Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Feb, 2018 08:52 AM
श्री कृष्ण सर्वगुणाधार हैं। उनका सतत् ध्यान करने से मनुष्य का कल्याण होता है और उन्हें भूल जाने से ही जीव की दुर्गति होती है। भगवान श्रीकृष्ण द्वारा प्रदत्त गीता का ज्ञान, तो दूसरी ओर बंसी की तान, से मनुष्य ही नहीं बल्कि पशु-पक्षी भी सम्मोहित हो गए।
श्री कृष्ण सर्वगुणाधार हैं। उनका सतत् ध्यान करने से मनुष्य का कल्याण होता है और उन्हें भूल जाने से ही जीव की दुर्गति होती है। भगवान श्रीकृष्ण द्वारा प्रदत्त गीता का ज्ञान, तो दूसरी ओर बंसी की तान, से मनुष्य ही नहीं बल्कि पशु-पक्षी भी सम्मोहित हो गए। वह श्याम वर्ण होने पर भी सौंदर्य की खान हैं। इसी से उनका दूसरा नाम श्यामसुंदर भी है। वह दीन-दुखियों पर दया तो करते ही हैं पर दुष्टों के दमन में भी देर नहीं लगाते। आप भी अपने सभी कष्टों का नाश करना चाहते हैं तो प्रात: आंख खुलते ही सर्वप्रथम श्रीराधा कृष्ण का दर्शन और मंत्रों का जाप करें। ऐसा करने से आपके सारे दिन पर सकारात्मकता का प्रभाव रहेगा और कोई संकट-परेशानी आपको छू भी नहीं पाएगी। घर-परिवार पर यशोदा नंदन अपना आशीष बनाए रखेंगे। भगवान श्रीकृष्ण के मंत्रों का जाप करें-
क्लीं कृष्णाय नमः
ऊं गोपीजनवल्लभाय नमः
ऊं गोकुल नाथाय नमः
ऊं नमो भगवते श्रीगोविन्दाय
ऊं नमो भगवते वासुदेवाय
इन सभी मंत्रों का जाप करना संभव न हो तो इस महामंत्र का जाप कर सकते हैं-
महामंत्र- हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।।
अर्थात- श्री कृष्ण चरित का पूरक है श्री राम चरित हरि को सत नाम और श्री राम नाम द्वारा भी जाना जाता है। राम शब्द का अर्थ है व्यापक। कृष्ण शब्द का अर्थ है ऐसा आकर्षण जो हमें आनंद प्रदान करें। श्री कृष्ण चरित श्री राम चरित का पूरक है। दोनों चरित मिलकर श्री हरि की व्याख्या करते हैं।