Amalaki Ekadashi: 20 या 21 कब मनाई जाएगी आमलकी एकादशी, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 15 Mar, 2024 10:11 AM

amalaki ekadashi

सनातन धर्म में हर माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की एकादशी का बहुत महत्व है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Amalaki Ekadashi: सनातन धर्म में हर माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की एकादशी का बहुत महत्व है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी या रंगभरी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को लेकर लोगों में कन्फ्यूजन बनी हुई है। माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और व्रत रखने से सभी कष्ट दूर होते हैं। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। आइए जानते हैं आमलकी एकादशी कब है, पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

PunjabKesari Amalaki Ekadashi

Amalaki Ekadashi auspicious time आमलकी एकादशी शुभ मुहूर्त  
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी की शुरुआत दोपहर को 12 बजकर 21 मिनट पर होगी और अगले दिन यानी 21 मार्च को 2 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए उदयतिथि के अनुसार, 20 मार्च को आमलकी एकादशी मनाई जाएगी।

पारण का समय- आमलकी एकादशी व्रत के पारण का समय 21 मार्च की दोपहर 1 बजकर 7 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 32 मिनट तक रहेगा।

PunjabKesari Amalaki Ekadashi

Importance of Amalaki Ekadashi आमलकी एकादशी का महत्व
हिंदू धर्म में आमलकी एकादशी का बहुत महत्व है। शास्त्रों में आमलकी एकादशी का व्रत बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान विष्ण की पूरे विधि-विधान से पूजा करने और व्रत रखने से सौभाग्य, समृद्धि और खुशी की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि आमलकी एकादशी के दिन विष्णु जी को आंवले का फल चढ़ाने से जीवन में आनी वाली हर परेशानी से छुटकारा मिलता है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

PunjabKesari Amalaki Ekadashi

Amalaki Ekadashi puja method आमलकी एकादशी पूजा विधि
आमलकी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।
 विष्णु जी का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें।
अब भगवान विष्णु की पूरे विधि-विधान से पूजा करें।
विष्णु जी को पंचामृत, फूलों की माला, धूप, रोली, चंदन, अक्षत और फूल आदि अर्पित करें।
पूजा के दौरान भगवान विष्णु को आंवले का भोग लगाएं।
अंत में श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करें और उनकी आरती करें।

PunjabKesari Amalaki Ekadashi

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!