट आएगा। जब मौके पर आकर शिक्षा मंत्री और सचिव ने आकरहमें खुद आश्वासन दिया कि 7वें पे-कमिशन की सिफारिशें जल्द ही लागू होंगी और हमें धरने से उठ जाना चाहिए। हमें उनकी बात माननी पड़ी। 43 दिन चले धरने के कारण इस विषय पर लगातार काम किया जा रहा है। वहीं, कैस प्रमोशन को लेकर भी जो धरना दिया गया है, उसके बाद ही टीचरों को प्रमोशन मिला है।

 

हम रिफॉर्म के विरोध में, नहीं लेकिन ओपन डिस्कशन होना जरूरी
 ग्रुप ने कहा कि हम सीनेट में रिफॉर्म होने के विरोध में नहीं हैं। बस हमारी मांग है कि रिफॉर्म होने से पहले स्टेक होल्डर का ओपन डिस्कशन होना जरूरी है। ध्यान रहें कि मौजूदा डॉ. राजेश गिल ग्रुप पूटा में पिछले चार वर्षों से लगातार जीत रही है। वहीं,  डॉ. मनु-कश्मीर टीम पूटा के विरोध में पहली बार चुनाव लड़ रही है। 

विरोधी टीम शिक्षकों का ध्यान अपनी और आकर्षित करने के लिए कुछ भी बोल रही है 
प्रैजीडैंट के पद पर खड़ी सुपिंद्र कौर ने कहा कि विरोधी टीम शिक्षकों का ध्यान अपनी और आकर्षित करने के लिए कुछ भी बोल रही है। सुपिंद्र कौर ने कहा कि पूटा शिक्षकों की आवाज उठाने वाला प्रैशर ग्रुप है, अथॉरिटी नहीं है। उन्होंने कहा कि दूसरा ग्रुप वी.सी. के लिए है, वी.सी. का है। मृत्युजंय के नान-टीचिंग होने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि दूसरा ग्रुप जीतने के लिए पर्सनल अटैक कर कर रहा है।   


पे-कमीशन पर नहीं हुआ कोई काम : डा. मनु-कश्मीर ग्रुप

पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर एसोसिएशन 7वें पे-कमीशन के लिए चार वर्षों से काम कर रही है, लेकिन अब तक कुछ नहीं हो पाया। पी.यू. को सैंट्रल फंड मिले इस पर भी कुछ काम अभी तक नहीं हो पाया है। डैंटल कॉलेज की कैश प्रोमोशन को लेकर कभी कोई मुद्दा नहीं उठाया गया है। डा. मनु-कश्मीर सिंह ने प्रैस कांफ्रैंस में अपनी यह बात रखी।
 डा. मनु-कश्मीर ने कहा कि पूटा चुनावों में हम लोग जो खड़े हुए हैं, वह सैल्फ  मोटीवेटिड वॉलंटियर हैं। हमें भी पी.यू. में काम करते हुए कई वर्ष हो गए हंै, लेकिन हमारे मुद्दों को नहीं सुना जाता। अब विभिन्न विभागों ने मिलकर पूटा चुनावों के लिए यह टीम बनाई है, ताकि सभी लोग समस्याओं को पूटा प्लेटफार्म तक पहुंचा सकें। 


पूटा धरने में शामिल होने से हमें रोका: प्रो प्रियातोष
डा. मनु-कश्मीर की टीम से प्रो. प्रियातोष ने कहा कि हम लोग पूटा द्वारा दिए जा रहे 43 दिन के धरने में शामिल होना चाहते थे, लेकिन पूटा अध्यक्ष मृत्युंजय ने हमें धरने में शामिल होने से मना कर दिया। हम लोग अभी तक पूटा में नहीं है। फिर भी हमने शिक्षकों की वैल्फेयर के लिए कई पत्र प्रबंधन को लिखे हंै। हम 7वें पे-कमीशन, कैश प्रोमोशन और शिक्षकों से जुड़े अहम मुद्दे पर आवाज उठाएंगे ही नहीं, बल्कि धरने भी देंगे।  पूटा अध्यक्ष मृत्युजंय ने कहा कि हमें धरने मे शामिल होने के कुछ शिक्षक रात को फोन करते थे और सुबह खुद ही किसी काम में फंसे होने के कारण आने को मना कर देते थे। 
प्रो. ग्रोवर उनकी टीम से कभी मिले भी नहीं थे 
डा. मनु ने कहा कि पी.यू. के पूर्व वी.सी. प्रो. अरुण ग्रोवर के साथ सीनेट और सिंडीकेट ने उनके जाने के समय जो व्यवहार किया, वह किसी से छुपा नहीं है। वहीं, मौजूदा पूटा टीम के चुने जाने पर प्रो. अरुण ग्रोवर उनकी टीम से मिले भी नहीं थे। अब मौजूदा पूटा अपने एजैंडे में वी.सी. पर ही हर प्रकार के आरोप लगा रहा है। प्रो. गुरमीत सिंह, प्रो. सुमन मोर, प्रो. कश्मीर सिंह व अन्य प्रोफैसरों ने कहा कि कैंपस खुलना चाहिए। डा. इकरीत ने कहा कि डैंटल कॉलेज नाराज हो गया था तो कभी यह जानने की कोशिश नहीं की कि पूटा का बॉयकाट क्यों किया? वहीं डा. राजेश गिल ग्रुप के सदस्यों ने भी कहा कि कैंपस को खुलना चाहिए। डैंटल कॉलेज पी.यू. का हिस्सा है। हमने कभी डैंटल कॉलेज को इग्नोर नहीं किया। 

 

 

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